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Bihar Politics: 'वाराणसी के होटल में तेज प्रताप के विवाद से बिहार की छवि हुई खराब'.. सुशील मोदी

वाराणसी के होटल में तेजप्रताप के समान को कमरे से निकालकर बाहर कर देने के मामले में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया (Sushil Modi reaction on Tej Pratap) व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि तेजप्रताप के कारनामे से बिहार की छवि खराब हुई है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Apr 8, 2023, 8:48 PM IST

पटना: बिहार के मंत्री तेजप्रताप यादव वाराणसी में एक होटल (Varanasi Hotel controversy) में ठहरे थे. वहां उन पर तय समय से ज्यादा देर तक रहने और पेमेंट को लेकर विवाद उत्पन्न करने को लेकर कमरे से सामान निकालकर रिसेप्शन पर रख दिया गया था. इस मामले में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कि है. उन्होंने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने वाराणसी के होटल में जो व्यवहार किया, उससे बिहार की छवि खराब हुई.

ये भी पढ़ेंः Violence in Bihar: 'सरकार की विफलता का नतीजा है बिहार में हिंसा.. फेल कर गए नीतीश कुमार', सुशील मोदी का हमला

सुशील मोदी ने की तेजप्रताप के आचरण की निंदा: सुशील मोदी ने कहा कि मंत्रियों के अमर्यादित आचरण और अनर्गल बयानों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई नियंत्रण नहीं रहा. वाराणसी के होटल प्रबंधन के अनुसार तेज प्रताप यादव ने तय समय में कमरा खाली नहीं किया. साथ ही होटल का बिल भुगतान भी नहीं किया. एक धार्मिक नगर में जाकर राज्य के मंत्री जैसे अहम पद पर होने के बाद भी वहीं के होटल प्रबंधन के साथ रंगदारों जैसा आचरण करने से बिहार की छवि खराब हुई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले होली पर वृंदावन से रासलीला मंडली बुलायी गई थी और पारिश्रमिक को लेकर विवाद बढ़ने पर उल्टे कलाकारों पर ही चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया था.

"मंत्रियों के अमर्यादित आचरण और अनर्गल बयानों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई नियंत्रण नहीं रहा. वाराणसी के होटल प्रबंधन के अनुसार तेज प्रताप यादव ने तय समय में कमरा खाली नहीं किया. साथ ही होटल का बिल भुगतान भी नहीं किया. एक धार्मिक नगर में जाकर राज्य के मंत्री जैसे अहम पद पर होने के बाद भी वहीं के होटल प्रबंधन के साथ रंगदारों जैसा आचरण करने से बिहार की छवि खराब हुई है" - सुशील मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री

क्या है मामला: बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप वाराणसी में एक होटल में रुके हुए थे. वहां उनके कमरे का समान उनकी गैर मौजूदगी में रिसेप्शन पर रखवा दिया गया. होटल प्रबंधन ने आरोप लगाया है कि कमरा बुकिंग होने का समय पूरा होने के बाद भी तेजप्रताप और उनके आदमी वहां रुके हुए थे. जब उनलोगों को रूम खाली करना था, तो तेजप्रताप कहीं बाहर चले गए थे. कई घंटे इंतजार के बाद उनके साथ आए एक व्यक्ति की मौजूदगी में उनके रूम और उनके साथ आए लोगों के रूम का सामान निकलवाकर सुरक्षित रिसेप्शन पर रखवा दिया गया. होटल प्रबंधक संदीप पारिख का कहना है कि सारा मामला होटल के बिल से जुड़ा है. तेजप्रताप और उनके लोगों ने होटल का बिल भी नहीं दिया है.

तेजप्रताप के लोगों ने दर्ज कराई है शिकायत: वहीं तेजप्रताप के निजी सहायक ने सिगरा थाने में एफआईआर दर्ज कराने को लेकर आवेदन दिया है. उसमें बताया गया है कि बिना तेजप्रताप के अनुमति और उपस्थिति के उनके कमरे से समान निकाला गया, जो मंत्री सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. साथ ही मंत्री के सहायकों और सुरक्षा स्टाफों के सामान को भी रूम से निकाल दिया गया और वहां उपस्थित एक अटेंडेंट को रूम से निकालकर रिसेप्शन पर बैठा दिया गया. यह मंत्री की सुरक्षा के लिए घातक है.

