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महागठबंधन के नेता सड़क पर, तेजस्वी घर में, आखिर क्यों?

सरकार के नीतियों के खिलाफ महागठबंधन के आक्रोश मार्च से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नदारद रहे, वहीं खानापूर्ति के लिए आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी मौजूद रहे. इस दौरान वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन के नेता का फैसला सभी दलों के बैठक में लिया जायेगा.

महागठबंधन का धरना
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Published : Nov 13, 2019, 8:50 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 12:06 AM IST

पटनाः बिहार में महागठबंधन के नेता एकजुटता की बात कह रहे हैं. लेकर कंफ्यूजन की स्थिति देखी जा रही है. जहां एक तरफ रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व सीएम व हम प्रमुख जीतन राम मांझी, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कहीं दिखाई नहीं पड़े.

इस आक्रोश मार्च की अगुवाई रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा कर रहे थे. महागठबंधन के इस आक्रोश मार्च में कार्यकर्ताओं की काफी भीड़ देखने को मिली. इसमें कुशवाहा को सभी दलों का साथ मिला. यहां तक कि वाम का भी साथ मिला. लेकिन तेजस्वी की कमी सभी को खली. यहीं नहीं इस आक्रोश मार्च में राजद के बड़े चेहरे भी नदारद रहे.

आरजेडी के बड़े नेताओं ने भी बनाई दूरी
बता दें कि तेजस्वी यादव को महागठबंधन के कई नेता अपना कप्तान मानने को तैयार नहीं है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी कई बार तेजस्वी को अनुभव की कमी की बात कह चुके हैं. वहीं समय-समय पर कुशवाहा के हाथों में महागठबंधन का नेतृत्व देने की मांग उठती रही है. ऐसे में कुशवाहा के नेतृत्व में आयोजित इस आक्रोश मार्च से आरजेडी के बड़े नेता भी दूरी बनाते दिखे. हालांकि राजधानी पटना में आयोजित आक्रोश मार्च में आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी मौजूद रहे.

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जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम

प्रदर्शन में नदारद रहा आरजेडी का झंडा
आक्रोश मार्च में रालोसपा, वीआईपी, वामदल, हम और कांग्रेस के झंडे सबसे अधिक दिखे. हालांकि कार्यकर्ता इक्के-दूके आरजेडी का झंडा लिये प्रदर्शन में दिखे. राजद नेता मृत्युंजय तिवारी की मानें तो पार्टी के सभी बड़े नेता संगठन चुनाव में व्यस्त हैं जो कि पहले से निर्धारित था. तेजस्वी के गायब रहने पर आरजेडी नेता कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष में नई दिल्ली कानूनी कार्रवाई और झारखंड चुनाव में व्यस्त हैं. उनके निर्देश पर ही राजद के कार्यकर्ता आक्रोश मार्च में शामिल हुए हैं.

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मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी नेता

कुशवाहा की सफाई
वहीं, तेजस्वी के धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं होने पर धरना प्रदर्शन का अगुआई कर रहे उपेंद्र कुशवाहा सफाई देते रहे. उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन में आरजेडी के कई नेता शामिल हुए हैं. कोई जरूरी नहीं कि तेजस्वी यादव भी शामिल हो, महागठबंधन के सभी दल एकजुट हैं. हालांकि तेजस्वी यादव के गायब रहने के बाद भी कुशवाहा पूरे उत्साह के साथ नेतृत्व करते रहे.

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रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा

कुशवाहा को मिला मांझी का साथ
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा जीतन राम मांझी को इस मार्च में भाग लेने के लिए उन्हें मनाने उनके आवास पर पहुंचे थे. सारे गिले-शिकवे को भूलाते हुए मांझी अपने समर्थकों के साथ ने शिरकत की. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्फ्यूजन के कारण उन्होंने धरना से अलग होने की बात कही थी.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

महागठबंधन के नेता के सवाल पर सस्पेंस
इसके अलावा एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन में मुकेश सहनी की पार्टी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती दिखी. खुद सहनी ने इसमें शिरकत की. सहनी ने इस दौरान कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग को उठाया. उन्होंने कहा कि कमेटी फिलहाल बनी नहीं है. लेकिन, जल्द बन जाएगी. इस दौरान उन्होंने यह बात स्वीकारी कि आने वाले दिनों में आरजेडी ही महागठबंधन का नेतृत्व करेगा. लेकिन, नेता के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी को मिल बैठकर तय करना होगा.

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वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी

रालोसपा, वीआईपी और वाम दल रहे सक्रिय
बता दें कि एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन के दौरान अलग-अलग जिले में रालोसपा, वीआईपी और वाम दल की सक्रियता सबसे ज्यादा देखी गई. वहीं राजधानी पटना के सड़कों पर भी इन्हीं दलों के कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे. हालांकि आरजेडी इस प्रदर्शन में आरजेडी के कुछ नेता शामिल होकर अपनी उपस्थिति दर्ज जरुर कराया. वहीं, कुशवाहा के नेतृत्व में इस मार्च से दूरी बनाकर आरजेडी नेतृत्व ने इशारे ही इशारे में बहुत कुछ जता दिया है.

