पटनाः कभी तेज प्रताप के लिए 'जगदानंद अंकल' रहे जगदा बाबू (जगदानंद सिंह) के खिलाफ तेज प्रताप यादव ने मोर्चा खोल दिया है. तेज प्रताप ने 2020 के फरवरी में हुए बेरोजगारी हटाओ रैली के भरी मंच में यह भी कहा था कि मैं सिर्फ पिताजी से डरता हूं. लेकिन बात संभालते हुए बाद में यह कह दिया कि जगदानंद अंकल के अनुशासन से भी डर लगता है. लेकिन जगदानंद सिंह का तेज प्रताप को रिसीव ना करना उन्हें काफी बुरा लग गया. इतना बुरा लगा कि तेज प्रताप ने कड़वे बोल निकाल दिए. दरअसल तेज प्रताप का गुस्सा 24 जनवरी को हुए कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह से भी जुड़ा है.
जानें एक कार्यक्रम की वजह से फूट रहा है गुस्सा
तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को लेकर इतने कड़वे शब्द क्यों कहे. ईटीवी भारत इस बात की तह तक पहुंची. पता चला कि मामला कर्पूरी ठाकुर जयंती से जुड़ा है. दरअसल पिछले महीने 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर जयंती के मौके पर पार्टी ने समारोह का आयोजन किया था. इसी दौरान लालू यादव रांची में बीमार हो गए. उन्हें आनन-फानन में दिल्ली एम्स ले जाना पड़ा. जिसकी वजह से इस कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता तेजस्वी यादव कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. हालांकि कार्यक्रम अपने तय समय के मुताबिक हुआ. इसमें पार्टी के तमाम नेता पहुंचे. लेकिन पार्टी दफ्तर में हुए इस भव्य आयोजन में तेज प्रताप यादव को निमंत्रण ही नहीं दिया गया.
ये भी पढ़ें- RJD में सब ठीक है? पार्टी, परिवार और लड़ाई, जगदानंद पर बिहार की सियासत गरमाई
तेज प्रताप को चाहिए थी 'फुल इज्जत'
इस बात की नाराजगी तेज प्रताप यादव ने पार्टी के आयोजकों के सामने जबरदस्त तरीके से जताई थी. उन्हें इस बात से भी नाराजगी थी कि प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से उन्हें इस कार्यक्रम के लिए न्यौता नहीं भेजा गया. इसके अलावा जब भी तेज प्रताप यादव राजद दफ्तर पहुंचते थे, तो उन्हें रिसीव करने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह खुद क्यों नहीं आये. इस बात को लेकर भी तेज प्रताप यादव लगातार नाराज चल रहे थे.
स्वागत करने में थे सबसे आगे
वर्ष 2019 में जब जगदानंद सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली तो उस वक्त उनका स्वागत करने वालों में सबसे आगे तेज प्रताप यादव थे. इस दौरान उन्होंने जगदानंद सिंह को चाचा कह कर संबोधित किया था. यह भी कहा था कि हमारे घर आए थे. हमने उन्हें भैंस का दूध पिलाया. इसके बाद भी कुछ मौके पर तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह की जमकर तारीफ की थी. यह भी कहा था कि हम तो उनकी गोद में खेल कर बड़े हुए हैं.
ये भी पढ़ें- जगदानंद सिंह को BJP के बाद JDU से ऑफर, जय कुमार सिंह ने कहा-जहां जाएंगे होगा स्वागत
कई वरिष्ठ नेता को सुना चुके हैं कड़वे बोल
राजद में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को लेकर जिस तरह से तेज प्रताप यादव ने पिछले दिनों बयान दिया और उन पर लालू की अनदेखी का आरोप लगा दिया. यह जगदानंद सिंह के लिए जरूर नया मामला था. लेकिन तेज प्रताप यादव इसके पहले भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक तौर पर झाड़ चुके हैं. राजद के वरिष्ठ नेता और लालू के चहेते जगदानंद सिंह तो उस फेहरिश्त में नया नाम हैं. जिसमें इससे पहले पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी, पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का नाम भी शामिल रहा है.
ये भी पढ़ें- 'एक लोटा पानी'...और कुछ ऐसे लालू का साथ छोड़ गए रघुवंश बाबू
'एक लोटा पानी' वाला बयान भी था चिंताजनक
पिछले साल पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर तेज प्रताप यादव का 'एक लोटा पानी' वाला बयान काफी चर्चित रहा था. जगदानंद सिंह को लेकर जब तेज प्रताप यादव ने अपनी नाराजगी पार्टी दफ्तर में दिखाई उस वक्त भी उन्होंने खुद कहा कि रामचंद्र पूर्वे हमें रिसीव करने आते थे और जगदानंद सिंह नहीं आते.
'ऐसा नहीं है कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं होता. मेरे साथ तो ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ है.' -वृषण पटेल, पूर्व मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता
'वरिष्ठ नेताओं का राष्ट्रीय जनता दल में कभी सम्मान नहीं रहा. पता नहीं क्यों जिस पार्टी में हमेशा वरिष्ठ नेताओं का अपमान हुआ है. वहां यह वरिष्ठ सम्मानित नेता क्यों टिके हुए हैं.' -प्रेम रंजन पटेल, भाजपा नेता
'जिस पार्टी में अपने वरिष्ठ नेताओं का और विशेष तौर पर पार्टी को सींचने और आगे बढ़ाने में लगे नेताओं का सम्मान नहीं होगा. उस पार्टी का कभी भला नहीं हो सकता. किसी भी दल को अपने वरिष्ठ
नेताओं का सम्मान करना चाहिए. क्योंकि उन्हीं की बदौलत पार्टी अपने भविष्य का रास्ता तैयार करती है.' -डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
'अगर जगदानंद सिंह की कार्यशैली से किसी को परेशानी है, तो उचित फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए.' -अनवर हुसैन, आरजेडी नेता