पटना: पटना विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मियों ने समय पर वेतन भुगतान की मांग को लेकर 2 और 3 अगस्त को हड़ताल पर जाने का फैसला किया था. लेकिन अब कुलपति ने उनकी सभी शर्तों को मान लिया है. इसके बाद शिक्षकों और कर्मियों ने अपना हड़ताल करने का फैसला वापस ले लिया है.
शिक्षकों और कर्मियों ने अपनी हड़ताल वापस ली
दरअसल, पटना विश्वविद्यालय में शिक्षकों और कर्मियों की आंतरिक संसाधन से वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया था. इसके विरोध में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों और कर्मियों ने 2 और 3 अगस्त को कामकाज को ठप करने फैसला लिया था. लेकिन पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रास बिहारी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में उनके सभी शर्तों को मान लिया गया है. इस कारण शिक्षकों और कर्मियों ने अपने हड़ताल को वापस ले लिया. बताया गया है कि हर महीने की 1 तारीख को वेतन सुनिश्चित नहीं करने के कारण सभी शिक्षकों ने मिलकर 2 दिनों तक काम नहीं करने निर्णय लिया गया था.
विश्वविद्यालय के कुलपति ने सारी मांगे मान ली
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार ने अब सभी विश्वविद्यालयों में CAFMS से भुगतान करने का फैसला लिया है. पीयू में विभाग की ओर से देर से वेतन जारी होने की स्थिति में आंतरिक संसाधनों से भुगतान किया जाता था. शिक्षा विभाग से राशि मिलने पर पैसे भेज दिया जाता था. बाद में राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दिया. विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि कुलपति से इस संबंध में बातचीत की गई है. लेकिन उन्होंने वेतन भुगतान के CAFMS जरिए ही करने को कहा था, जबकि इस व्यवस्था के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में भी मामला दायर किया गया है.
फैसला आने तक पुराने तरीके से होगा भुगतान
हाईकोर्ट का फैसला आने तक पुरानी व्यवस्था को ही बहाल रखने की मांग प्रशासन से की गई है. हमने सामूहिक अवकाश का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन बता दिया गया था. 4 अगस्त को उपराष्ट्रपति के आगमन को लेकर कुलपति ने इसका समाधान निकाल दिया है. अब पुराने तरीके से ही वेतन का भुगतान तत्काल किया जाएगा.