पटना: राजधानी पटना में शनिवार से बिहार का पहला ट्रेवल एंड टूरिज्म मेला का शुभारंभ हुआ. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसका उद्घाटन किया. पर्यटन विभाग द्वारा ज्ञान भवन में आयोजित TTF 2023 के दूसरे सत्र 'धार्मिक पर्यटन के लिए बिहार की संभावनाएं: बौद्ध, जैन, सिख पर्यटन' विषय पर खुले सत्र का आयोजन किया गया. पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं.
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"बिहार ने सिद्धार्थ को बुद्ध बनाया. यहां महावीर ने जैन धर्म को स्थापित किया. सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म यहां हुआ. सनातन धर्म में माता सीता का जन्म हुआ. गया जी जहां सभी हिन्दु धर्म के लोग जरूर पहुंचते हैं. इन सभी चीजों से हम कैसे लोकल इकोनामी को बढ़ाएं, इस पर काम कर रहे हैं."- अभय कुमार सिंह, पर्यटन विभाग के सचिव
राजगीर शीतलकुंड गुरुद्वारा पहुंच रहे हैं श्रद्धालुः हरिमंदिर जी पटना साहिब के सेक्रेटरी जगजोत सिंह ने कहा कि सिख सर्किट पर काम करने की जरूरत है. अभी सिर्फ पटना साहिब ही लोग आते हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोग राजगीर में शीतलकुंड गुरुद्वारा का विकास किया गया है, जिससे आज वहां भी सिख पर्यटक पहुंच रहे हैं. यहां आने वाले पर्यटकों के ठहरने के लिए अगर सरकार के द्वारा बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाए तो यहां लोग रूकेंगे भी.
प्रकाश पर्व पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की जरूरतः एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पीपी खन्ना अध्यक्ष ने कहा कि बुद्धिस्ट सर्किट को हमलोग विदेशों में बता सकते हैं. सिख सर्किट को दूसरे देशों में बिहार के संदर्भ में बताने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां आने वाले बुद्धिस्ट पर्यटक जब पैदल यात्रा पर होते हैं तो सबसे अधिक शौचालय आदि की समस्या होती है. इस पर विभाग को ध्यान देने की जरूरत है. पर्यटन विभाग को प्रकाश पर्व के दौरान आईआरसीटीसी से बात कर स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की बात करनी चाहिए.
बुद्धिस्ट टूरिज्म पर अच्छा काम हो सकताः नालंदा महाविहार यूनिवर्सिटी के सहायक प्राध्यापक अरुण कुमार यादव ने कहा कि बुद्धिस्ट टूरिज्म पर यहां अच्छा काम हो सकता है. भगवान बुद्ध से जुड़े बिहार में कई स्थल हैं, जिसके बारे में बताकर हम विदेशी पर्यटकों को यहां अधिक समय गुजारने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. बुद्ध के संबंध में जो चीजें हमारे यहां है उसे हम दिखा नहीं पाते हैं. जेटियन वाक में तीन सौ विदेशी हर साल एक निश्चित समय पर आते हैं. इस बुद्धिस्ट सर्किट पर नालंदा महाविहार के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.
जल्द आएगी ईको टूरिज्म पॉलिसी: वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की प्रधान सचिव वंदना प्रेयसी ने कहा कि बिहार में ईको टूरिज्म की काफी संभावनाएं हैं. यह सामान्य पर्यटन से भले अलग है, लेकिन प्रकृति एवं पर्यावरण के बेहद करीब है. यह खुशी की बात है कि इन दिनों नई पर्यटन नीति व ईको टूरिज्म पॉलिसी एक साथ बन रही है. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और पर्यटन विभाग शीघ्र ही एक एमओयू करेगा जिससे ईको टूरिज्म और बेहतर हो सके. हमारे राज्य में भीम बांध, खड़गपुर झील, काकोलत जलप्रपात, नागीनक्टी डैम, कुश्वेवर झील, कांवर झील, बरैला झील और तुतला भवानी जलप्रपात जैसी प्राकृतिक पर्यटन संपदाएं हैं, जिससे बिहार का पर्यटन और समृद्ध हो सकता है.
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