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बिहार में जातिगत जनगणना 2022: कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग, दो चरणों में होगी गिनती - पटना में प्रगणकों को जनगणना की ट्रेनिंग

बिहार राज्य में जाति आधारित जनगणना की तैयारी (Caste Census in Bihar) जोरों पर है. इसके लिए पटना जिले में प्रगणकों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस कार्यक्रम को दो चरणों में बांट दिया गया है. पहले चरण में मकानों की गिनती की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार जाति आधारित गणना 2022
बिहार जाति आधारित गणना 2022
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Published : Jan 3, 2023, 7:48 PM IST

जनगणना के लिए प्रगणकों को मिला प्रशिक्षण

पटना: बिहार में जाति आधारित गणना की तैयारियां तेज (Preparations for caste based census In Patna) हो गई है. गांव से लेकर शहर तक जाति आधारित गणना के लिए प्रखंड स्तरीय और नगर स्तर पर प्रगणकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों के सभी गणनाकर्मियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण देने के लिए कार्य प्रारंभ (Training For Census In Patna) कर दिए गए हैं. जानकारी मिली है कि मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायतों में कुल 554 गणना कर्मी लगाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: Caste Census in Bihar : 'कर्नाटक मॉडल' अपनाएंगे नीतीश, उपजातियां हैं बड़ी चुनौती

जाति आधारित जनगणना के लिए ट्रेनिंग: राजधानी पटना में जाति आधारित गणना 2022 को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई है. मसौढ़ी में नगरीय और पंचायत स्तरीय सभी गणना कर्मियों को विद्यालयों में एकजुट कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बताया जाता है कि इस जाति आधारित गणना को सरकार ने दो चरणों में संपन्न करवाने की तैयारी की है.

इसके लिए प्रथम चरण में मकानों की सूची बनाई जाएगी. जबकि द्वितीय चरण में वास्तविक गणना कार्य संपन्न करवाया जाएगा. जिले में प्रथम चरण की शुरुआत 7 जनवरी से होकर 21 जनवरी 2023 तक चलेगी. इस जाति आधारित गणना को 31 मई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. इस दौरान राज्य के सभी व्यक्तियों का जाति आधारित गणना किया जाना है. चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय के हों. इस गणना में बिहार के बाहर रहने वाले निवासियों की गणना भी की जाएगी.


प्रगणक को एक से ज्यादा वार्ड नहीं: इस जातिगत आधारित गणना को शहर से लेकर गांव तक के वार्ड स्तर पर किया जाना है. यदि वार्ड की जनसंख्या 700 या उससे कम होगी तो उस तरह के प्रत्येक वार्ड पर एक गणना ब्लॉक के रूप में की जाएगी. यदि आबादी 700 से अधिक होगी तब 700 के गुणांक संख्या अनुरूप उप गणना ब्लॉक बनाया जाएगा.

इस जनगणना में लगभग 700 लोगों की आबादी पर 1 प्रगणक को काम दिया जाना है. इसके तहत संक्षिप्त मकान सूची से संबंधित प्रपत्र में मकान सूचीकरण और नंबरीकरण के समय परिवारों की मकान सूचना संकलित की जानी है. इस सूचना के आधार पर मकान गणना के काम में घर-घर जाकर गणना किया जाएगा. ताकि कोई परिवार या घर गणना के कार्य में नहीं छूटे. किसी भी परिस्थिति में एक प्रगणक को 2 वार्ड का क्षेत्र नहीं दिया जाएगा.



"मसौढ़ी में नगरीय और पंचायत स्तरीय सभी गणना कर्मियों को विद्यालयों में एकजुट कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस जाति आधारित जनगणना को सरकार ने दो चरणों में संपन्न करवाने की तैयारी की है. इसके लिए प्रथम चरण में मकानों की सूची बनाई जाएगी. जबकि द्वितीय चरण में वास्तविक गणना कार्य संपन्न करवाया जाएगा." मृणाल कांत चंदा, सहायक चार्ज पदाधिकारी, बिहार जाति आधारित गणना

ये भी पढ़ें- ...तो इसलिए हो रही है 'जातिगत जनगणना' की मांग! किसे होगा नफा, कौन उठाएगा नुकसान.. जानिए सब कुछ


जनगणना के लिए प्रगणकों को मिला प्रशिक्षण

पटना: बिहार में जाति आधारित गणना की तैयारियां तेज (Preparations for caste based census In Patna) हो गई है. गांव से लेकर शहर तक जाति आधारित गणना के लिए प्रखंड स्तरीय और नगर स्तर पर प्रगणकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों के सभी गणनाकर्मियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण देने के लिए कार्य प्रारंभ (Training For Census In Patna) कर दिए गए हैं. जानकारी मिली है कि मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायतों में कुल 554 गणना कर्मी लगाए जाएंगे.

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जाति आधारित जनगणना के लिए ट्रेनिंग: राजधानी पटना में जाति आधारित गणना 2022 को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई है. मसौढ़ी में नगरीय और पंचायत स्तरीय सभी गणना कर्मियों को विद्यालयों में एकजुट कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बताया जाता है कि इस जाति आधारित गणना को सरकार ने दो चरणों में संपन्न करवाने की तैयारी की है.

इसके लिए प्रथम चरण में मकानों की सूची बनाई जाएगी. जबकि द्वितीय चरण में वास्तविक गणना कार्य संपन्न करवाया जाएगा. जिले में प्रथम चरण की शुरुआत 7 जनवरी से होकर 21 जनवरी 2023 तक चलेगी. इस जाति आधारित गणना को 31 मई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. इस दौरान राज्य के सभी व्यक्तियों का जाति आधारित गणना किया जाना है. चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय के हों. इस गणना में बिहार के बाहर रहने वाले निवासियों की गणना भी की जाएगी.


प्रगणक को एक से ज्यादा वार्ड नहीं: इस जातिगत आधारित गणना को शहर से लेकर गांव तक के वार्ड स्तर पर किया जाना है. यदि वार्ड की जनसंख्या 700 या उससे कम होगी तो उस तरह के प्रत्येक वार्ड पर एक गणना ब्लॉक के रूप में की जाएगी. यदि आबादी 700 से अधिक होगी तब 700 के गुणांक संख्या अनुरूप उप गणना ब्लॉक बनाया जाएगा.

इस जनगणना में लगभग 700 लोगों की आबादी पर 1 प्रगणक को काम दिया जाना है. इसके तहत संक्षिप्त मकान सूची से संबंधित प्रपत्र में मकान सूचीकरण और नंबरीकरण के समय परिवारों की मकान सूचना संकलित की जानी है. इस सूचना के आधार पर मकान गणना के काम में घर-घर जाकर गणना किया जाएगा. ताकि कोई परिवार या घर गणना के कार्य में नहीं छूटे. किसी भी परिस्थिति में एक प्रगणक को 2 वार्ड का क्षेत्र नहीं दिया जाएगा.



"मसौढ़ी में नगरीय और पंचायत स्तरीय सभी गणना कर्मियों को विद्यालयों में एकजुट कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस जाति आधारित जनगणना को सरकार ने दो चरणों में संपन्न करवाने की तैयारी की है. इसके लिए प्रथम चरण में मकानों की सूची बनाई जाएगी. जबकि द्वितीय चरण में वास्तविक गणना कार्य संपन्न करवाया जाएगा." मृणाल कांत चंदा, सहायक चार्ज पदाधिकारी, बिहार जाति आधारित गणना

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