ETV Bharat / state

पटना: कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को बचाने की तैयारी, AIIMS में पेडियाट्रिक्स चिकित्सकों को दी गयी ट्रेनिंग

कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) चिकित्सा जगत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. थर्ड वेव में इसके प्रकोप को लेकर चिंता जतायी जा रही है. कोरोना के इस लहर में बच्चों के संक्रमित होने की प्रबल आशंका है. इससे निपटने की तैयारियों को लेकर पटना एम्स (AIIMS Patna) में पेडियाट्रिक्स चिकित्सकों काे ट्रेनिंग दी गई.

पटना एम्स में पेडियाट्रिक्स चिकित्सकों को दी गई ट्रेनिंग
पटना एम्स में पेडियाट्रिक्स चिकित्सकों को दी गई ट्रेनिंग
author img

By

Published : Jul 7, 2021, 12:16 PM IST

पटना: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए शिशु रोग विभाग (Department of Pediatrics) पटना एम्स (Patna AIIMS) और बिहार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बिहार के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर और नर्सों की पीआईसीयू ट्रेनिंग (PICU Training) का आयोजन शुरू हुआ.

ये भी पढ़ें- Corona Pandemic: पटना एम्स में दरभंगा के डॉक्टर की कोरोना से मौत

कोरोना से बच्चों को बचाने की कवायद
कार्यक्रम का शुभारंभ एम्स के निदेशक डॉ. पी. के. सिंह ने दीप जलाकर किया. इस मौके पर अधीक्षक डॉ. सी. एम. सिंह, डीन डॉ. उमेश भदानी और कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश तिवारी समेत कई चिकित्सक मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में 31 डॉक्टर और नर्सों ने हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम 2 सप्ताह तक चलेगा. इसमें सभी को पीआईसीयूकी ट्रेनिंग (PICU Training) दी जाएगी. कार्यक्रम के पहले दिन स्थिति के बारे में राज्य के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं निदेशक, नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NVBDCP) डॉक्टर अंजनी कुमार के द्वारा बताया गया.

पीआईसीयू सेंसिटाइजेशन एंड ओवरशिप प्रोग्राम का यह तीसरा संस्करण है. जिसका डॉक्टरों को 2 सप्ताह के लिए पीआईसीयू की ट्रेनिंग दी जा रही है. पटना एम्स (Patna AIIMS) के पीकू (PICU) को राज्य के अन्य पीकू को डिजिटल माध्यम से जोड़ने के लिए एम्स पटना एवं स्टार्टअप क्लाउडसपीटल निर्मित द कियोस्क पीआईसीयू का प्रदर्शन भी इस कार्यक्रम में किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- पटना AIIMS में 6-10 साल के बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल शुरू, पहले दिन 17 बच्चों का रजिस्ट्रेशन

तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमित होने का खतरा
कियोस्क (Kiosk) के माध्यम से अन्य पीकू (Paediatric Intensive Care Unit) को पटना एम्स में पदस्थापित वरीय चिकित्सकों द्वारा दूरस्थ परामर्श दिया जाएगा. जिससे पीकू में भर्ती बच्चों की चिकित्सा में सहायता मिलेगी. इस कियोस्क में मौजूद नई तकनीक जैसे हृदय ध्वनि सुनने के लिए डिजिटल स्टैथोस्कोप, डिजिटल ऑटोस्कोप, डिजिटल डर्माटोस्कोप के माध्यम से भर्ती बच्चों की वास्तविक समय में क्लीनिकल जांच की जा सकेगी.

बच्चों के एक्सरे सीटी स्कैन अल्ट्रासाउंड इकोकार्डियोग्राफी, मल्टी पारा मॉनिटर्स और और ब्लड रिपोर्ट को भी ऑडियो वीडियो माध्यम से देखा जा सकेगा. इस कियोस्क के माध्यम से पीकू में भर्ती बच्चों की 24 घंटे निगरानी वरीय चिकित्सकों द्वारा की जा सकेगी और आपातकाल के समय में उनका बहुमूल्य परामर्श लिया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- 61 साल के मरीज के पेट से निकला 2 Kg का ट्यूमर, AIIMS ने डॉक्टरों ने बचाई जान

दो सप्ताह तक चलेगा कार्यक्रम
कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतिभागियों को बीमार बच्चों का मूल्यांकन करने एवं पीकू की कार्यप्रणाली और दस्तावेजों का लेखा जोखा रखने के बारे में बताया जाएगा. 2 सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य में चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू और सुदृढ़ बनाना है.

