पटनाः केंद्र सरकार राज्य में चमकी बुखार के खतरे को कम करने के लिए स्वर्ण प्राशन टीका अभियान की शुरुआत की गई है. इसके तहत राजधानी के राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में स्वर्ण प्राशन का चौथा टीकाकरण शुरू हुआ. इसके लिए अस्पताल में बच्चे और उनके अभिभावकों की खासी भीड़ देखी जा रही है. स्वर्णप्राशन टीका 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाने वाला एक आयुर्वेदीय टीका है. यह पटना राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरटीका में होती है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता
चिकित्सकों ने बताया कि स्वर्ण प्राशन एक पूर्ण आयुर्वेदिक विधि है. जो हजारों वर्षों से उपयोग में लाई जा रही है. यह बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक विकास के लिए आयुर्वेदिक सुरक्षित व्यवस्था है. यह शुद्ध स्वर्ण, गाय का घी, शहद, अश्वगंधा, ब्राह्मी, वचा, गिलोय, शंखपुष्पी जैसी औषधियों से निर्मित किया जाता है. इस टीका को पुष्य नक्षत्र में लेने की मान्यता है. इस दवा की चंद बूंदें ही बच्चों को पिलाई जाती है. चल रहे अभियान के तहत को पटना में 300 बच्चों को यह टीका पिलाया जाएगा. वहीं, अभियान के तहत अब तक ग्यारह सौ बच्चों का टीकाकरण हो चुका हैं.
'अभिभावकों का मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स'
यह टीका साल में 1 बार बच्चों को दिया जाता है और इसे 6 वर्ष तक लेना होता है. इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इस टीका से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है. राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि अभिभावकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. अभी तक जितने भी बच्चों को स्वर्ण प्राशन दिया गया है. उन बच्चों को लेकर किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं आई है. वहीं, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शिल्पी गुप्ता ने कहा कि आयुर्वेद में नवजात शिशु से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चे को स्वर्ण प्राशन दिया जाता है. लेकिन अभी हमारे यहां 6 साल से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चे को स्वर्ण प्राशन कराया जा रहा है.
स्वर्ण प्राशन के गुण
स्वर्ण प्राशन को उपयोग में लेने से बच्चों में बार-बार होने वाली बीमारियां जैसे खासी, सर्दी, जुकाम, सिर दर्द, शरीर में दर्द जैसी अन्य समस्याएं समाप्त हो जाती है. इसके साथ ही बच्चों में शारीरिक और बौद्धिक विकास होता है. यह टीका खासकर बच्चों मे होने वाले चमकी बुखार, जापानी इंसफलाइटीस, डेंगू, मलेरिया समेत कई बीमारियों में कारगर है.
अपडेट
- आयुर्वेदिक अस्पताल में शुरू हुआ स्वर्ण प्राशन का चौथा टीकाकरण
- अब तक ग्यारह सौ बच्चों का हुआ टीकाकरण
- आज तीन सौ बच्चों का हुआ रजिस्ट्रेशन