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बिहार के गुरुजी टैब से होंगे अपडेट, बीआरसी भी आधुनिक उपकरणों से होंगे लैस

बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई पहल किए जा रहे हैं. इस बार बिहार में गुरुजी टैब से अपडेट होंगे. बिहार शिक्षा विभाग अपने टीचर्स को डिचिटल तरीके से इंप्रूव कर रही है. पढ़ें पूरी खबर

बिहार के गुरुजी टैब से होंगे अपडेट
बिहार के गुरुजी टैब से होंगे अपडेट
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Published : Jun 28, 2022, 11:09 PM IST

पटना : शिक्षा का एक अलग महत्व है. प्रदेश में राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने (Bihar Education Department) के लिए कई पहल कर रही है. राज्य सरकार जहां एक तरफ अपने टीचर्स को अपडेट करने के लिए एक नई पहल की है. दरअसल राज्य के सभी बीआरसी व टीचर्स को डिजिटल तरीके से इम्प्रूव करने के लिए बीआरसी में आईसीटी की व्यवस्था बहाल होगी जबकि नियोजित टीचर्स को टैब दिया जाएगा. समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस योजना के लिए स्वीकृति मिल गई है और इसे इसी वितीय वर्ष में शुरू कर दिया जाएगा.

ये बी पढ़ें - अग्निपथ पर BJP-JDU की तकरार: पटना पहुंचे धर्मेन्द्र प्रधान, CM नीतीश से की मुलाकात

बिहार शिक्षा विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार राज्य के सभी बीआरसी यानी ब्लॉक रिसोर्स सेंटर पर आईसीटी को तैयार किया जाएगा. पूरे प्रदेश में 537 बीआरसी है. प्रत्येक बीआरसी पर 6.40 लाख रुपये से आईसीटी नियुक्त होंगे. जिसकी कुल लागत करीब 35 करोड़ रुपये आएगी. इस व्यवस्था के तहत एक कंप्यूटर ऑपरेटर, उन्नत तकनीक वाला कम्प्यूटर, अन्य अहम इलेक्ट्रॉनिक सामान व इंटरनेट की व्यवस्था होगी. इसी प्रकार पूरे प्रदेश में करीब एक लाख 46 हजार टीचर्स को 10 हजार की लागत वाला टैब दिया जाएगा. इसके लिए करीब 147 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है.

शिक्षा विभाग के अनुसार इस पूरी पहल का उद्देश्य यह है कि अगर बीआरसी तकनीकी रूप से उन्नत होगा तो उससे सूचनाओं के सम्प्रेषण, टीचर्स व विभाग में त्वरित संपर्क जैसे कार्यों में मदद मिलेगी. वहीं टैब दिए जाने से टीचर्स के टीचिंग और लर्निंग में काफी मदद मिलेगी. साथ ही विभाग द्वारा संचालित निष्ठा व अन्य ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यों में भी टैब का प्रयोग किया जा सकेगा.


टेलीफोन पर हुई बातचीत में इस बारे में और जानकारी देते हुए समग्र शिक्षा अभियान की स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर किरण कुमारी बताती हैं कि इस पूरी पहल का उद्देश्य यह है कि अगर टीचर्स को टैब मिलता है तो वह विभाग द्वारा संचालित e-content उसे खुद समझें, बच्चों को दिखाएं और उसी के अनुरूप उनको सिखाएं. विभाग कई सारे नए ऐप, टीचिंग मेथाडोलॉजी के अलावा और भी पहल करते रहता है. अगर टीचर्स के पास टैब रहेंगे तो वह इंस्टेंट तरीके से उसे जान सकेंगे और बच्चों को बेहतर तरीके से बता सकेंगे.

