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बोले तेजस्वी- लाशों के ढेर पर चुनाव कराना चाहती है नीतीश सरकार - politics of bihar

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते भयावह स्थिति बनने वाली है. लेकिन सरकार सिर्फ चुनावी तैयारियों में लगी हुई है.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट
पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट
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Published : Jul 7, 2020, 5:13 PM IST

पटना: जदयू-बीजेपी की वर्चुअल रैली पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में लोगों की मौतें हो रही हैं. ऐसे में इन्हें चुनावी की तैयारी की पड़ी हुई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चौतरफा हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट में ही नीतीश कुमार पूरी तरह फिसड्डी साबित हुए हैं. कोरोना के भयावह दौर में यह स्थिति शर्मिंदा करने वाली है.

दूसरी ओर सीएम नीतीश की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी रिपोर्ट मात्र दो घंटे में आ जा रही है. लेकिन आम लोगों की रिपोर्ट उसमें देरी क्यों ? चुनावी तैयारी में लगी बीजेपी और जदयू पर तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना की स्थिति चुनाव के लिए इतनी बेचैनी क्यों हो रही है. सीएम नीतीश को अपनी कुर्सी की चिंता क्यों है. चुनाव के लिए ये समय उचित नहीं. सरकार को ध्यान देना चाहिए.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

तेजस्वी ने नीतीश पर बोला हमला

  • तेजस्वी ने कहा कि बिहार के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है.
  • केंद्र के आंकड़े बताते हैं कि वेंटिलेटर, मेडिकल स्टाफ आदि की भारी कमी है.
  • पिछले दो साल में बिहार में कोई स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना नहीं हुई.
  • आपदा विभाग के अनुसार आज बेगूसराय जिले में एक के व्यक्ति की वज्रपात की वजह से मौत हुई है.
  • शिशु मृत्यु दर और प्रसूता मृत्यु दर भी ज्यादा है.
  • केंद्र के आंकड़े सामने रख रहे हैं.
  • तेजस्वी कहा कि बिहार में डॉक्टर मरीज अनुपात पूरे देश में सबसे खराब है.
  • बिहार में ग्रामीण क्षेत्रों में 17 हजार लोगों पर एक डॉक्टर है.
    नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
    नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

केंद्र से मिले पैसों को खर्च नहीं कर रही सरकार
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की जितनी संस्थाएं हैं चाहे एनआरएचएम हो या नीति आयोग हो. सभी ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है. नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने 15 साल में बिहार में स्वास्थ्य की स्थिति इतनी बदतर क्यों कर दी है. केंद्र से जो फंड मिलता है, उसका भी बिहार पूरा उपयोग नहीं कर पाता. ऐसे में बिहार में कोरोना संक्रमण के कारण लोगों की जान खतरे में है. सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया है. मुख्यमंत्री की जांच रिपोर्ट 2 घंटे में आ जाती है तो फिर आम लोगों को रैपिड टेस्टिंग की सुविधा क्यों नहीं मिल रही.

पटना: जदयू-बीजेपी की वर्चुअल रैली पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में लोगों की मौतें हो रही हैं. ऐसे में इन्हें चुनावी की तैयारी की पड़ी हुई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चौतरफा हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट में ही नीतीश कुमार पूरी तरह फिसड्डी साबित हुए हैं. कोरोना के भयावह दौर में यह स्थिति शर्मिंदा करने वाली है.

दूसरी ओर सीएम नीतीश की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी रिपोर्ट मात्र दो घंटे में आ जा रही है. लेकिन आम लोगों की रिपोर्ट उसमें देरी क्यों ? चुनावी तैयारी में लगी बीजेपी और जदयू पर तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना की स्थिति चुनाव के लिए इतनी बेचैनी क्यों हो रही है. सीएम नीतीश को अपनी कुर्सी की चिंता क्यों है. चुनाव के लिए ये समय उचित नहीं. सरकार को ध्यान देना चाहिए.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

तेजस्वी ने नीतीश पर बोला हमला

  • तेजस्वी ने कहा कि बिहार के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है.
  • केंद्र के आंकड़े बताते हैं कि वेंटिलेटर, मेडिकल स्टाफ आदि की भारी कमी है.
  • पिछले दो साल में बिहार में कोई स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना नहीं हुई.
  • आपदा विभाग के अनुसार आज बेगूसराय जिले में एक के व्यक्ति की वज्रपात की वजह से मौत हुई है.
  • शिशु मृत्यु दर और प्रसूता मृत्यु दर भी ज्यादा है.
  • केंद्र के आंकड़े सामने रख रहे हैं.
  • तेजस्वी कहा कि बिहार में डॉक्टर मरीज अनुपात पूरे देश में सबसे खराब है.
  • बिहार में ग्रामीण क्षेत्रों में 17 हजार लोगों पर एक डॉक्टर है.
    नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
    नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

केंद्र से मिले पैसों को खर्च नहीं कर रही सरकार
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की जितनी संस्थाएं हैं चाहे एनआरएचएम हो या नीति आयोग हो. सभी ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है. नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने 15 साल में बिहार में स्वास्थ्य की स्थिति इतनी बदतर क्यों कर दी है. केंद्र से जो फंड मिलता है, उसका भी बिहार पूरा उपयोग नहीं कर पाता. ऐसे में बिहार में कोरोना संक्रमण के कारण लोगों की जान खतरे में है. सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया है. मुख्यमंत्री की जांच रिपोर्ट 2 घंटे में आ जाती है तो फिर आम लोगों को रैपिड टेस्टिंग की सुविधा क्यों नहीं मिल रही.

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