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दूसरी योजनाओं की तरह अधर में लटक गई पटना नगर निगम की साइकिल योजना - पटना नगर निगम

निगम की साइकिल योजना फाइलों में ही सिमट कर रह गई. योजना को निगम की स्थाई समिति से मंजूरी मिले 6 महीने बीत गए लेकिन अबतक योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है. निगम ने अपना पल्ला झाड़ते हुए योजना के फेल होने का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ दिया. पढ़ें पूरी खबर-

नगर निगम
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Published : Jan 12, 2021, 9:38 AM IST

Updated : Jan 12, 2021, 12:56 PM IST

पटना: पटना नगर निगम की एक और योजना महज फाइलों में सिमट कर रह गई. साल 2020 के अगस्त महीने में नगर निगम के स्थाई समिति ने पटना में प्रदूषण कम करने के लिए साइकिल योजना को मंजूरी दी थी. जो 6 महीने बीत जाने के बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई है. योजना सरकारी विभागों में मंजूरी पूरा होने का चक्कर लगा रही है.

साल 2020 पटना की स्वच्छता रैंकिंग दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर में 47वां नंबर था. साथ ही एक महीने पहले तक राजधानी की आबो-हवा देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शीर्ष पर थी. करीब एक महीने पहले पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 469 तक पहुंच चुका था. पटना नगर निगम ने भी पिछले साल ही विदेशी शहरों की तर्ज पर प्रदूषण कम करने के लिए साइकिलिंग को अपना विकल्प चुना था. निगम प्रशासन ने पीपीपी मोड के तहत लोगों को साइकिल उपलब्ध कराने का दावा किया था. लेकिन निगम के ढुल-मुल रवैये के कारण एक और योजना बस कागजों पर ही सिमट कर रह गई है.

देखें रिपोर्ट

निगम के ढुल-मुल रवैये से शहरवासी उदास
निगम के इस पहल पर तब लोगों ने भी खुशी जाहिर की थी. लोगों का कहना था कि अगर पटना नगर निगम द्वारा लोगों को कम पैसों में साइकिल उपलब्ध हो जाता है, तो पटना में प्रदूषण का स्तर गिरेगा. लेकिन योजना की मंजूरी मिले 6 महीने हो गए राजधानी का प्रदूषण स्तर तो नहीं गिरा. लेकिन निगम के सुस्त रवैये ने लोगों का मनोबल गिरा दिया. शहरियों ने कहा कि निगम की योजना तो बस कागजों तक होती है. जमीन पर तो उसका एक प्रतिशत भी नहीं दिखता.

नगर विकास एवं आवास विभाग से नहीं मिली अबतक स्वीकृति-हिमांशु शर्मा
वहीं, निगम की इस योजना को लेकर ईटीवी भारत ने पटना नगर निगम के नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा से बात की. उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि, 'निगम द्वारा इस योजना की स्वीकृति के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के पास भेजा गया है. विभाग से स्वीकृति मिलते ही पीपीपी मोड के तहत इस योजना को धरातल पर उतारा जाएगा'.

पटना
अधर में साइकिल योजना

उन्होंने कहा कि निगम क्षेत्र के इस योजना के तहत 72 जगहों पर साइकिल स्टैंड बनाना है. इसे लेकर विभिन्न विभागों से स्टैंड के लिए भूमि उपलब्ध करवानी है. इस पर भी काम चल रहा है. जिसे जल्द पूरा करा लिया जाएगा.

यह थी योजना कि रूपरेखा
बता दें कि नगर निगम की इस योजना के अनुसार आधे घंटे के लिए साइकिल चलाने पर कोई शुल्क का प्रवाधान नहीं रखा गया. आधे घंटे से ज्यादा और 1 घंटे तक के लिए साइकिल लेने पर 5 रुपया भुगतान का प्रावधान रखा गया. साथ ही निगम ने इस योजना के तहत मासिक और वार्षिक योजना के तहत शुल्क का प्रवाधान भी रखा गया. लोगों को मासिक योजना के तहत 200 रुपए और सालाना 500 रुपए का भुगतान करने का प्रावधान रखा गया.

ये भी पढ़े:2020 की 'टीस' को इस तरह भरना चाहता है पटना नगर निगम

72 स्थानों पर किया गया था साइकिल स्टैंड बनाने का चयन
इस साइकिल योजना के लिए नगर निगम ने पटना में 72 जगहों पर साइकिल स्टैंड बनाने का फैसला लिया था. ताकि पटना के अधिकतर एरिया के लोगों को सुविधा मिल सके. शुरुआती दौर में यह योजना गांधी मैदान, बोरिंग रोड, बेली रोड, कंकड़बाग, अशोक राजपथ के इलाकों से शुरू की जानी थी. जो अबतक शुरू नहीं हो सकी है.

ऐप के जरिए चलनी थी योजना
इस योजना को निगम प्रशासन ने डिजीटल मोड के तहत चलाने का प्रावधान किया गया था. इसके तहत साइकिल किराए पर लेने वालों को पहले ऐप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा फिर फोन नंबर और आधार नंबर देना जरूरी होगा. वहीं, ऐप जीपीएस से लैस होगा ताकि ताकि साइकिल की पूरी जानकारी मिलती रहे.

