पटना/असम: सोमवार को तेजस्वी यादव असम के तिनसुकिया में रैली को संबोधित करने पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने तिनसुकिया विधानसभा से राजद उम्मीदवार हीरा देवी चौधरी के लिए वोट मांगा. वहीं, राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने पर 'पांच गांरटी' घोषणा की बात कही. उन्होंने सीएए, महिलाओं को मासिक भत्ते समेत रैली में कई चुनावी वादों की झड़ी लगा दी.
तिनसुकिया के भोजपुरी वोट बैंक पर नजर
दरअसल, तिनसुकिया में कुल वोटरों की संख्या 1 लाख 65 हजार है. जिसमें स्थानीय वोटरों के साथ उत्तर बिहार और भोजपुरी भाषियों का भी एक बड़ा वोट बैंक है. करीब 30 हजार वोटर्स छपरा, सिवान, गोपालगंज, मोतिहारी, बेतिया और मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं. जिनके वंशजों को कभी ब्रिटिश राज में चाय बगान में खेती के लिए लाया गया था और उनकी पीढ़ियां यह बस गई. जिन पर तेजस्वी की नजर है.
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असम के तिनसुकिया विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन की राजद प्रत्याशी श्रीमती हीरा देवी चौधरी जी के पक्ष में तिनसुकिया बाज़ार में रोड शो के ज़रिए मतदाता मालिकों से संपर्क किया। pic.twitter.com/JwPkRv1G3y
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चाय बागान के मजदूरों का बढ़ाएंगे मानदेय
तेजस्वी ने अपने भाषण में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि असम में बीजेपी की सरकार ने बीते 5 सालों में असम की जनता से झूठ बोला है. उनके साथ वादा खिलाफी की है. वहीं, उन्होंने असम के सबसे बड़े मुद्दे को छेड़ते हुए कहा कि असम में अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो चाय बगान में कामगर मजदूरों को दिया जाने वाला 168 रुपये मानदेय को बढ़ाकर 365 रुपये कर दिया जाएगा.
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यहां भी छेड़ा सरकारी नौकरी का राग
तिनसुकिया में भी एक बार फिर से सरकारी नौकरी देने का राग छेड़ दिया है. तेजस्वी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा,'हम बिहार में भी 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देना चाहते थे, लेकिन नहीं दे पाए. वहां हमारी सरकार नहीं बन पाई. अगर असम में महागठबंधन की सरकार बनती है तो यहां 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी'.
वहीं, उन्होंने कहा कि सरकार बनने पर सभी लोगों को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी. तेजस्वी ने असम के सबसे बड़ी नब्ज पर हाथ रखते हुए कहा कि अगर यहां कांग्रेस की सरकार बनती है तो असम में सीएए लागू नहीं होने दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने रैली के माध्यम से असम की आधी आबादी को भी अपने मुद्दों में जगह देते हुए कहा कि सरकार बनने के बाद गृहणियों को सरकार प्रति माह 2000 रुपये मासिक भत्ता देगी.
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निगाहें असम के रास्ते राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के दर्जा हासिल करने का
बिहार में लालटेन की धमक की बदौलत लालू परिवार और राजद ने न सिर्फ डेढ़ दशक तक सूबे में अपना राज कायम किया. बल्कि उसी लालटेन को देश के अन्य राज्यों में भी पहुंचाया. जब लालू यादव अपने सियासी फलक पर थे, तो राष्ट्रीय जनता दल ने भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल किया था. लेकिन 2005 के बाद बिहार की सत्ता गंवाने और 2014 में यूपीए की केंद्र से रूखसती के बाद राजद और लालू परिवार अर्श से फर्श पर आ गया लेकिन पिछले चुनाव परिणाम ने उनके राजनैतिक वारिस तेजस्वी यादव के हौसले को उंची उड़ान दी. भले ही तेजस्वी की अगुवाई में महागठबंधन में बिहार में सरकार नहीं बन पाई हो, लेकिन उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव ने महागठबंधन के नेता के तौर पर पेश कर दिया है.
अब तेजस्वी यादव की निगाहें न सिर्फ असम में बीजेपी को डेंट पहुंचा कर असम में कांग्रेस का राज कायम करने का है, बल्कि राजद को असम के रास्ते एक बार फिर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कराने का भी है. पिछले असम दौरे में भी अपने इस इरादे जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था कि असम के रास्ते ही राजद का पूर्वोत्तर द्वार खुलेगा. इसी के मद्देनजर राजद ने तिनसुकिया में अपना उम्मीदवार उतारा.