पटनाः बिहार विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ. तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष अड़ा हुआ है. बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने एक बार फिर कुर्सियां उछाली. पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव अगुवानी पुल गिरने पर जांच के मामले में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. इस दौरान बीजेपी विधायक का हंगामा जारी रहा, जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी.
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तेजस्वी के इस्तीफे पर अड़ा विपक्ष : आज जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जवाब देने के लिए खड़े हुए. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने तेजस्वी का विरोध किया और हंगामा करने लगे. बीजेपी विधायकों ने एक बार फिर सदन में कुर्सी उछाली. वेल में आकर पोस्टर लहराए. जिसके बाद स्पीकर ने मार्शल को पोस्टर हटाने का आदेश दिया.
सदन कल तक के लिए स्थगित : बीजेपी के हंगामे के बाद स्पीकर ने वेल में कुर्सी उठाये बीजेपी के सदस्यों को सख्त चेतावनी दी. स्पीकर ने कहा कि ऐसा आचरण ठीक नहीं. अगर आप लोग अपनी जगह पर नहीं बैठेंगे तो हमें कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. इसके बावजूद बीजेपी विधायक शांत नहीं हुए. हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही कल यानी गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
सदन में BJP ने फिर उछाली कुर्सी: दरअसल, बुधवार को जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बिहार पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव अपने विभाग के सवालों का जवाब देने के लिए खड़े हुए. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने उन्हें पोस्टर दिखाया और सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे. स्पीकर ने जब बीजेपी सदस्यों को रोका तो विधायक नीरज कुमार बबलू ने कुर्सी उठा ली. इस पर स्पीकर ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि आप पूर्व सरकार में मंत्री रहे हैं, ऐसा आचरण ठीक नहीं है.
'10 लाख नौकरियों का क्या हुआ?': इससे पहले नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सदन में कहा कि सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन आज छात्रों को लाठी से पिटवा रहे हैं. विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई को लेकर पूरा देश दिवाना था, लेकिन आज सीएम ने भ्रष्टाचारियों से समझौता कर लिया है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के बोलने के बाद विपक्ष ने दोबारा हंगामा शुरू कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी लगातार विपक्ष के लोगों से बैठने और शांति बनाए रखने की अपील कर रहे थे, लेकिन विपक्ष के लोग अपनी मांग पर अड़े रहे.
सरकार को घेरने में लगी बीजेपीः बीजेपी शिक्षकों को राजकीयकृत शिक्षक बनाने की मांग के साथ शिक्षक नियोजन नियमावली को लेकर भी सरकार को घेर रही है दूसरी तरफ वामपंथी दल भी शिक्षकों के मुद्दे पर सरकार के साथ नहीं है. सरकार की तरफ से यह कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिक्षक नियोजन नियमावली को लेकर जल्दी ही शिक्षक अभ्यर्थियों से बात करेंगे और महागठबंधन के सहयोगियों से भी इस पर चर्चा करेंगे. एक तरफ जहां महागठबंधन के घटक दलों में भी शिक्षक नियोजन नियमावली और शिक्षक के मुद्दे पर एक राय नहीं है.
5 दिनों का है मानसून सत्र: वहीं बीजेपी तेजस्वी यादव से इस्तीफा नहीं लेने पर लेकर नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार को लेकर पुराने ट्रैक रिकॉर्ड पर चोट कर रही है. ऐसे में आज भी सदन के बाहर और सदन के अंदर यह मुद्दा छाया रहेगा बीजेपी ने 13 जुलाई को विधानसभा मार्च की भी घोषणा की है. आपको बता दें बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 5 दिनों का है. अब तक 2 दिनों में सरकार की ओर से अपना जरूरी काम काज जरूर संपन्न कराया गया है लेकिन जनता के एक भी सवाल के उत्तर सदन में नहीं हुये हैं. सदन की कार्यवाही पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है.