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वट सावित्री व्रत 2019: दुर्लभ संयोग के बीच सुहागिनों ने रखा व्रत, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

16 श्रृंगार कर सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए वट सावित्री व्रत रखे हुए हैं. वहीं, वट पूजा की जा रही है. पटना समेत पूरे बिहार में इस महिलाएं बरगदा पूजन कर रही हैं.

vat pooja
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Published : Jun 3, 2019, 9:56 AM IST

पटना: सुहागिनों के महत्वपूर्ण व्रतों में से एक वट सावित्री व्रत आज है. पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला यह व्रत अच्छे संयोग में पड़ रहा है. इस साल का वट सावित्री व्रत का ये संयोग बेहद दुर्लभ माना जा रहा है, जो कई साल बाद आता है.

वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है. आज वह ही ज्येष्ठ अमावस्या है. इसके चलते सभी सुहागिन औरतों ने अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा हुआ है. क्योंकि इस व्रत में वट (बरगद) की पूजा होती है, सुबह से ही महिलाएं आसपास मौजूद वट की पूजा करने के लिए निकल चुकी हैं. 16 श्रृंगार कर महिलाएं पूजा कर रही हैं.

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वट पूजा करती सुहागिनें

दुर्लभ संयोग...

  1. इस बार बहुत ही अच्छा संयोग पड़ रहा है.
  2. आज सोमवती अमावस्या है.
  3. इसके साथ ही सर्वार्थसिद्ध योग, अमृत सिद्ध योग और त्रिग्रही योग एक साथ लग रहा है.
  4. सोमवार होने के चलते भगवान शिव की पूजा भी इस व्रत के महत्व को बढ़ा देगी.
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    पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं वट व्रत

पूजा का शुभ मुहूर्त

  • अमावस्या प्रारंभ- 2 जून शाम 4:50
  • अमावस्या समाप्त- 3 जून दोपहर 3:26
    पूजा करती सुहागिन महिलाएं

क्यों होती है वट की पूजा

  • वट एक लंबी आयु वाला वृक्ष है. मान्यता ऐसी भी है कि वट की तरह ही पति भी दिर्घायु हो इसलिए सुहागिन औरतें इस व्रत को रखती हैं.
  • कृष्ण अमावस्या को शनिदेव का जन्म हुआ था. इसके चलते वट और पीपल की पूजा कर शनिदेव की प्रसन्न करती हैं.
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    विधि विधान से की जाती है पूजा

प्रचलित कथा...
एक कथा के अनुसार नवविवाहिता सावित्री के पति सत्यवान के प्राण जब यमराज ले जाने लगे तो अपने पति के जीवन को वापस पाने के लिए सावित्री यमराज के पीछे पड़ गईं. इसके बाद हार मान यमराज ने सावित्री के पति का जीवन पुन: वापस दे दिया. इसलिए इस व्रत का नाम वट सावित्री पड़ गया.

पटना: सुहागिनों के महत्वपूर्ण व्रतों में से एक वट सावित्री व्रत आज है. पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला यह व्रत अच्छे संयोग में पड़ रहा है. इस साल का वट सावित्री व्रत का ये संयोग बेहद दुर्लभ माना जा रहा है, जो कई साल बाद आता है.

वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है. आज वह ही ज्येष्ठ अमावस्या है. इसके चलते सभी सुहागिन औरतों ने अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा हुआ है. क्योंकि इस व्रत में वट (बरगद) की पूजा होती है, सुबह से ही महिलाएं आसपास मौजूद वट की पूजा करने के लिए निकल चुकी हैं. 16 श्रृंगार कर महिलाएं पूजा कर रही हैं.

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वट पूजा करती सुहागिनें

दुर्लभ संयोग...

  1. इस बार बहुत ही अच्छा संयोग पड़ रहा है.
  2. आज सोमवती अमावस्या है.
  3. इसके साथ ही सर्वार्थसिद्ध योग, अमृत सिद्ध योग और त्रिग्रही योग एक साथ लग रहा है.
  4. सोमवार होने के चलते भगवान शिव की पूजा भी इस व्रत के महत्व को बढ़ा देगी.
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    पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं वट व्रत

पूजा का शुभ मुहूर्त

  • अमावस्या प्रारंभ- 2 जून शाम 4:50
  • अमावस्या समाप्त- 3 जून दोपहर 3:26
    पूजा करती सुहागिन महिलाएं

क्यों होती है वट की पूजा

  • वट एक लंबी आयु वाला वृक्ष है. मान्यता ऐसी भी है कि वट की तरह ही पति भी दिर्घायु हो इसलिए सुहागिन औरतें इस व्रत को रखती हैं.
  • कृष्ण अमावस्या को शनिदेव का जन्म हुआ था. इसके चलते वट और पीपल की पूजा कर शनिदेव की प्रसन्न करती हैं.
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    विधि विधान से की जाती है पूजा

प्रचलित कथा...
एक कथा के अनुसार नवविवाहिता सावित्री के पति सत्यवान के प्राण जब यमराज ले जाने लगे तो अपने पति के जीवन को वापस पाने के लिए सावित्री यमराज के पीछे पड़ गईं. इसके बाद हार मान यमराज ने सावित्री के पति का जीवन पुन: वापस दे दिया. इसलिए इस व्रत का नाम वट सावित्री पड़ गया.

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