पटना: बिहार में यात्राओं का दौर चल रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं बल्कि अब चंद महीने ही बचे हैं. खास बात ये है कि लोगों की नजर बिहार के तीन युवा चेहरों पर है जो इस वक्त यात्रा पर हैं. इन नेताओं में तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और कन्हैया कुमार हैं.
इनमें चिराग 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' यात्रा पर हैं जबकि कन्हैया कुमार पहले से ही जन गण मन यात्रा पर हैं. लेकिन अब आज से तेजस्वी यादव बेरोजगारी हटाओ यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. तेजस्वी यादव बिहार के हर कोने में जाकर लोगों से रु-ब-रू होंगे. आरजेडी नेता का मुख्य फोकस युवा वर्ग है. उनकी नजर बिहार के युवा मतदाताओं पर है. खासकर, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सियासी पार्टियों के रुख में बदलाव आया है. दिल्ली चुनाव में मतदाताओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य सहित तमाम मुलभूत सुविधाओं पर केजरीवाल को समर्थन करते हुए तीसरी बार कुर्सी पर बिठाया है. ऐसे में तेजस्वी पूरे राज्य में रोजगार, शिक्षा सहित कई मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेरेंगे.
बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बना रही आरजेडी
आरजेडी बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाकर नीतीश सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन करने की कोशिश में है. बता दें कि नीतीश सरकार में भी बिहार में जहां से रोजगार की तलाश में पलायन एक आम बात है, वहां इस समस्या को मुद्दा बनाकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को घेरने की योजना आरजेडी की है. तेजस्वी यादव इससे पहले भी कई यात्रा पर निकल चुके हैं. नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ एनडीए में जाने पर पूरे बिहार का भ्रमण किया है. वहीं, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भी कुछ जिलों का दौरा कर चुके हैं.
'बिहार फर्स्ट' यात्रा पर चिराग
हालांकि तेजस्वी की यात्रा से पहले लोजपा अध्यक्ष और जमुई सांसद बिहार दौरा पर निकल चुके हैं. चिराग विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर 21 फरवरी से 'बिहार फर्स्ट' यात्रा पर निकले हैं. यात्रा का समापन 14 अप्रैल को होगा. वहीं, राजधानी पटना स्थित गांधी मैदान में 'बिहार फर्स्ट' रैली के चुनाव के मुद्दों की घोषणा करेंगे. यात्रा के दौरान चिराग जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश कर रहे हैं.
यात्रा में विरोध का सामना कर रहे कन्हैया
जहां, सीएम नीतीश कुमार जल-जीवन- हरियाली कार्यक्रम के नाम पर पूरे बिहार की यात्रा कर चुके हैं. वहीं, बिहार के युवा नेता कन्हैया कुमार सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर बिहार में दौरा कर रहे हैं. हालांकि, कन्हैया को यात्रा के दौरान भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. कई जगहों पर उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए, कई जगहों पर उनके काफिले पर हमले भी हो चुके हैं. कन्हैया जन गण मन यात्रा के जरिये आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तलाशने की कोशिश में जुटे हैं. वहीं, इस यात्रा के जरिये सीपीआई की बिहार में खोई हुई जमीन को फिर से चुनाव से पहले तैयार करने में जुटे हैं.
2020 चुनाव में नेताओं की अग्निपरीक्षा
2020 चुनाव में नेताओं की अग्निपरीक्षाहालांकि, इन तीनों नेताओं में तेजस्वी और चिराग को सियासत विरासत में अपने पिता से मिली है. जबकि कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के तौर पर काफी ज्यादा फेमस हुए. यात्रा से कितना लाभ तीनों नेताओं को होता है. इसका पता 2020 चुनाव के परिणाम से ही पता चलेगा.