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कोविड हॉस्पिटल का हाल तो देखिये, बेड खाली पर मरीजों की नहीं हो रही भर्ती

राजधानी पटना में कई जगहों पर अस्थाई कोविड अस्पताल बनाए गए हैं. लेकिन उनमें व्यवस्था की कमी है. कई जगहों पर बेड तो हैं पर वेंटिलेटर नहीं है. कहीं बेड है लेकिन क्रिटिकल मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा. यह हाल पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल और पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई अस्पताल का है.

बेड है व्यवस्था नहीं
बेड है व्यवस्था नहीं
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Published : May 15, 2021, 9:15 AM IST

Updated : May 15, 2021, 10:19 AM IST

पटना: बिहार में ऑक्सीजन और बेड की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. आए दिन परिजन अपने मरीज को लेकर दरबदर भटकते रहते हैं. हालांकि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजधानी पटना में कई जगहों पर अस्थाई कोविड अस्पताल बनाए गए है. उनमें बेड भी खाली हैं लेकिन मरीजों एडमिट नहीं हो पा रहे हैं.

इसका कारण जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल और पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई अस्पताल का जायजा लिया.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: 20 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहा शख्स, ठीक हुआ तो डॉक्टर से कहा- आप ही हो 'सुपरस्टार'

125 बेड की है व्यवस्था
राजेंद्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 125 बेड की व्यवस्था है. वर्तमान समय में अस्पताल में महज 12 मरीज एडमिट हैं. नोडल पदाधिकारी डॉ. माला श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक करीब 40 के आसपास मरीज यहां एडमिट हुए हैं. कई मरीज ठीक होकर घर भी वापस लौट गए हैं. प्रतिदिन चार-पांच मरीज एडमिट होते हैं और ठीक होकर वापस लौटते हैं.

पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल का हाल
पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल का हाल

लेवल 2 का है अस्पताल
आपको बता दें कि यह लेवल 2 का अस्पताल है. यहां ऑक्सीजन लेवल 90 से कम रहने वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि अस्पताल में बेड खाली रहने के बावजूद मरीज को एडमिट नहीं किया जा रहा है. जब हमने इस मसले पर डॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे पास क्रिटिकल मरीज के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. इसलिए हम क्रिटिकल मरीजों को फिलहाल एडमिट नहीं कर सकते.

पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बना कोविड अस्पताल का बेड
पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बना कोविड अस्पताल का बेड
राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल में चस्पाया गया नोटिस
राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल में चस्पाया गया नोटिस
पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बना कोविड अस्पताल
पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बना कोविड अस्पताल

वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं
अगर बात करें पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई कोविड अस्पताल की तो यहां पर 110 बेड की व्यवस्था है. वर्तमान में 35 मरीज एडमिट हैं. नोडल पदाधिकारी डॉक्टर राहुल ने बताया कि आईसीयू और वेंटिलेटर की हमारे पास कोई व्यवस्था नहीं है. केवल ऑक्सीजन युक्त बेड ही हैं. लेकिन कई क्रिटिकल मरीज भी यहां पर एडमिट हैं.

कई मरीज ऐसे हैं, जिनका ऑक्सीजन लेवल फिलहाल ठीक है. लेकिन जैसे ही उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट देना बंद किया जाएगा, उनका ऑक्सीजन लेवल 70-75 पहुंच जाएगा. ज्यादातर मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 70-85 के आसपास है.

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई अस्पताल का हाल
पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई अस्पताल का हाल

यह भी पढ़ें- गया डीएम ने कोविड अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, भर्ती मरीजों से लिया फीडबैक

'जब यहां मरीज आते हैं तो हम उनके परिजन को बता देते हैं कि हमारे पास कोई उचित व्यवस्था नहीं है. हम बस ऑक्सीजन सपोर्ट ही दे सकते हैं. कई ऐसे मरीज हैं, जिन्हें कहीं जगह नहीं मिल रही होती है. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की तत्काल आवश्यकता होती है, तो हम उन्हें तुरंत एडमिट कर लेते हैं. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट भी देते हैं. सभी बातें परिजन को बताने के बाद परिजन तैयार होते हैं तो हम वैसे मरीज को तत्काल एडमिट करते हैं. ऑक्सीजन सपोर्ट देते हैं और जैसे ही उन्हें किसी दूसरे अस्पताल में आईसीयू में या वेंटिलेटर की सुविधा मिलती है, लोग वहां शिफ्ट हो जाते हैं.' -डॉक्टर राहुल, नोडल पदाधिकारी, अस्थाई कोविड हॉस्पिटल, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बना अस्थाई अस्पताल
पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बना अस्थाई अस्पताल

मरीज नहीं हो पा रहे हैं भर्ती
राजेंद्र नगर के अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल और पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बना कोरोना अस्पताल करीब 60% खाली पड़ा हुआ है. ऑक्सीजन तो है, बेड भी है लेकिन क्रिटिकल मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है. यही कारण है कि बेड खाली होने के बावजूद मरीज एडमिट नहीं हो पा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- जमुई: दिग्विजय सिंह फाउंडेशन ने सदर अस्पताल को 5 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर किया डोनेट

