पटना: लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार की सक्रिय राजनीति से दूर हो गए थे. वहीं, मंगलवार शाम पटना पहुंचे तेजस्वी ने पहले तो आरक्षण को लेकर बीजेपी और आरएसएस को घेरा. उसके बाद बुधवार को पटना जंक्शन स्थित दूध मंडी को हटाए जाने को लेकर रात तीन बजे तक प्रदर्शन करते रहे. तेजस्वी की इस धमाकेदार एंट्री के बाद विपक्ष में गजब का उत्साह दिख रहा है.
तेजस्वी की एंट्री से लंबे समय से दबाव में चल रहे विपक्षी नेताओं के हौसले बुलंद हैं. तेजस्वी ने वापस आते ही सरकार और प्रशासन को विपक्ष की ताकत भी दिखा दी है. इसके बाद लगातार न सिर्फ राष्ट्रीय जनता दल बल्कि विपक्ष के तमाम नेता भी खुलकर तेजस्वी के समर्थन में बयान दे रहे हैं. राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि तेजस्वी यादव कहीं गए नहीं थे. अपने जरूरी काम से वह बाहर जरूर थे. लेकिन उनके आदेश पर ही विपक्ष लगातार अपनी भूमिका निभा रहा था.
'प्रशासन को झुकने पर किया मजबूर'
वहीं, बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कहा कि तेजस्वी ने जिस तरह पटना स्टेशन पर दूध मंडी कारोबारियों पर हुए अत्याचार का विरोध किया और प्रशासन को झुकने पर मजबूर किया, उन्होंने विपक्ष की ताकत दिखाई है. उन्होंने तेजस्वी की तारीफ करते हुए कहा कि वो पहले भी थे, अभी हैं, और आगे भी रहेंगे.
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AK 47 वाले बाहुबली विधायक की पूरी कहानी सिर्फ ETV BHARAT पर#AnantSingh
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एक्टिव मोड में नेता प्रतिपक्ष
तेजस्वी के धरने को पार्टी ने जबरदस्त तरीके से भुनाया है. पटना की कई जगहों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं. जिसमें तेजस्वी और तेज प्रताप की फोटो के साथ कार्यकर्ताओं और नेताओं का उत्साहवर्धन किया जा रहा है और बड़ी संख्या में लोगों को पार्टी से जोड़ने की कवायद चल रही है. वहीं, तेजस्वी शुक्रवार को वैशाली में आयोजित किए गए सदस्यता अभियान में पहुंचे. कुल मिलाकर नेता प्रतिपक्ष अब पूरी तरह एक्टिव मोड में हैं.
अब देखना है कि विपक्ष का यह भरोसा तेजस्वी कितना बरकरार रख पाते हैं. यह भी देखने वाली बात होगी कि तेजस्वी यादव लगातार बिहार और बिहार की सियासत में बने रहते हैं या नहीं. फिलहाल 25 अगस्त को पार्टी की एक बैठक होने वाली है, जिसमें तेजस्वी यादव सदस्यता अभियान की समीक्षा करेंगे.