पटनाः बिहार में महागठबंधन के नेता एकजुटता की बात कह रहे हैं. लेकर कंफ्यूजन की स्थिति देखी जा रही है. जहां एक तरफ रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व सीएम व हम प्रमुख जीतन राम मांझी, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कहीं दिखाई नहीं पड़े.

इस आक्रोश मार्च की अगुवाई रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा कर रहे थे. महागठबंधन के इस आक्रोश मार्च में कार्यकर्ताओं की काफी भीड़ देखने को मिली. इसमें कुशवाहा को सभी दलों का साथ मिला. यहां तक कि वाम का भी साथ मिला. लेकिन तेजस्वी की कमी सभी को खली. यहीं नहीं इस आक्रोश मार्च में राजद के बड़े चेहरे भी नदारद रहे.

आरजेडी के बड़े नेताओं ने भी बनाई दूरी
बता दें कि तेजस्वी यादव को महागठबंधन के कई नेता अपना कप्तान मानने को तैयार नहीं है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी कई बार तेजस्वी को अनुभव की कमी की बात कह चुके हैं. वहीं समय-समय पर कुशवाहा के हाथों में महागठबंधन का नेतृत्व देने की मांग उठती रही है. ऐसे में कुशवाहा के नेतृत्व में आयोजित इस आक्रोश मार्च से आरजेडी के बड़े नेता भी दूरी बनाते दिखे. हालांकि राजधानी पटना में आयोजित आक्रोश मार्च में आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी मौजूद रहे.

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जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम

प्रदर्शन में नदारद रहा आरजेडी का झंडा
आक्रोश मार्च में रालोसपा, वीआईपी, वामदल, हम और कांग्रेस के झंडे सबसे अधिक दिखे. हालांकि कार्यकर्ता इक्के-दूके आरजेडी का झंडा लिये प्रदर्शन में दिखे. राजद नेता मृत्युंजय तिवारी की मानें तो पार्टी के सभी बड़े नेता संगठन चुनाव में व्यस्त हैं जो कि पहले से निर्धारित था. तेजस्वी के गायब रहने पर आरजेडी नेता कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष में नई दिल्ली कानूनी कार्रवाई और झारखंड चुनाव में व्यस्त हैं. उनके निर्देश पर ही राजद के कार्यकर्ता आक्रोश मार्च में शामिल हुए हैं.

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मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी नेता

कुशवाहा की सफाई
वहीं, तेजस्वी के धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं होने पर धरना प्रदर्शन का अगुआई कर रहे उपेंद्र कुशवाहा सफाई देते रहे. उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन में आरजेडी के कई नेता शामिल हुए हैं. कोई जरूरी नहीं कि तेजस्वी यादव भी शामिल हो, महागठबंधन के सभी दल एकजुट हैं. हालांकि तेजस्वी यादव के गायब रहने के बाद भी कुशवाहा पूरे उत्साह के साथ नेतृत्व करते रहे.

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रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा

कुशवाहा को मिला मांझी का साथ
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा जीतन राम मांझी को इस मार्च में भाग लेने के लिए उन्हें मनाने उनके आवास पर पहुंचे थे. सारे गिले-शिकवे को भूलाते हुए मांझी अपने समर्थकों के साथ ने शिरकत की. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्फ्यूजन के कारण उन्होंने धरना से अलग होने की बात कही थी.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

महागठबंधन के नेता के सवाल पर सस्पेंस
इसके अलावा एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन में मुकेश सहनी की पार्टी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती दिखी. खुद सहनी ने इसमें शिरकत की. सहनी ने इस दौरान कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग को उठाया. उन्होंने कहा कि कमेटी फिलहाल बनी नहीं है. लेकिन, जल्द बन जाएगी. इस दौरान उन्होंने यह बात स्वीकारी कि आने वाले दिनों में आरजेडी ही महागठबंधन का नेतृत्व करेगा. लेकिन, नेता के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी को मिल बैठकर तय करना होगा.

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वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी

रालोसपा, वीआईपी और वाम दल रहे सक्रिय
बता दें कि एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन के दौरान अलग-अलग जिले में रालोसपा, वीआईपी और वाम दल की सक्रियता सबसे ज्यादा देखी गई. वहीं राजधानी पटना के सड़कों पर भी इन्हीं दलों के कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे. हालांकि आरजेडी इस प्रदर्शन में आरजेडी के कुछ नेता शामिल होकर अपनी उपस्थिति दर्ज जरुर कराया. वहीं, कुशवाहा के नेतृत्व में इस मार्च से दूरी बनाकर आरजेडी नेतृत्व ने इशारे ही इशारे में बहुत कुछ जता दिया है.

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Last Updated : Nov 14, 2019, 12:06 AM IST
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