पटना: कोरोना संक्रमण महामारी के बीच केन्द्र सरकार ने श्रम कानून में संशोधन किया है. इसको लेकर मजदूर वर्ग में काफी नाराजगी है. शुक्रवार को अपनी कई मांगों को लेकर श्रमिक संगठनों ने विरोध मार्च निकाला. श्रमिक संगठनों के सैकड़ों नेताओं ने नियोजन भवन का घेराव किया.
जानकारी के मुताबिक गरीब मजदूरों की समस्याओं को लेकर 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने पटना में राष्ट्रव्यापी विरोध मार्च निकाला. कर्मचारी यूनियन और स्वतंत्र समूहों के आह्वान पर विरोध मार्च निकाला गया. जिसमें वाम दल के कई संगठन सड़क पर प्रदर्शन करते नजर आए. इस बीच सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
सरकार को बताया तानाशाह
प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आक्रोशित नेताओं ने कहा कि सरकार श्रम कानून में संशोधन करके गरीब मजदूरों का गला घोट रही है. लेकिन, यह नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि तानाशाह सरकार को अपना आदेश वापस लेना ही होगा.
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई धज्जियां
बता दें कि प्रदर्शन के दौरान ट्रेड यूनियन के नेता लॉकडाउन का उल्लंघन करते दिखे. गौरतलब है कि पूरे देश में कोरोना संक्रमण की रोकथान के लिए जारी लॉकडाउन के बीच किसी प्रकार के धरना-प्रदर्शन की मनाही है बावजूद इसके पटना के बेली रोड के नियोजन भवन के बाहर पुलिस के मौजूदगी में नेता प्रदर्शन करते नजर आए. इस बीच पुलिस ने कई प्रदर्शन कर रहे नेताओं को हिरासत में लिया.