पटना: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में विरोध हो रहे हैं. इसके चलते कई राजनीतिक दलों की तरफ से बंद का आह्वान किया गया. 2 दिन के इस बंद प्रदर्शन की वजह से व्यापार जगत में लगभग हजारों करोड़ का घाटा हुआ है. बिहार बंद के दौरान राजधानी पटना के अलावा जिले के बड़े-बड़े व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है.
'बंद का असर व्यापार पर पड़ा'
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रामलाल खेतान ने बताया कि जिस तरह से राजनीतिक दलों ने 2 दिनों का बंद बुलाया उससे व्यापार पर काफी असर पड़ा है. रामलाल खेतान ने बताया कि यह जो बंद हुआ है, कोई नया विषय नहीं है. जब चुनाव आता है तो राजनीतिक दलों की तरफ से लगातार ऐसे प्रदर्शन किए जाते हैं. जिससे व्यापार पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि इस बंद में सबसे ज्यादा रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों पर पड़ता है.
'हजारों करोड़ रुपये का हुआ नुकसान'
रामलाल खेतान ने कहा कि अब तो आए दिन राजनीतिक पार्टी किसी न किसी मुद्दे पर बंद बुला देते हैं. व्यापार पर इसका असर पड़ता है. बंद के दौरान व्यापारियों का काम ठप हो जाता है. वहीं, शुक्रवार और 19 दिसंबर के बंद को देखें तो बिहार में लगभग हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई जल्द नहीं हो पाएगी.