पटना: बिहार में 1 अप्रैल से बिजली की बढ़ी हुई नई दर लागू हो जाएगी. उद्योगपति सरकार से मांग कर रहे हैं कि बिजली दर में अन्य राज्यों की तरह छूट दी जाए. चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि बिजली की दर में इस कदर बढ़ोतरी होगी, इसकी उम्मीद नहीं थी. लगभग 40% की बढ़ोतरी की गई है. यूनिट पर 24.10 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि सरकार बिहार में उद्योग धंधे को लेकर संकल्पित तो है लेकिन, जिस हिसाब से बिजली की दर में बढ़ोतरी की गई है उससे नए उद्योग लगना तो दूर जो चल रहे हैं वह प्रभावित (Increased electricity rate will affect industry) होंगे.
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बीआईए के सभी सदस्य चिंतितः पीके अग्रवाल ने कहा कि झारखंड, उत्तर प्रदेश और बंगाल की तरह बिहार में भी बिजली दर लागू की जाए. दूसरे राज्यों के बराबर बिजली दर करने के लिए जो सब्सिडी देनी हो दी जाए. इससे उद्योग धंधे को राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को बिजली दर पर पुनः विचार करनी चाहिए, अन्यथा नए उद्योग धंधे बिहार में आने के बदले दूसरे राज्य में स्थापित करेंगे. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार अग्रवाल ने कहा कि विद्युत विनियामक आयोग की तरफ से बिजली दर में बढ़ोतरी की गई है. इसको लेकर BIA के सभी सदस्य काफी चिंतित हैं.
बिहार में इंडस्ट्रीज सरवाइव कर सकेः बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (BIA) के अध्यक्ष ने कहा कि जो नयी बिजली दर है, इससे उद्योग धंधे पर 35 से लेकर के 52 प्रतिशत तक इंपेक्ट पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि बिजली दर में बढ़ोतरी करके बिहार के उद्योग धंधे पर इतना बोझ डालना उचित नहीं है. अगर सरकार बिजली दर कम करने पर गंभीरता नहीं दिखाती है तो बिहार के उद्योग धंधे धीरे-धीरे प्रभावित होंगे. दूसरे राज्य से भी अगर प्रोडक्शन बिहार में आएगा तो हम बेच नहीं पाएंगे. BIA के अध्यक्ष अरुण कुमार ने सरकार से मांग की है कि इंडस्ट्रीज को कम से कम तीन रुपया सब्सिडी दी जाए जिससे की बिहार में इंडस्ट्रीज सरवाइव कर सके.
बिहार में सबसे अधिक बिजली दर में वृद्धि ः चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष एनके ठाकुर ने कहा कि जैसे ही बिजली दर में बढ़ोतरी की खबर हम लोगों ने सुनी वैसे ही उद्योग जगत में निराशा का लहर छा गया है. उन्होंने कहा कि बिजली दर में बढ़ोतरी करके पूरा व्यापार जगत को ही प्रभावित कर दिया गया है. छोटे उद्योग धंधे वाले हों या बड़े से बड़े सभी लोग बढ़ते बिजली के दाम से काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग के लिए सब्सिडी का प्रावधान होना चाहिए. दूसरे राज्य से तुलना की जाए तो बिहार में सबसे अधिक बिजली दर में वृद्धि हुई है. बिहार अभी उद्योग धंधे में आगे बढ़ रहा था, उसको कहीं ना कहीं प्रभावित करने का प्रयास है.
बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है: बीआईए के सदस्य अरुण कुमार ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री से बहुत ही आशा है. उद्योग मंत्री से उम्मीद है कि बिहार में बिजली दर में बढ़ोतरी को लेकर संशोधन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई बिजली की दर से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट व्यवसायी को ही घाटा है. बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रगतिशील राज्य है. ऐसे में मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को बिहार के उद्योग धंधे से जुड़े लोगों को और गरीब लोगों को ध्यान में रखते हुए बिजली की जो नयी दर है उसको कम करना चाहिए.
''बिजली की दर में इस कदर बढ़ोतरी होगी, इसकी उम्मीद नहीं थी. सरकार बिहार में उद्योग धंधे को लेकर संकल्पित तो है लेकिन, जिस हिसाब से बिजली की दर में बढ़ोतरी की गई है उससे नए उद्योग लगना तो दूर जो चल रहे हैं वह प्रभावित होंगे.''- पीके अग्रवाल, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स