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खुशखबरी: अब अध्ययन अवकाश ले सकते हैं सरकारी शिक्षक, अधिसूचना जारी.. ये हैं नियम

बिहार के सरकारी शिक्षकों को अब अध्ययन अवकाश मिलेगा. शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिये अधिसूचना जारी की गयी है. पढ़ें पूरी खबर..

शिक्षा विभाग बिहार
शिक्षा विभाग बिहार
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Published : Oct 7, 2021, 12:16 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 1:17 PM IST

पटना: शिक्षा विभाग (Education Department) ने बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त) नियमावली 2020 और बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त) नियमावली 2020 के तहत अध्ययन अवकाश (Study Leave) की अधिसूचना जारी की है. इसके मुताबिक तीन साल की सेवा देने के बाद सरकारी शिक्षक अध्ययन अवकाश पर जा सकते हैं. उन्हें इसकी अनुमति मिलेगी.

ये भी पढ़ें:उर्दू, बांग्ला STET अभ्यर्थियों की चेतावनी- 'अविलंब संशोधित रिजल्ट जारी करे सरकार'

बिहार में सरकारी शिक्षकों को 3 साल का सर्विस पूरा करने के बाद ही अध्ययन अवकाश मिलेगा. शिक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए यह स्पष्ट किया है कि उन शिक्षकों को अध्ययन अवकाश नहीं मिलेगा जो किसी अनुशासनिक कार्रवाई के अधीन होंगे या निलंबित होंगे. शिक्षा विभाग की अधिसूचना के अनुसार जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच सक्षम स्तर से सही पाई गई हो और अध्ययन अवकाश के लिए आवेदन देने की तिथि तक नियमित रूप से वेतन का भुगतान हुआ हो उन्हें ही अध्ययन अवकाश मिलेगा.

अधिसूचन के मुताबिक मूल कोटि के शिक्षक स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी, तो वहीं स्नातक कोटि के शिक्षकों को अपने विषय में स्नातकोत्तर और पीएचडी के लिए अध्ययन अवकाश मिल सकेगा. वहीं मूल कोटि और स्नातक कोटि के शिक्षकों को एमएड के लिए अध्ययन अवकाश मिलेगा, लेकिन बीएड के लिये उन्हें कोई अध्ययन अवकाश नहीं मिलेगा.

अध्ययन अवकाश के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश यह भी है कि इस शर्त के साथ सरकारी शिक्षकों को अवकाश मिलेगा कि वह जितनी अवधि के लिये अवकाश लेंगे, उतनी अवधि की सेवा के बाद ही वे किसी अन्य सेवा में जा सकेंगे. वहीं शिक्षकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके अध्ययन अवकाश पर जाने से स्कूल में पठन-पाठन का काम बाधित नहीं हो.

ये भी पढ़ें:शिक्षक अभ्यर्थियों ने नए आदेश पर उठाए सवाल, कहा- DEO-DPO के भरोसे नहीं हो सकती सही तरीके से जांच

पटना: शिक्षा विभाग (Education Department) ने बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त) नियमावली 2020 और बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त) नियमावली 2020 के तहत अध्ययन अवकाश (Study Leave) की अधिसूचना जारी की है. इसके मुताबिक तीन साल की सेवा देने के बाद सरकारी शिक्षक अध्ययन अवकाश पर जा सकते हैं. उन्हें इसकी अनुमति मिलेगी.

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बिहार में सरकारी शिक्षकों को 3 साल का सर्विस पूरा करने के बाद ही अध्ययन अवकाश मिलेगा. शिक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए यह स्पष्ट किया है कि उन शिक्षकों को अध्ययन अवकाश नहीं मिलेगा जो किसी अनुशासनिक कार्रवाई के अधीन होंगे या निलंबित होंगे. शिक्षा विभाग की अधिसूचना के अनुसार जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच सक्षम स्तर से सही पाई गई हो और अध्ययन अवकाश के लिए आवेदन देने की तिथि तक नियमित रूप से वेतन का भुगतान हुआ हो उन्हें ही अध्ययन अवकाश मिलेगा.

अधिसूचन के मुताबिक मूल कोटि के शिक्षक स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी, तो वहीं स्नातक कोटि के शिक्षकों को अपने विषय में स्नातकोत्तर और पीएचडी के लिए अध्ययन अवकाश मिल सकेगा. वहीं मूल कोटि और स्नातक कोटि के शिक्षकों को एमएड के लिए अध्ययन अवकाश मिलेगा, लेकिन बीएड के लिये उन्हें कोई अध्ययन अवकाश नहीं मिलेगा.

अध्ययन अवकाश के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश यह भी है कि इस शर्त के साथ सरकारी शिक्षकों को अवकाश मिलेगा कि वह जितनी अवधि के लिये अवकाश लेंगे, उतनी अवधि की सेवा के बाद ही वे किसी अन्य सेवा में जा सकेंगे. वहीं शिक्षकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके अध्ययन अवकाश पर जाने से स्कूल में पठन-पाठन का काम बाधित नहीं हो.

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Last Updated : Oct 7, 2021, 1:17 PM IST
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