पटनाः बिहार में बागेश्वर बाबा के आगमन को लेकर सियासत गरमा गई. लागातार सत्ता पक्ष के नेता धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगमन के विरोध में बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं बीजेपी के बड़े नेता भी बाबा के समर्थन में पलटवार करने से नहीं चूक रहे. इसी कड़ी में पूर्व उपमुख्यमंत्री बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार में हिम्मत है तो पटना आते ही धीरेंद्र शास्त्री को गिरफ्तार करें. बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाये और रामनवमी पर हुए हिंसक उपद्रव की न्यायिक जांच के लिए आयोग गठित करें.
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हिंदू विरोधी हो गई है महागठबंधन सरकारः सुशील मोदी ने कहा कि बागेश्वर बाबा को बिहार में प्रवेश नहीं करने देने की धमकी देना, बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग करना, रामचरित मानस का विरोध करना, दंगा पीड़ितों को आरोपी बता कर जेल में डालना, ब्राह्मणों को देश के बाहर का बताना, क्या ही महागठबंधन सरकार की धर्म निरपेक्षता है. यह सरकार हिंदू विरोधी होकर एकतरफा कार्रवाई कर रही है. इन सब चीजों से यह स्पष्ट है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है.
"बागेश्वर बाबा को बिहार में प्रवेश नहीं करने देने की धमकी देना, बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग करना, रामचरित मानस का विरोध करना, दंगा पीड़ितों को आरोपी बता कर जेल में डालना, ब्राह्मणों को देश के बाहर का बताना, क्या ही महागठबंधन सरकार की धर्म निरपेक्षता है. यह सरकार हिंदू विरोधी होकर एकतरफा कार्रवाई कर रही है. सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये सब कर रही है और हिंदुओं को निशाना बना रही है" - सुशील कुमार मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री
मुद्दे से भटका रही है सूबे की सरकारः पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पहली कैबिनेट से 10 लाख नौकरी देने का वादा अब तक पूरा नहीं हो पाया है. सूबे की सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये सब कर रही है और हिंदुओं को निशाना बना रही है. लालू और नीतीश ने फैसला कर लिया है कि उन्हें हिंदुओं का एक वोट नहीं चाहिए. ऐसे लोग जो देश को करबला बना देने वाले बयान पर चुप्पी साध लेते हैं, उन्हें बजरंग दल के बारे में कुछ भी बोलने का हक नहीं है. इनकी बोली आतंकी संगठन पीएफआई की गतिविधियों पर नहीं खुलती है.
PFI को मजबूत करने वाली कांग्रेस बजरंग दल पर बैन लगाना चाहती हैः सुशील मोदी ने कहा कि सासाराम में पांच बार के विधायक और कुशवाहा समाज के सम्मानित नेता जवाहर प्रसाद शांति बनाए रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे थे तो नीतीश सरकार ने उन्हें दंगाई घोषित कर जेल में डाल दिया. कर्नाटक में कांग्रेस की पिछली सरकार ने दंगा और हिंसा से जुड़े 16 सौ केस वापस लेकर PFI को मजबूत किया था और आज यही कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मंशा रखती है.