पटना: बिहार के मंत्री तेजप्रताप यादव वाराणसी में एक होटल (Varanasi Hotel controversy) में ठहरे थे. वहां उन पर तय समय से ज्यादा देर तक रहने और पेमेंट को लेकर विवाद उत्पन्न करने को लेकर कमरे से सामान निकालकर रिसेप्शन पर रख दिया गया था. इस मामले में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कि है. उन्होंने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने वाराणसी के होटल में जो व्यवहार किया, उससे बिहार की छवि खराब हुई.

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सुशील मोदी ने की तेजप्रताप के आचरण की निंदा: सुशील मोदी ने कहा कि मंत्रियों के अमर्यादित आचरण और अनर्गल बयानों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई नियंत्रण नहीं रहा. वाराणसी के होटल प्रबंधन के अनुसार तेज प्रताप यादव ने तय समय में कमरा खाली नहीं किया. साथ ही होटल का बिल भुगतान भी नहीं किया. एक धार्मिक नगर में जाकर राज्य के मंत्री जैसे अहम पद पर होने के बाद भी वहीं के होटल प्रबंधन के साथ रंगदारों जैसा आचरण करने से बिहार की छवि खराब हुई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले होली पर वृंदावन से रासलीला मंडली बुलायी गई थी और पारिश्रमिक को लेकर विवाद बढ़ने पर उल्टे कलाकारों पर ही चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया था.

"मंत्रियों के अमर्यादित आचरण और अनर्गल बयानों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई नियंत्रण नहीं रहा. वाराणसी के होटल प्रबंधन के अनुसार तेज प्रताप यादव ने तय समय में कमरा खाली नहीं किया. साथ ही होटल का बिल भुगतान भी नहीं किया. एक धार्मिक नगर में जाकर राज्य के मंत्री जैसे अहम पद पर होने के बाद भी वहीं के होटल प्रबंधन के साथ रंगदारों जैसा आचरण करने से बिहार की छवि खराब हुई है" - सुशील मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री

क्या है मामला: बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप वाराणसी में एक होटल में रुके हुए थे. वहां उनके कमरे का समान उनकी गैर मौजूदगी में रिसेप्शन पर रखवा दिया गया. होटल प्रबंधन ने आरोप लगाया है कि कमरा बुकिंग होने का समय पूरा होने के बाद भी तेजप्रताप और उनके आदमी वहां रुके हुए थे. जब उनलोगों को रूम खाली करना था, तो तेजप्रताप कहीं बाहर चले गए थे. कई घंटे इंतजार के बाद उनके साथ आए एक व्यक्ति की मौजूदगी में उनके रूम और उनके साथ आए लोगों के रूम का सामान निकलवाकर सुरक्षित रिसेप्शन पर रखवा दिया गया. होटल प्रबंधक संदीप पारिख का कहना है कि सारा मामला होटल के बिल से जुड़ा है. तेजप्रताप और उनके लोगों ने होटल का बिल भी नहीं दिया है.

तेजप्रताप के लोगों ने दर्ज कराई है शिकायत: वहीं तेजप्रताप के निजी सहायक ने सिगरा थाने में एफआईआर दर्ज कराने को लेकर आवेदन दिया है. उसमें बताया गया है कि बिना तेजप्रताप के अनुमति और उपस्थिति के उनके कमरे से समान निकाला गया, जो मंत्री सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. साथ ही मंत्री के सहायकों और सुरक्षा स्टाफों के सामान को भी रूम से निकाल दिया गया और वहां उपस्थित एक अटेंडेंट को रूम से निकालकर रिसेप्शन पर बैठा दिया गया. यह मंत्री की सुरक्षा के लिए घातक है.

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