पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गृह विभाग के बजट के दौरान दागी मंत्रियों के सवाल पर सरकार को घेरा तो विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को सबूत पेश करने को कहा. तेजस्वी सदन में सबूत नहीं दे पाए.
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दागी मंत्रियों के मसले पर बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष की ओर से सवाल उठाए गए. तेजस्वी ने गृह विभाग के बजट के दौरान कहा कि नीतीश कैबिनेट में 60% से अधिक मंत्री ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं. इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि अगर आपके पास कोई सबूत है तो सदन में प्रस्तुत करें.
64 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले
गौरतलब है कि मंत्री रामसूरत राय प्रकरण के बाद विपक्ष हमलावर है और दागी मंत्रियों के सवाल पर सरकार को घेरने में जुटी है. तेजस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं. नीतीश कुमार के कैबिनेट में 31 सदस्य हैं. इसमें 18 मंत्री ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. 14 मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले विचाराधीन हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कुल मिलाकर 64% मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले विचाराधीन हैं. भाजपा के 11 और जदयू के 3 मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
भ्रष्टाचार को लेकर संवेदनशील नहीं नीतीश
राजद प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा "नीतीश कुमार भ्रष्टाचार को लेकर संवेदनशील नहीं हैं. कैबिनेट में कई मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं. हम लोग सदन में सबूत पेश करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के मंत्री बवाल खड़ा कर व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं."
"कैबिनेट में ढेरों मंत्री ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं. नेताओं को तब तक कैबिनेट में शामिल नहीं होना चाहिए जब तक कि उन्हें क्लीन चिट नहीं मिल जाए."- अजीत शर्मा, नेता, कांग्रेस विधायक दल
अपने गिरेबान में झांके विपक्ष
दागी मंत्रियों के मामले में भाजपा और जदयू के नेता सफाई देते दिख रहे हैं. जदयू नेता और पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने कहा "विधायकों को जनता चुनती है. उनमें से किसी को मंत्री बनाया जाता है. अगर कोई वाकई अपराधी होगा तो जनता ही रिजेक्ट कर देगी. वैसे विपक्ष को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए."
"किसी के खिलाफ मामला दर्ज होने से वह अपराधी नहीं हो जाता. राजनेताओं के खिलाफ ज्यादातर मामले राजनीति से प्रेरित होते हैं."- संजय सरावगी, भाजपा नेता