पटनाः बिहार विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में तेजप्रताप यादव (Tej pratap yadav) खास चर्चा का विषय बने हुए हैं. चर्चा इसलिए कि कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट (Tarapur and Kusheshwarsthan) पर क्रमशः कांग्रेस और आरजेडी (RJD) के प्रत्याशियों को समर्थन देने वाली छात्र जनशक्ति परिषद की चिट्ठी की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. उस चिट्ठी को बीजेपी की साजिश बताया जाने लगा है.
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दरअसल, उपचुनाव की सरगर्मी के बीच तेजप्रताप यादव के नेतृत्व वाले संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के लेटर हेड पर लिखा पत्र हाल ही वायरल हुआ. इस पत्र में लिखा है कि यह संगठन उपचुनाव में कुशेश्वरस्थान सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी अतिरेक कुमार और तारापुर सीट से आरजेडी के उम्मीदवार अरुण कुमार को समर्थन देगा.
इसके बाद तेजप्रताप यादव के बागी होने के सवाल जब आरजेडी के नेताओं से पूछा गया. इसके जवाब में आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने चिट्ठी पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि इसकी विश्वसनीयता क्या है. जब तेजप्रताप यादव ने न तो सोशल मीडिया के जरिए और न ही मीडिया के जरिए इस बात का जिक्र कहीं किया तो हम इसे सच कैसे मान लें. यह सब बीजपी की साजिश है.
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वास्तव में छात्र जनशक्ति परिषद के लेटर हेड पर तेज प्रताप यादव के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी रहस्य ही है. चूंकि तेजप्रताप यादव हर छोटी-बड़ी बात अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते ही हैं. लेकिन इस चिट्ठी का न तो उन्होंने कहीं जिक्र किया है और न ही कहीं शेयर. इस स्थिति में यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि क्या तेजप्रताप यादव इस चिट्ठी की आड़ में आरजेडी के साथ प्रेशर पॉलिटिक्स तो नहीं कर रहे हैं.
ईटीवी भारत संवाददाता ने इस बारे में तेजप्रताप यादव से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई. छात्र जनशक्ति परिषद के सदस्य और कार्यकर्ताओं ने भी इसपर कुछ भी बोलने से इंकार किया है. तेजप्रताप के हस्ताक्षर वाली इस चिट्ठी के क्या मायने हैं इसपर वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने बड़ी बात कही है.
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रवि उपाध्याय कहते हैं कि तेज प्रताप यादव की परेशानी जगजाहिर है. वह परिवार और राजनीति में बिल्कुल अकेले पड़ चुके हैं और खुद को अकेला पड़ता देख उन्होंने यह पत्र जारी कर परिवार और पार्टी को अपनी ओर ध्यान देने को मजबूर करने की कोशिश की है.
चूंकि अब तक उन्होंने इसपर कुछ बोला नहीं है, इससे यह पता चलता है कि बाद में समय आने पर संभव है कि वह इसे गलत साबित कर देंगे. वरिष्ठ पत्रकार ने यह भी कहा है कि तेजप्रताप यादव ने एक तरफ आधिकारिक तौर पर अपने संगठन को गैर राजनीतिक बताया है वहीं दूसरी तरफ उपचुनाव में संगठन का समर्थन राजनैतिक पार्टियों को देने की बात कही है. आने वाले समय में अगर यह सच हुआ तो उनपर गाज भी गिर सकती है, लिहाजा वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं.