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राजनीतिक जमीन तलाशने चुनावी यात्रा पर निकले बिहार के ये तीन युवा - kanhaiya kumar jan gan man yatra

बिहार के तीनों युवा नेता अलग-अलग मुद्दों पर यात्रा पर जा रहे हैं. फिलहाल कन्हैया नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर दौरा कर रहे हैं. चिराग पासवान बिहार फर्स्ट तो दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर निकलने वाले हैं.

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तीन युवा चेहरे
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Published : Feb 16, 2020, 3:34 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2020 जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है. वैसे-वैसे बिहार के नेता राज्य भर के दौरे पर निकल रहे हैं. लोगों की नजर बिहार के तीन युवा चेहरे पर है, जिनका राजनीति में बड़ा नाम है. पूर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लोजपा अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान और तीसरा नाम है सीपीआई के युवा नेता कन्हैया कुमार. इसमें चिराग और तेजस्वी यात्रा की तैयारी में जुटे हैं, जबकि कन्हैया की जन गण मन यात्रा जारी हैं.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव केंद्र की मोदी और बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ बेरोजगारी हटाओ यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. उनकी यात्रा 23 फरवरी से प्रस्तावित है, हालांकि उनकी यात्रा शुरू होने से पहले ही उनकी हाईटेक बस विवादों में है. तेजस्वी यादव बिहार के हर कोने में जाकर लोगों से रु-ब-रू होंगे. आरजेडी नेता का मुख्य फोकस युवा वर्ग है. उनकी नजर बिहार के युवा मतदाताओं पर है.

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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

ये भी पढ़ेंः युवा क्रांति रथ पर सवार होकर 'बेरोजगारी हटाओ' यात्रा पर निकलेंगे तेजस्वी यादव

खासकर, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सियासी पार्टियों के रुख में बदलाव आया है. दिल्ली चुनाव में मतदाताओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य सहित तमाम मुलभूत सुविधाओं पर केजरीवाल को समर्थन करते हुए तीसरी बार कुर्सी पर बिठाया है. ऐसे में तेजस्वी पूरे राज्य में रोजगार, शिक्षा सहित कई मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेरेंगे.

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तेजस्वी का हाईटेक बस

बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बना रही आरजेडी

आरजेडी बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाकर नीतीश सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन करने की कोशिश में है. बता दें कि नीतीश सरकार में भी बिहार में जहां से रोजगार की तलाश में पलायन एक आम बात है, वहां इस समस्या को मुद्दा बनाकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को घेरने की योजना आरजेडी की है. तेजस्वी यादव इससे पहले भी कई यात्रा पर निकल चुके हैं. नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ एनडीए में जाने पर पूरे बिहार का भ्रमण किया है. वहीं, नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ भी कुछ जिलों का दौरा कर चुके हैं.

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आरजेडी का रथ

'बिहार फर्स्ट' यात्रा निकालेंगे चिराग

हालांकि तेजस्वी की यात्रा से पहले लोजपा अध्यक्ष और जमुई सांसद बिहार दौरा पर निकलने वाले हैं. चिराग विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर 21 फरवरी से 'बिहार फर्स्ट' यात्रा पर निकलेंगे. यात्रा का समापन 14 अप्रैल को होगा. वहीं, राजधानी पटना स्थित गांधा मैदान में 'बिहार फर्स्ट' रैली के चुनाव के मुद्दों की घोषणा करेंगे. यात्रा के दौरान चिराग जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश करेंगे.

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चिराग पासवान

ये भी पढ़ेंः 'संविधान की 9वीं अनुसूची में डाले जाएं आरक्षण से जुड़े सभी विषय, ताकि जनता न हो गुमराह'

प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोजपा अध्यक्ष मोदी सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग के साथ आरक्षण से जुड़े सभी विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने की मांग कर चुके हैं. चिराग इस यात्रा के जरिए जनता का मूड भांपने की कोशिश करेंगे. दिल्ली में एनडीए की करारी हार के बाद चिराग बीजेपी के प्रति कड़ाी रुख भी अपना रहे हैं. बयान वीर नेताओं को बिहार में विववादित बयान देने पर नसीहत दे डाली है.

यात्रा में विरोध का सामना कर रहे कन्हैया

जहां, सीएम नीतीश कुमार जल-जीवन- हरियाली कार्यक्रम के नाम पर पूरे बिहार की यात्रा कर चुके हैं. वहीं, बिहार के युवा नेता कन्हैया कुमार सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर बिहार में दौरा कर रहे हैं. हालांकि, कन्हैया को यात्रा के दौरान भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. कई जगहों पर उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए, कई जगहों पर उनके काफिले पर हमले भी हो चुके हैं. कन्हैया जन गण मन यात्रा के जरिये आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तलाशने की कोशश में जुटे हैं. वहीं, इस यात्रा के जरिये सीपीआई की बिहार में खोई हुई जमीन को फिर से चुनाव से पहले तैयार करने में जुटे हैं.

