पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गई है. एनडीए ने तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने की घोषणा तक कर दी. यह घोषणा खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए किया.
वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन एनडीए के मुकाबले काफी पीछे दिख रहा है. हालांकि सभी नेता दावा कर रहे हैं कि सभी सवालों का जवाब समय पर मिल जाएगा. एक ओर जहां एनडीए में नेतृत्व को लेकर के स्थिति स्पष्ट कर दी गई है. तो वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन में अभी तक मुख्यमंत्री का दावेदार कौन होगा यह स्पष्ट नहीं है.
हालांकि, आरजेडी ने तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर लगा दी है. बावजूद इसके महागठबंधन के किसी भी साथी की ओर से इस पर सहमति अभी तक नहीं आई है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर काफी माथापच्ची हुई थी और लंबे समय बीतने के बाद इस पर से पर्दा उठा था.
'प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों की भीड़ है महागठबंधन'
बीजेपी के विधायक अरुण कुमार ने कहा कि यह बेमेल गठबंधन है. वे महागठबंधन को प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों के भीड़ की तरह बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आम यात्री अलग-अलग विचारों के साथ एक ही ट्रेन पर सवार होकर अपने-अपने गंतव्य पहुंचते हैं. उसी तरह महागठबंधन में सभी अलग-अलग विचारों के लोग एक साथ मिलकर सत्ता तक पहुंचाना चाह रहे हैं. लेकिन जिस तरह से लोकसभा चुनाव के दौरान सही समय पर महागठबंधन के नेताओं की ओर से कुछ भी निर्णय नहीं लिया गया. वहीं, हश्र इस चुनाव में भी होगा.
तेजस्वी यादव होंगे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार
महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी के विधायक विजय प्रकाश का मानना है कि जिसकी जितनी हैसियत है. उसे उतनी सीट जरूर मिलेगी. आरजेडी की ओर से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे यह तय है. समय आने पर महागठबंधन के तमाम साथी भी इस पर सहमत हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि भले ही सहयोगी दलों की ओर से अधिक सीटों की डिमांड की जाए. लेकिन आपसी सहमति से सभी चीजों को तय कर लिया जाएगा.
क्या कहते हैं मदन मोहन झा
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा का कहना है कि 19 जून तक राज्यसभा का चुनाव होना है. इसके बाद सभी नेता बैठ कर के तमाम बातों पर सहमति बना लेंगे. हालांकि तेजस्वी के नेतृत्व के सवाल पर भी कांग्रेस अब तक कुछ स्पष्ट नहीं कह रही है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने ही पटना के गांधी मैदान में कांग्रेस की ओर से आयोजित संकल्प रैली में विधानसभा चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ने की घोषणा की थी. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर महागठबंधन के तमाम दल अलग-अलग दिशा में काम कर रहे हैं. वे कब तक एक साथ एक मंच पर दिखेंगे? सवाल यह भी है कि लोकसभा चुनाव के ढर्रे पर चलने वाले महागठबंधन के नेता कहीं इस बार भी पिछड़ न जाए.