बहरहाल नगर निगम की योजना अन्य योजना की तरह अभी अधर में लटकी हुई है. देखने वाली बात होगी कि इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए नगर निगम को कितना समय लगेगा.

पटना: पटना नगर निगम की एक और योजना महज फाइलों में सिमट कर रह गई. साल 2020 के अगस्त महीने में नगर निगम के स्थाई समिति ने पटना में प्रदूषण कम करने के लिए साइकिल योजना को मंजूरी दी थी. जो 6 महीने बीत जाने के बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई है. योजना सरकारी विभागों में मंजूरी पूरा होने का चक्कर लगा रही है.

साल 2020 पटना की स्वच्छता रैंकिंग दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर में 47वां नंबर था. साथ ही एक महीने पहले तक राजधानी की आबो-हवा देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शीर्ष पर थी. करीब एक महीने पहले पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 469 तक पहुंच चुका था. पटना नगर निगम ने भी पिछले साल ही विदेशी शहरों की तर्ज पर प्रदूषण कम करने के लिए साइकिलिंग को अपना विकल्प चुना था. निगम प्रशासन ने पीपीपी मोड के तहत लोगों को साइकिल उपलब्ध कराने का दावा किया था. लेकिन निगम के ढुल-मुल रवैये के कारण एक और योजना बस कागजों पर ही सिमट कर रह गई है.

देखें रिपोर्ट

निगम के ढुल-मुल रवैये से शहरवासी उदास
निगम के इस पहल पर तब लोगों ने भी खुशी जाहिर की थी. लोगों का कहना था कि अगर पटना नगर निगम द्वारा लोगों को कम पैसों में साइकिल उपलब्ध हो जाता है, तो पटना में प्रदूषण का स्तर गिरेगा. लेकिन योजना की मंजूरी मिले 6 महीने हो गए राजधानी का प्रदूषण स्तर तो नहीं गिरा. लेकिन निगम के सुस्त रवैये ने लोगों का मनोबल गिरा दिया. शहरियों ने कहा कि निगम की योजना तो बस कागजों तक होती है. जमीन पर तो उसका एक प्रतिशत भी नहीं दिखता.

नगर विकास एवं आवास विभाग से नहीं मिली अबतक स्वीकृति-हिमांशु शर्मा
वहीं, निगम की इस योजना को लेकर ईटीवी भारत ने पटना नगर निगम के नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा से बात की. उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि, 'निगम द्वारा इस योजना की स्वीकृति के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के पास भेजा गया है. विभाग से स्वीकृति मिलते ही पीपीपी मोड के तहत इस योजना को धरातल पर उतारा जाएगा'.

पटना
अधर में साइकिल योजना

उन्होंने कहा कि निगम क्षेत्र के इस योजना के तहत 72 जगहों पर साइकिल स्टैंड बनाना है. इसे लेकर विभिन्न विभागों से स्टैंड के लिए भूमि उपलब्ध करवानी है. इस पर भी काम चल रहा है. जिसे जल्द पूरा करा लिया जाएगा.

यह थी योजना कि रूपरेखा
बता दें कि नगर निगम की इस योजना के अनुसार आधे घंटे के लिए साइकिल चलाने पर कोई शुल्क का प्रवाधान नहीं रखा गया. आधे घंटे से ज्यादा और 1 घंटे तक के लिए साइकिल लेने पर 5 रुपया भुगतान का प्रावधान रखा गया. साथ ही निगम ने इस योजना के तहत मासिक और वार्षिक योजना के तहत शुल्क का प्रवाधान भी रखा गया. लोगों को मासिक योजना के तहत 200 रुपए और सालाना 500 रुपए का भुगतान करने का प्रावधान रखा गया.

ये भी पढ़े:2020 की 'टीस' को इस तरह भरना चाहता है पटना नगर निगम

72 स्थानों पर किया गया था साइकिल स्टैंड बनाने का चयन
इस साइकिल योजना के लिए नगर निगम ने पटना में 72 जगहों पर साइकिल स्टैंड बनाने का फैसला लिया था. ताकि पटना के अधिकतर एरिया के लोगों को सुविधा मिल सके. शुरुआती दौर में यह योजना गांधी मैदान, बोरिंग रोड, बेली रोड, कंकड़बाग, अशोक राजपथ के इलाकों से शुरू की जानी थी. जो अबतक शुरू नहीं हो सकी है.

ऐप के जरिए चलनी थी योजना
इस योजना को निगम प्रशासन ने डिजीटल मोड के तहत चलाने का प्रावधान किया गया था. इसके तहत साइकिल किराए पर लेने वालों को पहले ऐप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा फिर फोन नंबर और आधार नंबर देना जरूरी होगा. वहीं, ऐप जीपीएस से लैस होगा ताकि ताकि साइकिल की पूरी जानकारी मिलती रहे.

बहरहाल नगर निगम की योजना अन्य योजना की तरह अभी अधर में लटकी हुई है. देखने वाली बात होगी कि इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए नगर निगम को कितना समय लगेगा.

Last Updated : Jan 12, 2021, 12:56 PM IST
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