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तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मांग, दीजिए ऑक्सीजन

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने बिहार को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं की सप्लाई बढ़ाने की मांग की है. तेजस्वी ने लिखा है कि बिहार में कोरोना के चलते स्थिति भयावह है. केंद्र बिहार को ऑक्सीजन अधिक अलॉट करे ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके.

tejashwi yadav
तेजस्वी यादव
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Published : Apr 20, 2021, 10:07 PM IST

पटना: कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक साबित हो रही है. बिहार में अब तो संक्रमित मिलने का आंकड़ा एक दिन में 10 हजार के पार चला गया है. लगातार मौतें भी हो रहीं हैं. सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि कई अस्पताल वाले ऑक्सीजन न होने का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर दे रहे हैं. इसी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए ट्वीट किया है.

यह भी पढ़ें- पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के मौत की इनसाइड स्टोरी, निशाने पर सिस्टम की नाकामी

अपने ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप जानते हैं कि बिहार में कोरोना के चलते स्थिति भयावह हो गई है. बिहार में ऑक्सीजन की भारी कमी है. वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं की भी कमी है. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि कृपया बिहार को ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की सप्लाई बढ़ाएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके."

  • Respected PM @narendramodi Ji,

    As you may be aware that Bihar is among worst #COVID19 affected state facing acute shortage of oxygen,ventilators & requisite medicines. I urge you to kindly increase Oxygen allocation & expedite required delivery so that more lives could be saved.

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अस्पतालों में है डॉक्टर की कमी
एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा "सरकारी अस्पतालों में 57 प्रतिशत डॉक्टर, 71 प्रतिशत नर्स, 72 प्रतिशत लैब टेक्नीशियन और 50 प्रतिशत एएनएम की कमी है.

ऑक्सीजन की है भारी कमी
गौरतलब है कि कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही बिहार में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है. अस्पताल ऑक्सीजन नहीं होने के चलते मजीरों को भर्ती नहीं कर रहे हैं. एनएमसीएच के सुप्रिटेंडेंट को यह मांग करनी पड़ गई कि सरकार उन्हें पदमुक्त कर दे.

एनएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कहा था "मेरे अथक प्रयास के बावजूद ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आ रही है, जिससे दर्जनों भर्ती मरीजों की जान जाने की संभावना बनी रहती है. मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु के पश्चात इसकी सारी जवाबदेही अधीक्षक पर आ जाएगी. अतः मुझे एनएमसीएच के अधीक्षक पद के अतिरिक्त प्रभार से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए."

यह भी पढ़ें- कोरोना से हाहाकार: NMCH सुप्रिटेंडेंट बोले- ऑक्सीजन की कमी से मर जाएंगे मरीज, मुझे पद मुक्त करे सरकार

यह भी पढ़ें- पटना जंक्शन पर कोरोना टेस्ट के नाम पर खानापूर्ति, सिर्फ स्पेशल ट्रेनों के यात्रियों की जांच

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अपने ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप जानते हैं कि बिहार में कोरोना के चलते स्थिति भयावह हो गई है. बिहार में ऑक्सीजन की भारी कमी है. वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं की भी कमी है. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि कृपया बिहार को ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की सप्लाई बढ़ाएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके."

  • Respected PM @narendramodi Ji,

    As you may be aware that Bihar is among worst #COVID19 affected state facing acute shortage of oxygen,ventilators & requisite medicines. I urge you to kindly increase Oxygen allocation & expedite required delivery so that more lives could be saved.

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अस्पतालों में है डॉक्टर की कमी
एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा "सरकारी अस्पतालों में 57 प्रतिशत डॉक्टर, 71 प्रतिशत नर्स, 72 प्रतिशत लैब टेक्नीशियन और 50 प्रतिशत एएनएम की कमी है.

ऑक्सीजन की है भारी कमी
गौरतलब है कि कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही बिहार में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है. अस्पताल ऑक्सीजन नहीं होने के चलते मजीरों को भर्ती नहीं कर रहे हैं. एनएमसीएच के सुप्रिटेंडेंट को यह मांग करनी पड़ गई कि सरकार उन्हें पदमुक्त कर दे.

एनएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कहा था "मेरे अथक प्रयास के बावजूद ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आ रही है, जिससे दर्जनों भर्ती मरीजों की जान जाने की संभावना बनी रहती है. मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु के पश्चात इसकी सारी जवाबदेही अधीक्षक पर आ जाएगी. अतः मुझे एनएमसीएच के अधीक्षक पद के अतिरिक्त प्रभार से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए."

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