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सीपीआई के युवा नेता कन्हैया कुमार

2020 चुनाव में नेताओं की अग्निपरीक्षा

हालांकि, इन तीनों नेताओं में तेजस्वी और चिराग को सियासत विरासत में अपने पिता से मिली है. जबकि कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के तौर पर काफी ज्यादा फेमस हुए. यात्रा से कितना लाभ तीनों नेताओं को होता है. इसका पता 2020 चुनाव के परिणाम से ही पता चलेगा.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2020 जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है. वैसे-वैसे बिहार के नेता राज्य भर के दौरे पर निकल रहे हैं. लोगों की नजर बिहार के तीन युवा चेहरे पर है, जिनका राजनीति में बड़ा नाम है. पूर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लोजपा अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान और तीसरा नाम है सीपीआई के युवा नेता कन्हैया कुमार. इसमें चिराग और तेजस्वी यात्रा की तैयारी में जुटे हैं, जबकि कन्हैया की जन गण मन यात्रा जारी हैं.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव केंद्र की मोदी और बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ बेरोजगारी हटाओ यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. उनकी यात्रा 23 फरवरी से प्रस्तावित है, हालांकि उनकी यात्रा शुरू होने से पहले ही उनकी हाईटेक बस विवादों में है. तेजस्वी यादव बिहार के हर कोने में जाकर लोगों से रु-ब-रू होंगे. आरजेडी नेता का मुख्य फोकस युवा वर्ग है. उनकी नजर बिहार के युवा मतदाताओं पर है.

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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

ये भी पढ़ेंः युवा क्रांति रथ पर सवार होकर 'बेरोजगारी हटाओ' यात्रा पर निकलेंगे तेजस्वी यादव

खासकर, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सियासी पार्टियों के रुख में बदलाव आया है. दिल्ली चुनाव में मतदाताओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य सहित तमाम मुलभूत सुविधाओं पर केजरीवाल को समर्थन करते हुए तीसरी बार कुर्सी पर बिठाया है. ऐसे में तेजस्वी पूरे राज्य में रोजगार, शिक्षा सहित कई मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेरेंगे.

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तेजस्वी का हाईटेक बस

बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बना रही आरजेडी

आरजेडी बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाकर नीतीश सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन करने की कोशिश में है. बता दें कि नीतीश सरकार में भी बिहार में जहां से रोजगार की तलाश में पलायन एक आम बात है, वहां इस समस्या को मुद्दा बनाकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को घेरने की योजना आरजेडी की है. तेजस्वी यादव इससे पहले भी कई यात्रा पर निकल चुके हैं. नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ एनडीए में जाने पर पूरे बिहार का भ्रमण किया है. वहीं, नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ भी कुछ जिलों का दौरा कर चुके हैं.

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आरजेडी का रथ

'बिहार फर्स्ट' यात्रा निकालेंगे चिराग

हालांकि तेजस्वी की यात्रा से पहले लोजपा अध्यक्ष और जमुई सांसद बिहार दौरा पर निकलने वाले हैं. चिराग विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर 21 फरवरी से 'बिहार फर्स्ट' यात्रा पर निकलेंगे. यात्रा का समापन 14 अप्रैल को होगा. वहीं, राजधानी पटना स्थित गांधा मैदान में 'बिहार फर्स्ट' रैली के चुनाव के मुद्दों की घोषणा करेंगे. यात्रा के दौरान चिराग जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश करेंगे.

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चिराग पासवान

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प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोजपा अध्यक्ष मोदी सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग के साथ आरक्षण से जुड़े सभी विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने की मांग कर चुके हैं. चिराग इस यात्रा के जरिए जनता का मूड भांपने की कोशिश करेंगे. दिल्ली में एनडीए की करारी हार के बाद चिराग बीजेपी के प्रति कड़ाी रुख भी अपना रहे हैं. बयान वीर नेताओं को बिहार में विववादित बयान देने पर नसीहत दे डाली है.

यात्रा में विरोध का सामना कर रहे कन्हैया

जहां, सीएम नीतीश कुमार जल-जीवन- हरियाली कार्यक्रम के नाम पर पूरे बिहार की यात्रा कर चुके हैं. वहीं, बिहार के युवा नेता कन्हैया कुमार सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर बिहार में दौरा कर रहे हैं. हालांकि, कन्हैया को यात्रा के दौरान भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. कई जगहों पर उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए, कई जगहों पर उनके काफिले पर हमले भी हो चुके हैं. कन्हैया जन गण मन यात्रा के जरिये आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तलाशने की कोशश में जुटे हैं. वहीं, इस यात्रा के जरिये सीपीआई की बिहार में खोई हुई जमीन को फिर से चुनाव से पहले तैयार करने में जुटे हैं.

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सीपीआई के युवा नेता कन्हैया कुमार

2020 चुनाव में नेताओं की अग्निपरीक्षा

हालांकि, इन तीनों नेताओं में तेजस्वी और चिराग को सियासत विरासत में अपने पिता से मिली है. जबकि कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के तौर पर काफी ज्यादा फेमस हुए. यात्रा से कितना लाभ तीनों नेताओं को होता है. इसका पता 2020 चुनाव के परिणाम से ही पता चलेगा.

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