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पटना जू में ट्रैकलेस टॉय ट्रेन बना आकर्षण का केंद्र, लुत्फ उठाने पहुंचे रहे लोग

साल 2015 में चिड़ियाघर में टॉय ट्रेन का परिचालन बंद कर दिया गया था. बाद में जनता की मांग पर फिर से इसे शुरु किया गया है.

पटना जू
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Published : May 5, 2019, 8:14 PM IST

Updated : May 5, 2019, 11:38 PM IST

पटना: गर्मियों में संजय गांधी जैविक उद्यान में सैलानियों का जमावड़ा लगा है. जैविक उद्यान में दर्शकों की संख्या बढ़ गई हैं. सप्ताह के अंत के दिन यहां अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ उमड़ती है.


बीते रविवार को पटना और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग चिड़ियाघर पहुंचे थे. लोग यहां बच्चों और परिवार वालों के साथ दिखे. गर्मी अधिक होने के कारण जानवर और पक्षी छांव में सुस्ताते नजर आए. जू-प्रशासन सैलानियों की सहूलियत और मनोरंजन के लिए कई प्रयोग करने में लगा है.

patna
ट्रैकलेस टॉय ट्रेन

बच्चों-वयस्कों को लिए अलग-अलग शुल्क
लोगों को लुभाने के लिए थ्री डी थिएटर, ट्रैकलेस ट्रेन शुरु किया गया है. यह ट्रैकलेस ट्रेन बच्चों से लेकर बड़ों तक के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. 20-20 सीट की दो बोगियों वाली बच्चों की छुक-छुक गाड़ी चल रही है. बच्चे इस पर चढ़कर जू में खूब मस्ती करते नजर आ रहे हैं. यह ट्रेन पूरी तरह ट्रैकलेस और यह सड़क मार्ग से चलती है. इसके लिए जू प्रशासन ने अलग से शुल्क भी रखा है. वयस्कों के लिए शुल्क 30 रुपये और बच्चों के लिए 20 रुपये शुल्क रखा गया है. ट्रैकलेस टॉय ट्रेन मुख्य सड़क से वनस्पति क्षेत्रों में चल रही है.

पटना जू पहुंचे ईटीवी संवाददाता

सहूलियत के लिए दोबारा शुरु किया गया संचालन
फिलहाल इस ट्रेन से शेर, बाघ, गेंडा नहीं देखा जा सकता. इस ट्रेन को गुजरात के वलसाड से मंगाया गया है. यह ट्रैकलेस टॉय ट्रेन बैटरी से संचालित है. बहरहाल, साल 2015 के मध्य से शिशु रेल का परिचालन बंद हो गया था. पटरी पर चलने वाली शिशु रेल से आवाज निकलने के कारण वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने के कारण इस पर रोक लगाया गया था. उसके बाद से लोगों की ओर से शिशु रेल चलाने की लगातार मांग की जा रही थी. जिसको लेकर जो प्रशासन ने अपनी सक्रियता दिखाई और ट्रैकलेस ट्रेन का परिचालन शुरू किया.

पटना: गर्मियों में संजय गांधी जैविक उद्यान में सैलानियों का जमावड़ा लगा है. जैविक उद्यान में दर्शकों की संख्या बढ़ गई हैं. सप्ताह के अंत के दिन यहां अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ उमड़ती है.


बीते रविवार को पटना और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग चिड़ियाघर पहुंचे थे. लोग यहां बच्चों और परिवार वालों के साथ दिखे. गर्मी अधिक होने के कारण जानवर और पक्षी छांव में सुस्ताते नजर आए. जू-प्रशासन सैलानियों की सहूलियत और मनोरंजन के लिए कई प्रयोग करने में लगा है.

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ट्रैकलेस टॉय ट्रेन

बच्चों-वयस्कों को लिए अलग-अलग शुल्क
लोगों को लुभाने के लिए थ्री डी थिएटर, ट्रैकलेस ट्रेन शुरु किया गया है. यह ट्रैकलेस ट्रेन बच्चों से लेकर बड़ों तक के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. 20-20 सीट की दो बोगियों वाली बच्चों की छुक-छुक गाड़ी चल रही है. बच्चे इस पर चढ़कर जू में खूब मस्ती करते नजर आ रहे हैं. यह ट्रेन पूरी तरह ट्रैकलेस और यह सड़क मार्ग से चलती है. इसके लिए जू प्रशासन ने अलग से शुल्क भी रखा है. वयस्कों के लिए शुल्क 30 रुपये और बच्चों के लिए 20 रुपये शुल्क रखा गया है. ट्रैकलेस टॉय ट्रेन मुख्य सड़क से वनस्पति क्षेत्रों में चल रही है.

पटना जू पहुंचे ईटीवी संवाददाता

सहूलियत के लिए दोबारा शुरु किया गया संचालन
फिलहाल इस ट्रेन से शेर, बाघ, गेंडा नहीं देखा जा सकता. इस ट्रेन को गुजरात के वलसाड से मंगाया गया है. यह ट्रैकलेस टॉय ट्रेन बैटरी से संचालित है. बहरहाल, साल 2015 के मध्य से शिशु रेल का परिचालन बंद हो गया था. पटरी पर चलने वाली शिशु रेल से आवाज निकलने के कारण वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने के कारण इस पर रोक लगाया गया था. उसके बाद से लोगों की ओर से शिशु रेल चलाने की लगातार मांग की जा रही थी. जिसको लेकर जो प्रशासन ने अपनी सक्रियता दिखाई और ट्रैकलेस ट्रेन का परिचालन शुरू किया.

Intro:इन दिनों संजय गांधी जैविक उद्यान में दर्शकों की संख्या बढ़ गई है रविवार होने पर पटना और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे जू में बच्चों ने खूब मस्ती की जू पहुंचे लोगों को पेड़ पौधे का साथ खूब भा रहा है गर्मी अधिक होने के कारण जानवर छांव में सुस्ती दिखे तो वही जू प्रशासन में जू को आकर्षण बनाने के लिए अन्य तरह के भी काम कर रहे हैं 3D थिएटर के साथ में ट्रेकलेस ट्रेन को किया है शुरू जिसे बच्चे जू में खूब कर रहे हैं मस्ती....


Body:पटना-- पटना जू में 20 20 सीट की दो बोगियों वाली बच्चों की छुक छुक गाड़ी चल रही है रविवार को पटना और पटना के आसपास के इलाके से आए लोग अपने बच्चों के साथ छुट्टियां मना रहे हैं बच्चे रविवार होने के चलते और स्कूल की भी छुट्टी होती है और उनके पेरेंट्स के भी छुट्टी होती है बच्चे अपने पापा मम्मी के साथ इन दिनों जू घूमने आ रहे हैं पटना जू में इन दिनों ट्रेकलेस टॉय ट्रेन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है बच्चे इस पर चढ़कर जू में खूब मस्ती करते हैं यह ट्रेन पूरी तरह ट्रैकलेस और यह सड़क मार्ग से चलती है इसके लिए जू प्रशासन ने अलग से शुल्क भी रखा है व्यस्क का ₹30 और शिशु का ₹20 शुल्क लग रहा है ट्रैकलेस टॉय ट्रेन मुख्य सड़क से वनस्पति क्षेत्रों में चल रही है ।

फिलहाल ट्रेन से शेर बाघ गेंडा नहीं देखा जा सकता ट्रेन के परिचालन के लिए सड़क को दूध भी की जा रही है इस ट्रेन को गुजरात के वलसाड से मंगाया गया है बैटरी से चलने वाली ट्रैकलेस टॉय ट्रेन में 20 20 सीट की दो बोगियां लगी है बता दें कि जो का भ्रमण करने वाले बच्चे शिशु रेल पर चलना बेहद पसंद करते हैं ।


Conclusion:बरहाल हम आपको बतादे की 2015 के मध्य से शिशु रेल का परिचालन बंद हो गया था पटरी पर चलने वाली शिशु रेल से आवाज निकलने के कारण वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने के आधार पर परिचालन को बंद किया गया उसके बाद लोगों की ओर से शिशु रेल चलाने की मांग लगातार की जा रही थी जिसको लेकर जो प्रशासन ने अपनी सक्रियता दिखाई और ट्रैक्टर ट्रेन का परिचालन शुरू कर दिया।
Last Updated : May 5, 2019, 11:38 PM IST
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