पटना: नई अध्यापक बहाली परीक्षा का बिहार के सभी दो लाख टीईटी शिक्षक बहिष्कार करेंगे. शुक्रवार को टीईटी शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के उपरांत संघ ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है. यह जानकारी टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने दी.
'हम अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं..' : अमित विक्रम ने कहा कि जो दो लाख टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक हैं, वे किसी भी शर्त पर बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक बहाली परीक्षा का हिस्सा नहीं बनेंगे और फॉर्म नहीं भरेंगे. शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 2012 से लेकर 2022 तक बहाल हुए दो लाख शिक्षक टीईटी की परीक्षा पास कर ही शिक्षक के पद पर बहाल हुए हैं. हम अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं तो अब वो किसी भी प्रकार की परीक्षा का हिस्सा क्यों बने?
''सरकार इतने सालों के अनुभव का कोई मोल नहीं दे रही. जबकि नियमावली की कंडिका आठ में कहा गया है कि पूर्व से नियोजित शिक्षक हैं, उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी. बावजूद इसके सरकार शिक्षकों के लिए अलग से कोई प्रक्रिया नहीं अपना रही है. इसीलिए टीईटी शिक्षक संघ सभी नियोजित शिक्षकों को स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि वह इस बहाली प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बने.''- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ
अमित विक्रम ने आगे कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए विज्ञापित सीट पर नियोजित शिक्षक परीक्षा देकर कब्जा नहीं करेंगे. यह सीट उन शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए है जो कई सालों से सीटेट एसटीइटी की परीक्षा पास कर बहाली का इंतजार कर रहे थे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ भी गलत किया जा रहा है. उनसे नौकरी का वादा करके फिर से परीक्षा देने को कहा जा रहा है. जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है और सरासर वादाखिलाफी है.
''टीईटी शिक्षक संघ ने शुरू से इस परीक्षा का बहिष्कार किया है और आगे भी बहिष्कार ही करेगा. नई नियमावली के खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में अपील दायर की है और जल्दी उसकी सुनवाई होगी और परीक्षा पर जरूर रोक लगेगी.''- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