पटना: बिहार में शिक्षकों का विरोध जारी है. राज्य कर्मी के दर्जे की मांग को लेकर शिक्षक अड़े हैं. वहीं शिक्षकों की मांग के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इनसे बातचीत के लिए राजी हो गए हैं और बैठक की डेट भी तय हो गई है. इस दौरान महागठबंधन के घटक दल इस बैठक में मौजूद रहेंगे.
5 अगस्त को CM नीतीश की अहम बैठक: इस बैठक में सीपीआई सीपीआईएम, सीपीआई एमएल, राजद, कांग्रेस और जदयू के नेता शामिल होंगे और नियोजित शिक्षकों के मांगों पर अपना पक्ष रखेंगे. इस बैठक में शिक्षक संघ को आमंत्रित नहीं किया गया है. विधानमंडल दल की बैठक के बाद दूसरे चरण की बैठक में शिक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा.
राज्य कर्मी के दर्जे की मांग: गौरतलब है कि बीते 11 जुलाई को शिक्षकों ने पटना में विराट प्रदर्शन किया था और नियोजित शिक्षकों की मांग थी कि बिना किसी परीक्षा के नियोजित शिक्षकों को सीधे राज्य कर्मी का दर्जा प्रदान किया जाए. राज्य कर्मी का दर्जा के लिए किसी भी प्रकार के बीपीएससी परीक्षा और अन्य परीक्षा का शिक्षक संघ पुरजोर विरोध कर रहा है. इसके अलावा स्थानांतरण पॉलिसी को जल्द क्रियान्वयन करने की भी शिक्षकों की मांग रही है.
बैठक में रखा जाएगा पक्ष: 11 जुलाई को पटना में प्रदर्शन करने के बाद 12 जुलाई को डेरा डालो घेरा डालो अभियान के तहत विधायक आवास का शिक्षकों ने घेराव किया था. शिक्षकों की इस प्रदर्शन पर सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया कि शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों से सरकार वार्ता करके शिक्षकों के मुद्दे को सुलझाने का काम करेगी.
शिक्षकों के निलंबन की कार्रवाई से नाराजगी: बहरहाल एक तरफ सरकार के आश्वासन के बाद शिक्षक संघ ने अपना आंदोलन रोक दिया है. वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग की ओर से 11 जुलाई के प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों को चिह्नित करके लगातार निलंबन की कार्रवाई की जा रही है. अब तक 1000 से अधिक शिक्षक निलंबित किए जा चुके हैं. इस कार्रवाई से शिक्षक संघ काफी रोष में है.
अभी तक वार्ता का नहीं मिला पत्र: शिक्षक संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की ओर से जब भी वार्ता का निमंत्रण आएगा, सबसे पहले निलंबित शिक्षकों का अविलंब निलंबन वापस लेने के शर्त पर ही सरकार से वार्ता की जाएगी. प्रदेश के तमाम शिक्षक संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी तक सरकार की ओर से उनके पास वार्ता का कोई पत्र नहीं आया है.