पटना: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए शिशु रोग विभाग (Department of Pediatrics) पटना एम्स (Patna AIIMS) और बिहार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बिहार के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर और नर्सों की पीआईसीयू ट्रेनिंग (PICU Training) का आयोजन शुरू हुआ.

ये भी पढ़ें- Corona Pandemic: पटना एम्स में दरभंगा के डॉक्टर की कोरोना से मौत

कोरोना से बच्चों को बचाने की कवायद
कार्यक्रम का शुभारंभ एम्स के निदेशक डॉ. पी. के. सिंह ने दीप जलाकर किया. इस मौके पर अधीक्षक डॉ. सी. एम. सिंह, डीन डॉ. उमेश भदानी और कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश तिवारी समेत कई चिकित्सक मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में 31 डॉक्टर और नर्सों ने हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम 2 सप्ताह तक चलेगा. इसमें सभी को पीआईसीयूकी ट्रेनिंग (PICU Training) दी जाएगी. कार्यक्रम के पहले दिन स्थिति के बारे में राज्य के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं निदेशक, नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NVBDCP) डॉक्टर अंजनी कुमार के द्वारा बताया गया.

पीआईसीयू सेंसिटाइजेशन एंड ओवरशिप प्रोग्राम का यह तीसरा संस्करण है. जिसका डॉक्टरों को 2 सप्ताह के लिए पीआईसीयू की ट्रेनिंग दी जा रही है. पटना एम्स (Patna AIIMS) के पीकू (PICU) को राज्य के अन्य पीकू को डिजिटल माध्यम से जोड़ने के लिए एम्स पटना एवं स्टार्टअप क्लाउडसपीटल निर्मित द कियोस्क पीआईसीयू का प्रदर्शन भी इस कार्यक्रम में किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- पटना AIIMS में 6-10 साल के बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल शुरू, पहले दिन 17 बच्चों का रजिस्ट्रेशन

तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमित होने का खतरा
कियोस्क (Kiosk) के माध्यम से अन्य पीकू (Paediatric Intensive Care Unit) को पटना एम्स में पदस्थापित वरीय चिकित्सकों द्वारा दूरस्थ परामर्श दिया जाएगा. जिससे पीकू में भर्ती बच्चों की चिकित्सा में सहायता मिलेगी. इस कियोस्क में मौजूद नई तकनीक जैसे हृदय ध्वनि सुनने के लिए डिजिटल स्टैथोस्कोप, डिजिटल ऑटोस्कोप, डिजिटल डर्माटोस्कोप के माध्यम से भर्ती बच्चों की वास्तविक समय में क्लीनिकल जांच की जा सकेगी.

बच्चों के एक्सरे सीटी स्कैन अल्ट्रासाउंड इकोकार्डियोग्राफी, मल्टी पारा मॉनिटर्स और और ब्लड रिपोर्ट को भी ऑडियो वीडियो माध्यम से देखा जा सकेगा. इस कियोस्क के माध्यम से पीकू में भर्ती बच्चों की 24 घंटे निगरानी वरीय चिकित्सकों द्वारा की जा सकेगी और आपातकाल के समय में उनका बहुमूल्य परामर्श लिया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- 61 साल के मरीज के पेट से निकला 2 Kg का ट्यूमर, AIIMS ने डॉक्टरों ने बचाई जान

दो सप्ताह तक चलेगा कार्यक्रम
कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतिभागियों को बीमार बच्चों का मूल्यांकन करने एवं पीकू की कार्यप्रणाली और दस्तावेजों का लेखा जोखा रखने के बारे में बताया जाएगा. 2 सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य में चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू और सुदृढ़ बनाना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.