पटना: बिहार और उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर (Rivers above danger mark) बह रही हैं. राजधानी पटना समेत प्रदेश के अन्य इलाकों में गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि (Water Level of River Ganga) हो रही है. प्रदेश में कई जगहों पर बाढ़ के चलते लोगों का घर ढह गया है. जिसको देखते हुए बांध की सुरक्षा के लिए इंजीनियरों और मजदूरों की तैनाती कर दी गयी है. उन्हें 24 घंटे बांध की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है.
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बांध सुरक्षा सोन डिपार्टमेंट के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद जमाल नासिर ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए बांध सुरक्षा विभाग अलर्ट पर है. बांध की सुरक्षा को लेकर इंजीनियरों और कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है. गंगा के विकराल रूप को देखते हुए हमारे 20 जूनियर इंजीनियर 5 असिस्टेंट इंजीनियर और 25 लेबर को बांध की सुरक्षा में 24 घंटे क्षेत्र में रहने का आदेश दिया गया है.
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बांध के किनारे जगह-जगह बालू के बोरे भर कर रखवा दिये गये हैं. पानी को रोकने के लिए शहर में कई गेटों को सील किया गया है. बाढ़ नियंत्रण विभाग पूरी तरह तैयार है. 24 घंटे निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि दानापुर, मनेर और दीघा में लगभग तीन लाख बोरी बालू का स्टॉक रखा गया है. ताकि कहीं अगर बांध में लीकेज हो तो उसको तुरन्त बन्द कर दिया जाये.
बिहार के बक्सर, भोजपुर , सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार सहित 12 जिले से होकर गंगा बहती है. इन जिलों के कई शहर पर गंगा में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा है. इन जिलों के दियारा इलाकों में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. वहीं निचले इलाकों में भी गंगा का पानी पिछले कई दिनों से है.
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