पटनाः पांच करोड़ रुपये लेकर टिकट नहीं देने के आरोप पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पहली बार बयान दिया है. रांची से लौटने वक्त पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निषपक्षता से जांच की जानी चाहिए.
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"इसपर हमको ज्यादा कुछ कहना नहीं है. लेकिन ये जानकारी जरूर ले लेना चाहिए कि उनके पास पांच करोड़ रूपए आए कहां से, पहले तो ये पता होना चाहिए. हम तो चाहते हैं कि इसकी ईमानदारी और निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए. और अगर आरोप झूठा साबित होता है तो आरोप लगाने वाले पर कार्रवाई होनी चाहिए."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
वहीं, लालू यादव शासनकाल में नौकरियां नहीं मिलने के सवाल पर तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर बरस पड़े. उन्होंने कहा कि लालूजी के राज में तो स्थायी नौकरियां मिलती थी, लेकिन आज क्या हाल है ये जाकर संविदाकर्मियों से पूछिए. उन्होंने सवाल उठाया कि एनडीए की सरकार ने जो वादे रोजगार देने के लिए किया था उसका क्या हुआ ?
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बता दें कि पांच करोड़ लेकर टिकट न देने का आरोप कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह की ओर से लगाया गया है. उन्होंने पटना के सीजेएम कोर्ट में 18 अगस्त को परिवाद दायर किया था. इनमें मीसा भारती, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, प्रवक्ता राजेश राठौर और सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद के नाम भी शामिल है. उनका आरोप है कि भागलपुर से लोकसभा का टिकट देने के लिए सभी आरोपितों ने उनसे पांच करोड़ रुपए की मांग की थी.
फिर, 15 जनवरी 2019 को उन्होंने ये रुपए दे दिए, इसके बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद उन्हें आश्वासन दिया गया कि विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाएगा, लेकिन वह भी नहीं मिला. इसके बाद संजीव कुमार ने तेजस्वी यादव पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है.