पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह को लेकर नीतीश कुमार पर बड़ा बयान दे दिया है. आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को सीधी चुनौती दे डाली है कि वह अपने आसपास के नेताओं का और अधिकारियों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट करवा कर देख लें.
तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा, 'मैं मुख्यमंत्री नीतीश जी से अपने करीबी नेताओं और अफसरशाहों का किसी भी दिन कभी भी ब्रेथ एनलाइजर टेस्ट करने की चुनौती देता हूं. यह रिजल्ट शराबबंदी का भी रिजल्ट होगा. नीतीश जी, अपनी गलती मानें और लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए माफी मांगे. राज्य के डीजीपी पहले ही इसे स्वीकार चुके हैं.'
संजीवनी है शराब: श्याम बहादुर सिंह
एंजेसी की खबर के मुताबिक, के मुताबिक, बिहार के सीवान जिले के बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह से जब जीतन राम मांझी के शराब वाले बयान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'जीतन राम मांझी ने जो कहा था, वह गलत नहीं है. मैं उनसे असहमत नहीं होऊंगा। शराब को व्यवस्था और संस्कृति के हिसाब से पीनी चाहिए.'
क्या कहा था मांझी ने?
इससे पहले, जीतन राम मांझी ने कहा था कि कम मात्रा में या दवाई की तरह इस्तेमाल करने पर शराब संजीवनी की तरह काम करती है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अगर हम समर्थित सरकार बिहार में बनती है तो शराबबंदी कानून को बदल देंगे.
डीजीपी के बयान से मचा था बवाल
दरअसल, बिहार के डीजीपी के शराबबंदी पर दिए बयान के बाद बवाल मच गया है. डीजीपी ने कहा था कि थानेदारों की मिलीभगत से शराब बिक रही है. पिछले दिनों औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान पुलिस महानिदेशक ने कहा था कि सभी चौकीदार और थानेदार को पता है कि बिहार में शराब कौन बेच रहा है और कौन पी रहा है. उन्होंने साफ कहा है, 'अगर किसी थानेदार को यह पता नहीं तो वह अपने पद पर रहने लायक नहीं है. बिना थाना की जानकारी के पत्ता भी नहीं हिल सकता, कोई माई का लाल एक बोतल दारू नहीं बेच सकता.'