पटना: अर्थव्यवस्था पर बीजेपी बचाव की मुद्रा में है. इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है.
'केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में लाएगी तेजी'
बिहार के वित्त मंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा.'
'बिहार में मंदी का खास असर नहीं'
उन्होंने कहा, 'वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार मंदी का ज्यादा शोर मचा कर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं. "सुशील मोदी ने कहा, 'बिहार में मंदी का खास असर नहीं है इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी. केंद्र सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है."
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केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
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वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार....... pic.twitter.com/6pu1xkqzWPकेंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
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देश एक बड़ी आर्थिक मंदी की ओर
गौरतलब है कि इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी की दर 5 फीसदी पर सिमट गई. अर्थव्यस्था के जानकारों का कहना है कि देश एक बड़ी आर्थिक मंदी की ओर जा रहा है. हालांकि सरकार की ओर से कई उपाय किए गए हैं लेकिन इनको नाकाफी बताया जा रहा है. अगर पिछली पांच तिमाहियों पर नजर डाला जाए तो पिछले साल इस दौरान जीडीपी आठ फीसदी थी और फिर यह गिरकर सात प्रतिशत, 6.6 प्रतिशत, 5.8 प्रतिशत और आखिरकार अब पांच प्रतिशत पर आ गई. यह गिरावट तेजी से हुई.
वहीं, देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि जीडीपी में गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक मंदी है. लेकिन हमारी विकास दर कई देशों की तुलना में ठीक है.