मसौढ़ी: कृषि विभाग के कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अधिकरण यानी आत्मा द्वारा मसौढ़ी के कृषि भवन में दो दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर डीएओ ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके अपनाकर बकरी पालन व्यवसाय से किसानों की आय दोगुनी से तिगुनी तक हो सकती है. बकरी पालन में उच्च नस्ल का चयन आवश्यक है. सही समय पर बकरियों को गर्भधारण कराने से नवजात में मृत्यु दर कम होती है.
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व्यवसाय करने की आवश्यकता
स्वरोजगार के लिए बकरी पालन बेहतर विकल्प है. अब खेती के साथ-साथ किसानों को मत्स्य, पशुपालन, बकरी पालन और मुर्गी पालन जैसे व्यवसाय करने की आवश्यकता है. वहीं परियोजना के अधिकारी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बकरी एक छोटा जानवर है. इसे सरलता से पाला जा सकता है. कृषि विज्ञान के कृषि वैज्ञानिक ने बकरी पालन समाज के भूमिहीन और बेरोजगार युवाओं के लिए बेहतर आमदनी का साधन है.
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विस्तार पूर्वक जानकारी
बकरी पालकों को भेड़ बकरियों के उचित रखरखाव, समय पर टीकाकरण, कृमि नाशक दवा पिलाने आदि पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई. पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजीव, डॉक्टर शंभू समेत, कृषि समन्वयक नवीन कुमार, नोडल पदाधिकारी नागेंद्र सिंह समेत कृषि विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद रहे.