वहीं, बीआरसी को तकनीकी रूप से उन्नत करने की बात पर किरण बताती हैं कि बीआरसी को इसलिए उन्नत किया जा रहा है कि वहां मॉनिटरिंग की जा सके. डिस्ट्रिक्ट के बाद ब्लॉक ही टीचर्स का सबसे बड़ा सेंटर होता है. अगर बीआरसी उन्नत होगा तो प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों की सूचना लेना देना बहुत ही आसान हो जाएगा. यह सारे कार्य प्रोसेस में है और इसी वित्तीय वर्ष में इस काम को करना है.

पटना : शिक्षा का एक अलग महत्व है. प्रदेश में राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने (Bihar Education Department) के लिए कई पहल कर रही है. राज्य सरकार जहां एक तरफ अपने टीचर्स को अपडेट करने के लिए एक नई पहल की है. दरअसल राज्य के सभी बीआरसी व टीचर्स को डिजिटल तरीके से इम्प्रूव करने के लिए बीआरसी में आईसीटी की व्यवस्था बहाल होगी जबकि नियोजित टीचर्स को टैब दिया जाएगा. समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस योजना के लिए स्वीकृति मिल गई है और इसे इसी वितीय वर्ष में शुरू कर दिया जाएगा.

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बिहार शिक्षा विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार राज्य के सभी बीआरसी यानी ब्लॉक रिसोर्स सेंटर पर आईसीटी को तैयार किया जाएगा. पूरे प्रदेश में 537 बीआरसी है. प्रत्येक बीआरसी पर 6.40 लाख रुपये से आईसीटी नियुक्त होंगे. जिसकी कुल लागत करीब 35 करोड़ रुपये आएगी. इस व्यवस्था के तहत एक कंप्यूटर ऑपरेटर, उन्नत तकनीक वाला कम्प्यूटर, अन्य अहम इलेक्ट्रॉनिक सामान व इंटरनेट की व्यवस्था होगी. इसी प्रकार पूरे प्रदेश में करीब एक लाख 46 हजार टीचर्स को 10 हजार की लागत वाला टैब दिया जाएगा. इसके लिए करीब 147 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है.

शिक्षा विभाग के अनुसार इस पूरी पहल का उद्देश्य यह है कि अगर बीआरसी तकनीकी रूप से उन्नत होगा तो उससे सूचनाओं के सम्प्रेषण, टीचर्स व विभाग में त्वरित संपर्क जैसे कार्यों में मदद मिलेगी. वहीं टैब दिए जाने से टीचर्स के टीचिंग और लर्निंग में काफी मदद मिलेगी. साथ ही विभाग द्वारा संचालित निष्ठा व अन्य ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यों में भी टैब का प्रयोग किया जा सकेगा.


टेलीफोन पर हुई बातचीत में इस बारे में और जानकारी देते हुए समग्र शिक्षा अभियान की स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर किरण कुमारी बताती हैं कि इस पूरी पहल का उद्देश्य यह है कि अगर टीचर्स को टैब मिलता है तो वह विभाग द्वारा संचालित e-content उसे खुद समझें, बच्चों को दिखाएं और उसी के अनुरूप उनको सिखाएं. विभाग कई सारे नए ऐप, टीचिंग मेथाडोलॉजी के अलावा और भी पहल करते रहता है. अगर टीचर्स के पास टैब रहेंगे तो वह इंस्टेंट तरीके से उसे जान सकेंगे और बच्चों को बेहतर तरीके से बता सकेंगे.

वहीं, बीआरसी को तकनीकी रूप से उन्नत करने की बात पर किरण बताती हैं कि बीआरसी को इसलिए उन्नत किया जा रहा है कि वहां मॉनिटरिंग की जा सके. डिस्ट्रिक्ट के बाद ब्लॉक ही टीचर्स का सबसे बड़ा सेंटर होता है. अगर बीआरसी उन्नत होगा तो प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों की सूचना लेना देना बहुत ही आसान हो जाएगा. यह सारे कार्य प्रोसेस में है और इसी वित्तीय वर्ष में इस काम को करना है.

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