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बोले तेजस्वी- बिहार के DGP भी हैं डरे-सहमे, CM नीतीश गद्दी छोड़ें - patna news

गौरतलब है कि विगत वर्षों में बिहार पुलिस के अनेकों अधिकारी अपराधियों के हाथों मारे जा चुके हैं. तेजस्वी यादव ने कहा है कि जब पुलिसकर्मी हलाल के बकरे की भांति सरेराह मौत के घाट उतार दिए जाऐंगे तो आम आदमी की क्या बिसात?

तेजस्वी फाइल फोटो
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Published : Aug 22, 2019, 9:53 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बयान जारी किया है. उन्होंने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की लचर कानून व्यवस्था अब मरणासन्न अवस्था में पहुंच चुकी है. तेजस्वी ने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं.

तेजस्वी ने अपने बयान में कहा है कि पुलिस का काम बस सरकारी आकाओं की राजनीति को पंख देना, उनके इशारे पर नाचना, ब्रजेश ठाकुर जैसे बलात्कारियों, कातिलों और माफियाओं को संरक्षण देना रह गया है. बिहार में हत्या, अपहरण, बलात्कार, फिरौती, रंगदारी और हर तरह के काले कारनामे सत्ता संरक्षण में फल-फूल रहे हैं.

'आदमी डर के जीने को मजबूर है'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि राज्य के इस भयावह माहौल में आम आदमी सहम-सहम कर अपनी जान बचाकर गुजर-बसर करने को विवश है. बता दें कि छपरा में एक दिन पहले एक दारोगा और हवलदार को सरेआम बीच बाजार में सुनियोजित तरीके से बेखौफ अपराधियों ने घेरकर गोलियों से भून दिया. अपराधियों के पास पुलिस से आधुनिक हथियार हैं.

पुलिसिया ताकत पर सवाल दागे
गौरतलब है कि विगत वर्षों में बिहार पुलिस के अनेकों अधिकारी अपराधियों के हाथों मारे जा चुके हैं. तेजस्वी ने कहा है कि जब पुलिसकर्मी हलाल के बकरे की भांति सरेराह मौत के घाट उतार दिए जाऐंगे तो आम आदमी की क्या बिसात? क्या पुलिस की इतनी भी दबिश और सरकार का इतना भी इकबाल नहीं बचा?

दिनोंदिन बढ़ रहा अपराध का ग्रॉफ
तेजस्वी ने कहा है कि कुछ दिन पहले ही एक रिटायर्ड डीआईजी की उनके परिवार के सामने ही गुंडों ने सरेआम पिटाई कर दी. आज राज्य में हत्या, अपहरण, गैंग रेप, लूट और बलात्कार की घटनाएं इतनी अधिक हो गयी हैं कि अब अखबारों के लिए यह आम खबर है. जिसे अब सनसनीखेज की श्रेणी में नहीं माना जाता है. जेलों से ही अपराधी अपराध जगत को कंट्रोल और मैनेज कर रहे हैं. जेलों में थोक में सिम, मोबाइल, हथियार मिल रहे हैं. जंगलराज चिल्लाने वाले बेशर्मी से कुछ बोल नहीं पा रहे हैं.

डीजीपी खुद ही सेफ नहीं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि अब तो राज्य के डीजीपी खुद ही कह रहे हैं कि अपराधी कभी भी उन्हें गोली मार सकते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि अगर डीजीपी इतने डरे-सहमे हुए हैं, तो आम आदमी का क्या होगा? डीजीपी के इस स्टेटमेंट के बाद क्या सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार रह गया है?

एक इंजन अपराध में तो दूसरा भ्रष्टाचार में लगा है
तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर कटाक्ष किया है कि अपराधग्रस्त माहौल में व्यवसायी वर्ग पूंजी निवेश करने से कतराने लगा है. व्यापारी बिहार छोड़ रहे हैं. वहीं, डीजीपी क्राइम पर नकेल कसने के बजाय मीडिया मैनेज करने, व्यक्तिगत ब्रांडिंग करने और प्रेस कॉफ्रेंस करने में ही व्यस्त रहते हैं. डबल इंजन की सरकार का पूरा ध्यान माफियाओं और अधिकारियों से भ्रष्ट वसूली में ही लगा रहता है. अपनी डफली, अपना राग लेकर जेडीयू और बीजेपी आपसी कलह और खींचतान में आमजनों का गला घोंट रहे हैं. इनका एक इंजन अपराध में तो दूसरा भ्रष्टाचार में लगा हुआ है.

पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बयान जारी किया है. उन्होंने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की लचर कानून व्यवस्था अब मरणासन्न अवस्था में पहुंच चुकी है. तेजस्वी ने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं.

तेजस्वी ने अपने बयान में कहा है कि पुलिस का काम बस सरकारी आकाओं की राजनीति को पंख देना, उनके इशारे पर नाचना, ब्रजेश ठाकुर जैसे बलात्कारियों, कातिलों और माफियाओं को संरक्षण देना रह गया है. बिहार में हत्या, अपहरण, बलात्कार, फिरौती, रंगदारी और हर तरह के काले कारनामे सत्ता संरक्षण में फल-फूल रहे हैं.

'आदमी डर के जीने को मजबूर है'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि राज्य के इस भयावह माहौल में आम आदमी सहम-सहम कर अपनी जान बचाकर गुजर-बसर करने को विवश है. बता दें कि छपरा में एक दिन पहले एक दारोगा और हवलदार को सरेआम बीच बाजार में सुनियोजित तरीके से बेखौफ अपराधियों ने घेरकर गोलियों से भून दिया. अपराधियों के पास पुलिस से आधुनिक हथियार हैं.

पुलिसिया ताकत पर सवाल दागे
गौरतलब है कि विगत वर्षों में बिहार पुलिस के अनेकों अधिकारी अपराधियों के हाथों मारे जा चुके हैं. तेजस्वी ने कहा है कि जब पुलिसकर्मी हलाल के बकरे की भांति सरेराह मौत के घाट उतार दिए जाऐंगे तो आम आदमी की क्या बिसात? क्या पुलिस की इतनी भी दबिश और सरकार का इतना भी इकबाल नहीं बचा?

दिनोंदिन बढ़ रहा अपराध का ग्रॉफ
तेजस्वी ने कहा है कि कुछ दिन पहले ही एक रिटायर्ड डीआईजी की उनके परिवार के सामने ही गुंडों ने सरेआम पिटाई कर दी. आज राज्य में हत्या, अपहरण, गैंग रेप, लूट और बलात्कार की घटनाएं इतनी अधिक हो गयी हैं कि अब अखबारों के लिए यह आम खबर है. जिसे अब सनसनीखेज की श्रेणी में नहीं माना जाता है. जेलों से ही अपराधी अपराध जगत को कंट्रोल और मैनेज कर रहे हैं. जेलों में थोक में सिम, मोबाइल, हथियार मिल रहे हैं. जंगलराज चिल्लाने वाले बेशर्मी से कुछ बोल नहीं पा रहे हैं.

डीजीपी खुद ही सेफ नहीं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि अब तो राज्य के डीजीपी खुद ही कह रहे हैं कि अपराधी कभी भी उन्हें गोली मार सकते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि अगर डीजीपी इतने डरे-सहमे हुए हैं, तो आम आदमी का क्या होगा? डीजीपी के इस स्टेटमेंट के बाद क्या सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार रह गया है?

एक इंजन अपराध में तो दूसरा भ्रष्टाचार में लगा है
तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर कटाक्ष किया है कि अपराधग्रस्त माहौल में व्यवसायी वर्ग पूंजी निवेश करने से कतराने लगा है. व्यापारी बिहार छोड़ रहे हैं. वहीं, डीजीपी क्राइम पर नकेल कसने के बजाय मीडिया मैनेज करने, व्यक्तिगत ब्रांडिंग करने और प्रेस कॉफ्रेंस करने में ही व्यस्त रहते हैं. डबल इंजन की सरकार का पूरा ध्यान माफियाओं और अधिकारियों से भ्रष्ट वसूली में ही लगा रहता है. अपनी डफली, अपना राग लेकर जेडीयू और बीजेपी आपसी कलह और खींचतान में आमजनों का गला घोंट रहे हैं. इनका एक इंजन अपराध में तो दूसरा भ्रष्टाचार में लगा हुआ है.

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