पटना: जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद डिप्टी सीएम सुशील मोदी मोबाइल की कीमत में मामूली वृद्धि की संभावना जताई है. उन्होंने कहा कि मोबाइल पर कर की विसंगति दूर कर 12 से 18 प्रतिशत करने से उसकी कीमत में मामूली वृद्धि की संभावना है.
-
PRESS RELEASE
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
==============
कर विसंगति दूर होने से मोबाइल की
कीमत पर मामूली असर-उपमुख्यमंत्री pic.twitter.com/RERA6ZuDqz
">PRESS RELEASE
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 15, 2020
==============
कर विसंगति दूर होने से मोबाइल की
कीमत पर मामूली असर-उपमुख्यमंत्री pic.twitter.com/RERA6ZuDqzPRESS RELEASE
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 15, 2020
==============
कर विसंगति दूर होने से मोबाइल की
कीमत पर मामूली असर-उपमुख्यमंत्री pic.twitter.com/RERA6ZuDqz
सुशील मोदी ने कहा कि मोबाइल पर जीएसटी की 12 और उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर 18 से 28 प्रतिशत टैक्स की दर है. इससे भारत में निर्मित मोबाइल सेट आयातित से महंगा पड़ रहा था. भारत में प्रतिवर्ष 29 करोड़ मोबाइल सेट का निर्माण होता है. निर्माताओं का 5,500 करोड़ रुपये रिफंड का बकाया है. आउटपुट से इनपुट पर कर की दर ज्यादा होने से ये बकाया है.
सीए से ऑडिट की अनिवार्यता खत्म- सुमो
डिप्टी सीएम ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में करदाताओं को राहत देते हुए किसी सीए से अपने खातों की ऑडिट कराने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. पहले दो करोड़ से ज्यादा वार्षिक टर्नओवर वालों के लिए ऑडिट करना अनिवार्य था. इससे उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था. अब वे आयकर, अन्य किसी कानून के तहत कराए गए ऑडिट रिपोर्ट को जीएसटी के अन्तर्गत दाखिल कर सकेंगे.
'कई अहम बदलाव किए गए'
सुशील मोदी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 5 करोड़ से कम टर्नओवर वालों को वार्षिक रिटर्न और रिकॉन्सिलेशन विवरणी दाखिल करने से मुक्त कर दिया गया है. शेष के लिए इसकी समय को 31 मार्च से बढ़ा कर 30 जून 2020 तक कर दिया गया है. अब पहली अप्रैल से जीएसटी के अन्तर्गत नए निबंधन कराने वालों के लिए आधार संख्या देना अनिवार्य कर दिया गया है. फर्जीवाड़े को रोकने लिए ऐसा किया गया है. साथ ही कोई भी डीलर इनकम टैक्स का भुगतान की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेगा.