पटना: राजधानी के फुलवारीशरीफ में टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) का पर्दाफाश होने के बाद जांच एजेंसियों की छापेमारी लगातार जारी है. मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और पटना के कई ठिकानों पर अलग-अलग टीमें छापेमारी कर रही हैं. इसका खुलासा शुक्रवार को एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो (Patna SSP Manavjit Singh Dhillon) ने किया है.
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फुलवारी शरीफ मामले में एक और खुलासा: फुलवारी शरीफ आतंकी मामले में पुलिस ने एक और खुलासा किया है. जांच के दौरान पटना पुलिस की विशेष टीम को फुलवारी शरीफ से संचालित हो रहे एक व्हाट्सएप ग्रुप के बारे में पता चला, जो सीधे-सीधे पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत कई इस्लामिक देशों से जुड़ा हुआ था. गजवा ए हिंद ग्रुप बनाकर पाकिस्तान के कई लोगों को ग्रुप में जोड़ने के आरोप में फुलवारी शरीफ से इलियास उर्फ ताहिर उर्फ मगरूब नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. यह शख्स व्हाट्सएप और मैसेंजर ग्रुप के जरिए पाकिस्तान और बांग्लादेश बात करता था.
गिरफ्तार आरोपियों को भेजा गया जेल: पाकिस्तान के आतंकी संगठन तहरीक ए लब्बैक और जम्मू एंड कश्मीर के आतंकी संगठन गजवा ए हिंद का सक्रिय सदस्य फूलवारी शरीफ के ईसापुर नहरपुरा पेट्रोल लाइन इलाके से पकड़ा गया है. कश्मीर के गजवा ए हिंद संगठन का सक्रिय सदस्य और फुलवारी में एक व्हाट्सएप ग्रुप गजवा ए हिंद का एडमिन बना मरगूब दानिश उर्फ ताहिर युवाओं को इस ग्रुप से जोड़ कर देश विरोधी अभियान को प्रचारित प्रसारित कर रहा था. वहीं बीएफआई और एसडीपीआई संगठन में देश विरोधी गतिविधियां चलाने वाले गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन के बाद तीसरे आरोपी अरमान मलिक को भी बेउर जेल भेज दिया गया है.
अबतक आधा दर्जन आरोपी गिरफ्तार: इस मामले में पुलिस ने अबतक आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में देश की कई इंटेलिजेंस एजेंसियों की टीम शामिल है. वहीं, इस मामले में 26 लोगों को नामजद कराए जाने की जानकारी मिलते ही 23 लोग भूमिगत हो गए. फुलवारी शरीफ में पाकिस्तान के आतंकी संगठन का कनेक्शन मिलने की जानकारी मिलते हीं बिहार के पुलिस मुख्यालय से लेकर दिल्ली के विदेश मंत्रालय तक हड़कंप मच गया. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एसएसपी पटना के नेतृत्व में फुलवारी के एडिशनल एसपी मनीष कुमार सिन्हा और फुलवारी थाना अध्यक्ष इकरार अहमद समेत कई दूसरे थानाध्यक्ष और भारी पुलिस टीम ईसापुर पेट्रोल इलाके में छापेमारी की जहां से आतंकी दानिश मरगूब को गिरफ्तार कर लिया गया.
व्हाट्सएप से नक्शा बरामद: दानिश मरगूब के व्हाट्सएप में जो नक्शा बना हुआ मिला है वह भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान को मिलाकर बनाया हुआ है. इसने अपने मोबाईल में दो ग्रुप बना रखा था. एक ग्रुप में 181 लोग जुड़े हुए थे. जिसमें सभी पाकिस्तान के थे और दूसरे ग्रुप में बंगलादेश, पाकिस्तान के लोग थे. दोनों ग्रुप का दानिश एडमिन था और ग्रुप बनाने वाला पाकिस्तान के रहने वाला फैजान था. जिसका सीधा संबंध गजवा-ए-हिन्द काश्मिर के आतंकी संगठन से है. जिसका कमांडर मुशा वर्ष 2019 में मुठभेड़ मारा गया था. इसके साथ ही पाकिस्तान का आतंकी संगठन तहरिक-ए-लब्बैक से भी वह जुड़ा हुआ था.
एसएसपी ने किया खुलासा: शुक्रवार की देर शाम एसएसपी पटना, फुलवारी शरीफ डीएसपी कार्यालय पहुंचे और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया. वहीं, मरगूब दानिश, पिता सैफुउद्दीन मूल रूप से बिहार शरीफ का रहने वाला है. इसका जन्म वर्ष 1996 में फुलवारी शरीफ में हुआ. इसके परिवार के कई सदस्य पाकिस्तान के कराची में रहते हैं. दानिश ने हाफिज, बस्तानिया और फोकानिया की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 2006 में गल्फ देश में नौकरी करने चला गया और 14 साल तक वहां नौकरी करने के बाद जब वह लॉकडाउन में आया, जिसके बाद फिर दोबारा नहीं गया. दानिश गल्फ देश में नौकरी करने के दौरान पाकिस्तानी संगठन तहरिक-ए-लब्बैक और गजवा-ए-हिन्द से जुड़ गया था.
19 लोगों की तलाश में एनआईए: बता दें कि इस मामले में अब तक 7 संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके है. हालांकि अब भी 19 लोगों की एनआईए को तलाश है. अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था. वहीं अब इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को अरेस्ट किया गया है. वहीं, पटना के सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) के कार्यालय में छापेमारी के दौरान पुलिस ने कुछ पोस्टर बरामद किए हैं. इसमें तीस्ता सीतलवाड़, आल्ट न्यूज के पत्रकार मो. जुबैर और श्री कुमार की तस्वीरें हैं.
क्या कहा था पटना एसएसपी ने?: दरअसल, पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पीएफआई का मॉडल वैसा ही था, जैसे आरएसएस की शाखा का होता है. उन्होंने कहा कि जैसे आरएसएस की शाखा आयोजित की जाती है और लाठी की ट्रेनिंग होती है, वैसे ही ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने एजेंडे और प्रोपोगेंडा के माध्यम से ब्रेनवॉश कर रहे थे.
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