पटना: शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि सप्ताह में 2 दिन विद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा. डाटा एंट्री ऑपरेटर और पंचायत सचिव को इसमें शामिल किया जाएगा. इससे शिक्षकों में आक्रोश है. उनका कहना है कि शिक्षक बीएससी, एमएससी और पीएचडी कर पढ़ा रहे हैं. ऐसे शिक्षकों का इंटर पास कर्मचारी निरीक्षण करेंगे, यह शिक्षकों का अपमान है.
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स्कूलों में ड्राप रेट घटा है: औरंगाबाद के शिक्षक नेता अशोक पांडेय ने कहा कि शिक्षक समाज इस अपमान को भूलने वाला नहीं है. आज सरकार कह रही है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है. आज विद्यालयों में ड्रॉपआउट रेट 1% से कम है और इसका श्रेय नियोजित शिक्षकों को जाता है. सरकार डाटा एंट्री ऑपरेटर, राजस्व कर्मचारी और पंचायत सचिवों से स्कूलों में शिक्षकों का निरीक्षण करा रही है. शिक्षक समाज इस अपमान का बदला सरकार से लेंगे.
"विद्यालयों में जब ताला बंद रखते थे, जुआरियों और नशेड़ियों का अड्डा हुआ करता था, उस स्थिति से आज यह स्थिति आ गई है कि विद्यालय में हमेशा क्लासेस चल रहे हैं और बच्चे पढ़ने आ रहे हैं. इसका श्रेय नियोजित शिक्षकों को जाता है. ऐसे में संविदा वाले तृतीय स्तर के कर्मचारियों से विद्यालयों का निरीक्षण कराकर सरकार शिक्षकों का अपमान कर रही है."- अशोक पांडेय, शिक्षक नेता
शिक्षकों के सम्मान के साथ खिलवाड़: शिक्षक बैजनाथ प्रसाद ने कहा कि यह सरकार उन लोगों को अपमानित करने का काम कर रही है. उसके लिए नए नए नियम बना रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के बजाए गुणवत्ता के नाम पर शिक्षकों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने का काम सरकार कर रही है. तेजस्वी यादव समान काम के बदले समान वेतन की वकालत करते थे लेकिन सरकार में आने के बाद भूल गए. उन्हीं के सरकार में शिक्षकों को अपमानित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.
शिक्षकों को अपमानित कर रही सरकारः शिक्षक डॉ चंद्रदीप राम ने शिक्षकों के साथ सरकार द्वारा लगातार अपमानित रवैया अपनाए जाने पर एक कविता सुनाया, जिसके बोल थे- 'गजब क्या हो गया है'. उन्होंने बताया कि रोज समय पर नियमित विद्यालय आने वाले शिक्षकों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा, पूरी लगन से बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को हर महीने वेतन नहीं मिल रहा और तीन चार महीना पर वेतन आता है, बार-बार शिक्षकों की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा किया जा रहा है, तृतीय स्तरीय कर्मचारी से शिक्षकों का निरीक्षण कराया जा रहा है. सरकार बीते कुछ समय से लगातार शिक्षकों को अपमानित करने का काम कर रही है.