पटना: बिहार में 24 सीटों पर एमएलसी का चुनाव (MLC Elections On 24 Seats in Bihar) होना है. इस चुनाव में स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेते हैं. पंचायत चुनाव में देरी की वजह से विधान परिषद चुनाव में भी देरी हुई और जो हालात है उससे संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव में और भी देरी हो सकती है. अब तक निर्वाचन आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. हालांकि राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं.
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दरअसल विधान परिषद चुनाव में स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं और इस बार बिहार सरकार की मंशा है कि पंच और सरपंच को भी स्थानीय निकाय में वोटिंग राइट मिले, इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है और उस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका है. दूसरी तरफ पटना उच्च न्यायालय में भी मामला लंबित है. याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि विधान परिषद चुनाव हर 2 साल पर होना चाहिए ताकि हर 2 साल पर स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों को वोटिंग करने का मौका मिले.
इस बारे में आरजेडी विधायक और अधिवक्ता राकेश रोशन ने कहा है कि सरकार की मंशा समय पर चुनाव कराने की नहीं है. लिहाजा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया गया है. विधान परिषद के चुनाव में पहले ही देरी हो चुकी है और अब अधिक देरी करना ठीक नहीं है.
हालांकि जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि अभी चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है. लिहाजा पार्टी की ओर से प्रत्याशियों का भी ऐलान नहीं किया जा सका है. चुनाव कब होंगे, यह तो चुनाव आयोग को तय करना है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि विधान परिषद चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है. चुनाव आयोग को यह तय करना है कि चुनाव कब कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जैसे ही चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर देगा, वैसे ही हम भी अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर देंगे.
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