यह भी पढ़ें- पटना: यूनिक हॉस्पिटल का डायरेक्टर 50 हजार में दे रहा था ऑक्सिजन सिलेंडर, EOU ने रंगेहाथ किया गिरफ्तार

पटना: बिहार में ऑक्सीजन और बेड की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. आए दिन परिजन अपने मरीज को लेकर दरबदर भटकते रहते हैं. हालांकि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजधानी पटना में कई जगहों पर अस्थाई कोविड अस्पताल बनाए गए है. उनमें बेड भी खाली हैं लेकिन मरीजों एडमिट नहीं हो पा रहे हैं.

इसका कारण जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल और पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई अस्पताल का जायजा लिया.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: 20 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहा शख्स, ठीक हुआ तो डॉक्टर से कहा- आप ही हो 'सुपरस्टार'

125 बेड की है व्यवस्था
राजेंद्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 125 बेड की व्यवस्था है. वर्तमान समय में अस्पताल में महज 12 मरीज एडमिट हैं. नोडल पदाधिकारी डॉ. माला श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक करीब 40 के आसपास मरीज यहां एडमिट हुए हैं. कई मरीज ठीक होकर घर भी वापस लौट गए हैं. प्रतिदिन चार-पांच मरीज एडमिट होते हैं और ठीक होकर वापस लौटते हैं.

पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल का हाल
पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल का हाल

लेवल 2 का है अस्पताल
आपको बता दें कि यह लेवल 2 का अस्पताल है. यहां ऑक्सीजन लेवल 90 से कम रहने वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि अस्पताल में बेड खाली रहने के बावजूद मरीज को एडमिट नहीं किया जा रहा है. जब हमने इस मसले पर डॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे पास क्रिटिकल मरीज के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. इसलिए हम क्रिटिकल मरीजों को फिलहाल एडमिट नहीं कर सकते.

पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बना कोविड अस्पताल का बेड
पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बना कोविड अस्पताल का बेड
राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल में चस्पाया गया नोटिस
राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बने कोविड अस्पताल में चस्पाया गया नोटिस
पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बना कोविड अस्पताल
पटना के राजेंद्र नगर स्थित अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में बना कोविड अस्पताल

वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं
अगर बात करें पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई कोविड अस्पताल की तो यहां पर 110 बेड की व्यवस्था है. वर्तमान में 35 मरीज एडमिट हैं. नोडल पदाधिकारी डॉक्टर राहुल ने बताया कि आईसीयू और वेंटिलेटर की हमारे पास कोई व्यवस्था नहीं है. केवल ऑक्सीजन युक्त बेड ही हैं. लेकिन कई क्रिटिकल मरीज भी यहां पर एडमिट हैं.

कई मरीज ऐसे हैं, जिनका ऑक्सीजन लेवल फिलहाल ठीक है. लेकिन जैसे ही उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट देना बंद किया जाएगा, उनका ऑक्सीजन लेवल 70-75 पहुंच जाएगा. ज्यादातर मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 70-85 के आसपास है.

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई अस्पताल का हाल
पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने अस्थाई अस्पताल का हाल

यह भी पढ़ें- गया डीएम ने कोविड अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, भर्ती मरीजों से लिया फीडबैक

'जब यहां मरीज आते हैं तो हम उनके परिजन को बता देते हैं कि हमारे पास कोई उचित व्यवस्था नहीं है. हम बस ऑक्सीजन सपोर्ट ही दे सकते हैं. कई ऐसे मरीज हैं, जिन्हें कहीं जगह नहीं मिल रही होती है. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की तत्काल आवश्यकता होती है, तो हम उन्हें तुरंत एडमिट कर लेते हैं. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट भी देते हैं. सभी बातें परिजन को बताने के बाद परिजन तैयार होते हैं तो हम वैसे मरीज को तत्काल एडमिट करते हैं. ऑक्सीजन सपोर्ट देते हैं और जैसे ही उन्हें किसी दूसरे अस्पताल में आईसीयू में या वेंटिलेटर की सुविधा मिलती है, लोग वहां शिफ्ट हो जाते हैं.' -डॉक्टर राहुल, नोडल पदाधिकारी, अस्थाई कोविड हॉस्पिटल, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बना अस्थाई अस्पताल
पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बना अस्थाई अस्पताल

मरीज नहीं हो पा रहे हैं भर्ती
राजेंद्र नगर के अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल और पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बना कोरोना अस्पताल करीब 60% खाली पड़ा हुआ है. ऑक्सीजन तो है, बेड भी है लेकिन क्रिटिकल मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है. यही कारण है कि बेड खाली होने के बावजूद मरीज एडमिट नहीं हो पा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- जमुई: दिग्विजय सिंह फाउंडेशन ने सदर अस्पताल को 5 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर किया डोनेट

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Last Updated : May 15, 2021, 10:19 AM IST
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