पटना: राजधानी स्थित पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड के नीचे मौजूद महिला और पुरुष पुलिसकर्मी पिछले 50 दिनों से लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. ड्यूटी में मौजूद पुलिसकर्मियों का कहना है कि इस वैश्विक महामारी के समय वह अपना फर्ज निभा रहे हैं. हालांकि उन्हें अपनी परिवार की चिंता जरूर लगी रहती है.
'संक्रमण के खतरे के बीच कर रहा ड्यूटी'
पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में मौजूद दारोगा बिहारी राम कहते हैं कि उनकी ड्यूटी दो बजे से 10 बजे तक यहां है. वह अपनी ड्यूटी में पूरी तरह से मुस्तैद रहते हैं. यहा पर संक्रमण का खतरा तो है. लेकिन देश सेवा के आगे यह कुछ नहीं है.
वहीं, मौके पर तैनात सिपाही सुधीर कुमार साह कहते हैं. वे पिछले 50 दिनों से ज्यादा समय से लगातार अपनी ड्यूटी पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड के नीचे कर रहे हैं. खाने-पीने का इंतजाम पटना पुलिस लाइन से हो जाता है.पटना पुलिस लाइन से तीनों वक्त का खाना आइसोलेशन वार्ड में आ जाता है. उसी से गुजारा हो जाता है.
'मोबाइल से ले रहे परिवार का हालचाल'
आइसोलेशन वार्ड में ही पिछले 50 दिनों से तैनात सिपाही नीरज कुमार बताते हैं कि जब उन्हें परिवार की याद आती है तो मोबाइल ही एक सहारा नजर आता है. मोबाइल के जरिए ही वह अपनों का हाल-चाल लेते हैं. सिपाही नीरज कहते हैं कि परिवार को उनके चिंता लगी रहती है और उनको अपने परिवार की. लगातार मोबाइल से परिजनों का हाल-चाल लेते रहते हैं.
'संक्रमण से बचने की सलाह देते रहते हैं परिजन'
पीएमसीएच आइसोलेशन वार्ड के मुख्य द्वार पर अपनी ड्यूटी निभा रही महिला सिपाही से शेफालिका कहती है कि परिवार वाले लगातार फोन करके उन्हें जिम्मेदार ढंग से अपनी ड्यूटी निभाने की बातें कहते हैं. इसके साथ ही संक्रमण से बचने की सलाह भी देते हैं. शेफालिका बताती हैं कि ड्यूटी के दौरान जब परिवार की याद आती है, तो मोबाइल से उनसे संपर्क कर मन को बहला लेते है.
वहीं शेफालिका के साथ ही ड्यूटी पर तैनात एक अन्य महिला सिपाही पूजा कहती है उनके माता-पिता को उनकी चिंता लगी रहती है. बावजूद इसके वह अपना फर्ज मुस्तैदी के साथ कर रही है. पूजा का कहना है कि इस समय देश आपदा में है और इससे अच्छा समय उन्हें देश का कर्ज चुकाने को नहीं मिल सकता है.