पटना: लोकसभा चुनाव में बिहार के कई बड़े चेहरों का शायद यह अंतिम चुनाव है. इनमें सभी दिग्गज आजादी से पहले जन्में हैं. 2018 लोकसभा चुनाव 5 साल के बाद होगा तो ये अपनी उम्र के 80 बसंत देख कर चुके होंगे. इनमें सबसे ऊपर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का ही नाम है. जो गया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
कहां से कौन लड़ रहें हैं चुनाव
जीतन राम मांझी 1980 से अब तक लगातार सक्रिय राजनीति में अपनी भागीदारी देते रहे हैं. वे अभी 75 वर्ष के हो चुके हैं.
बक्सर से चुनाव लड़ रहे जगदानंद सिंह भी 74 बसंत पार कर चुके हैं. उनका भी राजनीतिक जीवन काफी लंबा रहा है.
तीसरे नंबर पर लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार हैं. वे भी अपने उम्र के 75 वें वर्ष में हैं. मीरा कुमार सासाराम लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं.
चौथे नंबर पर शॉटगन और बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा का नाम है. वह तीसरी बार पटना साहिब से चुनावी अखाड़े में हैं. फिलहाल वह 73 साल के हैं
दिग्गजों में सबसे ज्यादा सदन के सदस्य रहने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह पांचवें नंबर पर है. वे अपने परंपरागत सीट वैशाली से चुनावी अखाड़े में है. रघुवंश प्रसाद भी 73 साल के हैं.
1. जीतन राम मांझी.. ( जन्म 6 अक्टूबर 1944 )
- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पहली बार 1980 में बिहार विधान सभा के सदस्य बनें. तब से कांग्रेस, जनता दल, राजद और जदयू में रह कर उन्होंने कई चुनाव लड़े.
- 1980 से 1990 तक कांग्रेस के सदस्य के तौर पर वे बिहार विधानसभा के सदस्य रहे.
- 1990 से 1996 तक मांझी जनता दल से जुड़कर विधायक रहे.
- 1996 से 2005 तक वे राजद के सदस्य रहे इस दौर में कई बार विधायक और विधान पार्षद भी बने.
- 2005 से 2015 तक जीतन राम मांझी जेडीयू के सदस्य रहे.
- नीतीश कुमार के कैबिनेट में उन्होंने लंबे समय तक मंत्री पदभार संभाला.
- 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक वे बिहार के मुख्यमंत्री पद पर भी रहे. इसके बाद उन्होंने अपनी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा नामांक पार्टी बनाई.
- इस बार लोकसभा चुनाव में वो अपनी पार्टी से गया लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
2. जगदानंद सिंह ( जन्म 15 जुलाई 1945 )
- पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1962- 63 में ही शुरू कर दी थी. उन्होंने समाजवादी युवा सभा के सदस्य के तौर पर समाजवादी मूवमेंट में भागीदारी दी थी.
- जगदानंद सिंह 6 बार बिहार विधान के सदस्य रहे.
- वे 1985 से 2009 तक लगातार बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे.
- 1990 से 2005 तक लालू राबड़ी के कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालय भी संभाला.
- लालू राबड़ी शासन काल में वे जल संसाधन, खनन, ऊर्जा, उद्योग, लघु जल संसाधन, पर्यावरण और पर्यटन विभाग के मंत्री के पद पर भी रहे.
- 2009 लोकसभा चुनाव में वे बक्सर से लोकसभा पहुंचे थे. जगदानंद सिंह इस बार भी राजद के टिकट पर बक्सर से उम्मीदवार हैं.
3. मीरा कुमार (जन्म 31 मार्च 1945 )
- 1973 में मीरा कुमार भारतीय विदेश सेवा की नौकरी से अपने करियर की शुरुआत की थी. वे 1985 में राजनीतिक से जुड़ी. उन्होंने सबसे पहले 1985 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीती थी.
- इसके बाद दिल्ली के करोल बाग से दो बार सांसद रही.
- 1996 में बीजेपी लहर में हार के बाद वे 2004 और 2009 से अपने पिता के परंपरागत सीट सासाराम से सांसद बनी.
- उनके पिता स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम उप प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे.
- मीरा कुमार ने कई महत्वपूर्ण मंत्रालय की भी जिम्मेदारी निभाई है. उन्हें सामाजिक न्याय और जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
- इसके अलावा 2009 से 2014 तक वे लोकसभा स्पीकर के पद पर रही.
- 2017 में मीरा कुमार यूपीए की ओर से राष्ट्रपति की उम्मीदवार बनी.
- इस लोकसभा चुनाव में मीरा कुमार सासाराम से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं.
4. रघुवंश प्रसाद सिंह ( जन्म 6 जून 1946 )
- केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह पांच बार विधायक और पांच बार सांसद रहे है.
- वे तीन बार केंद्रीय मंत्री भी बने हैं.
- रघुवंश प्रसाद सिंह ने 1973 से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.
- उन्होंने 1977 में कर्पूरी ठाकुर की सरकार में ऊर्जा मंत्री के पद पर भी काम किया.
- रघुवंश प्रसाद सिंह इस बार भी वैशाली लोकसभा सीट पर राजद के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं.
- उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए नरेगा योजना की शुरुआत की थी.
5. शत्रुघ्न सिन्हा (जन्म 15 जुलाई 1946 )
- बिहारी बाबू और शाट गन के नाम से विख्यात शत्रुघ्न सिन्हा सिनेमा जगत में परचम लहराने के बाद उन्होंने राजनीति में भी धमाकेदार एंट्री की. पहली बार वो राजेश खन्ना के विरोध में उपचुनाव लड़े थे. हालांकि 25000 वोटों से हार गए थे.
- 1996 से 2008 तक शत्रुघ्न सिन्हा राज्यसभा के सदस्य रहे. अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में हुए जहाजरानी मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की भी जिम्मेदारी उन्होंने निभाई.
- 2009 और 2014 में वो पटना साहिब से सांसद रहे.
- उन्होंने भाजपा से अलग होने के बाद वे 6 अप्रैल 2019 को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली.
- इस बार वो कांग्रेस की टिकट पर पटना साहिब से चुनावी अखाड़े में हैं.
गौरतलब है कि इस बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे यह सभी दिग्गज अगले आम चुनाव तक 80 वर्ष के हो जायेंगे. इसलिए यह चुनाव इन दिग्गजों के लिए आखरी चुनाव माना जा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इनके लोकसभा क्षेत्र की जनता क्या इन्हें आखरी बार सदन पहुंचाती हैं?