पटना: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित मारपीट मामले में फर्जी वीडियो डालकर हिंसा भड़काने की कोशिश के आरोप में मनीष कश्यप को गिरफ्तार किया गया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने 4 दिनों की रिमांड पर लिया था. रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद मनीष को जेल भेज दिया गया. वहीं तमिलनाडु पुलिस भी मनीष को रिमांड पर लेने के लिए पहुंची हुई लेकिन इसके लिए तमिलनाडु पुलिस को अभी इंतजार करना होगा.
इसे भी पढ़ेंः Manish Kashyap Case: मनीष कश्यप के महेश नगर स्थित आवास पर छापा, कई कोचिंग संस्थान भी रडार पर
मंगलवार को होगी सुनवाईः पटना सिविल कोर्ट में एक अधिवक्ता का आकस्मिक निधन हो गया. इसके आज सोमवार को दैनिक कार्य नहीं हो सका. जिसके चलते तमिलनाडु पुलिस की रिमांड अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी. अब तमिलनाडु पुलिस के आवेदन पर मंगलवार को सुनवाई होगी. बता दें कि मनीष के खिलाफ तमिलनाडु में भी केस दर्ज किया गया है. वहां की पुलिस ने भी भ्रामक वीडियो के माध्यम से माहौल खराब करने का आरोप लगाया था.
मोबाइल के बारे में नहीं बता रहाः मनीष कश्यप मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने कई साक्ष्य जुटाए हैं. हालांकि पुलिस के हाथ अभी भी मनीष कश्यप का मोबाइल हाथ नहीं लगा है. मनीष फोन का पता नहीं बता रहा है. पुलिस को गुमराह करता रहा. मनीष कश्यप का सिंडिकेट इंटर स्टेट था. मनीष कश्यप को संरक्षण कई राज्यों में मिलता था. मिली जानकारी के अनुसार मनीष कश्यप बेहद चालाकी से वीडियो अपलोड करता था. वीडियो अपलोड करने के बाद वह दूसरे का मोबाइल फोन इस्तेमाल करता था. होटल के वाईफाई से वीडियो डालता था. मद्रास में भी वह ऐसे ही काम कर रहा था.