पटनाः लालू यादव की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader Opposition Tejashwi Yadav) अपने पिता के नक्शे कदम पर ही चल रहे हैं. देश में विपक्ष को एकजुट करने का जो काम लालू ने कभी किया था, आज वही तस्वीर एक बार फिर नजर आ रही है. बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की गोलबंदी में तेजस्वी (Preparation To Unite Opposition For 2024) आगे की कतार में खड़े नजर आते हैं. हर जगह बिहार से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की डिमांड लगातार हो रही है. आरजेडी इससे उत्साहित है, लेकिन बिहार के सत्ताधारी दल के नेता इसे मेढकों की जमात बता रहे हैं. जदयू का तो यहां तक दावा है कि 2024 में भी नरेंद्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं है.
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2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल लगातार गोलबंद होने की कोशिश कर रहे हैं. कई स्तर पर गोलबंदी की कोशिश हो रही है और बिहार से लालू प्रसाद यादव के जेल में होने के कारण उनके पुत्र तेजस्वी यादव की डिमांड है. तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों तेलंगाना के सीएम से मुलाकात की तो सोमवार को चेन्नई में देश के कुछ चुनिंदा विपक्षी नेताओं के साथ दिखे, मौका था तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की आत्मकथा 'वन एमॉंग यू' के विमोचन कार्यक्रम का. जहां उनके साथ राहुल गांधी भी मौजूद थे.
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इस सिलसिले में अपनी बात रखते हुए आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि देश में जो वर्तमान स्थिति है, उसका मुकाबला करने के लिए सभी विपक्ष को एकजुट होना पड़ेगा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद यादव के कदमों पर चलते हुए बिहार में विपक्ष को नेतृत्व दे रहे हैं. विधानसभा चुनाव में भी उनकी जो उपलब्धि रही उससे वो पूरे देश में चर्चा में है.
वहीं, बिहार के सत्ताधारी दल की भी विपक्षी नेताओं की गोलबंदी पर नजर है. जदयू और बीजेपी के प्रवक्ता निशाना साधते हुए कहते हैं कि पहले भी प्रयास हो चुका है. लेकिन क्या हाल हुआ सब ने देखा है. जदयू प्रवक्ता का तो यहां तक कहना है कि 2024 में नरेंद्र मोदी का कहीं कोई मुकाबला ही नहीं है.
'तेजस्वी यादव ऐसे भी बिहार से बाहर ही रहते हैं, अभी विधान सभा का बजट सत्र चल रहा है. लेकिन अभी भी बाहर हैं विपक्ष यदि गोलबंदी करता है तो उनका अधिकार है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को एक प्लेटफार्म पर लाने की रणनीति तैयार की थी. लेकिन सभी दल ने अपना अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया. तो इसलिए इस गोलबंदी की कोशिश का भी बहुत कुछ रिजल्ट निकलेगा उसकी उम्मीद कम है'- निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता
इन तमाम मुद्दों पर बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि मेढकों कि यह जमात है. जो एक दूसरे का टांग खींचने में लगा हैं, पहले भी फ्रंट बनाने की कोशिश हुई है लेकिन सफल नहीं हुए. सबसे पहले तो प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन होगा इसकी घोषणा करनी चाहिए. तेजस्वी यादव होंगे, ममता बनर्जी होंगी, चंद्रबाबू नायडू होंगे या फिर राहुल गांधी या और कोई. इस गोलबंदी का कोई फायदा नहीं है.
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव की कमी को दूर करने में लगे हैं. क्योंकि आरजेडी की कमान अभी उन्होंने ही संभाल रखा है और निश्चित रूप से 2024 के लिए ही विपक्ष की गोलबंदी हो रही है.
बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की ओर से बीजेपी के खिलाफ मजबूत किलाबंदी की कोशिश लगातार हो रही है. हालांकि अभी तक नरेंद्र मोदी के खिलाफ कौन प्रधानमंत्री उम्मीदवार होगा, इसको लेकर सहमति नहीं बन पाई है और सबसे बड़ी परेशानी इसी को लेकर है. कुछ फ्रंट कांग्रेस को साथ में रखना चाहता हैं तो कुछ कांग्रेस को बाहर. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भी चर्चा होती रही है. ऐसे सभी राज्यों से ताकतवर विपक्ष को साथ लाने की कोशिश जरूर हो रही है. बिहार से लालू प्रसाद यादव विपक्ष के बड़े राष्ट्रीय नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं और उनकी कमी पूरी तरह से तेजस्वी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए तेजस्वी यादव लगातार चर्चा में हैं.
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