पटना: बिहार के सीएम द्वारा गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में 30 हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. इसके लिए एक भव्य आयोजन किया गया है. सीएम नीतीश के इस आयोजन को लेकर बिहार की तमाम राजनीतिक पार्टियां तंज कसने में लग गई है. इस लिस्ट में बीजेपी के लिडर सबसे आगे है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कार्यक्रम पर सीएम नीतीश को घेरते हुए हमला बोला है.
10 हजार उत्तीर्ण लोगों ने नहीं ली नौकरी: उन्होंने कहा कि शिक्षकों के 1.7 लाख पद रहते हुए राज्य सरकार बमुश्किल से 30 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र देने जा रही है. इस मेगा इवेंट का आयोजन गड़बड़ियों पर पर्दा डालने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि 9 से 12वीं कक्षा के लिए आवेदन ही अपेक्षा से 40 हजार कम आए है. ऐसे में 1.22 लाख अभ्यर्थियों के पास होने के बाद भी 48 हजार पद खाली रह गए. वहीं, 10 हजार उत्तीर्ण लोगों ने बिहार सरकार की नौकरी स्वीकार ही नहीं की है. उन्होंने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने नौकरी स्वीकार की, उनमें मुश्किल से 30 हजार ही बिहारी युवा हैं. बाकि अन्य राज्यों के लगभग 40 हजार युवा बिहार में शिक्षक बनेंगे.
"37,500 वो नियोजित शिक्षक हैं जो पहले से सरकारी सेवा में हैं और अब उन्हें नियुक्ति दी जा रही है. इस शिक्षक नियुक्ति में जितनी गड़बड़ियां हुई हैं, उन सब पर पर्दा डालने के लिए गांधी मैदान में मेगा इवेंट आयोजित किया जा रहा है. यह बिहार के युवाओं के साथ धोखा है." - सुशील कुमार, राज्यसभा सांसद.
17 साल में बिहार की शिक्षा व्यवस्था को किया बर्बाद: उन्होंने कहा कि हालत यह है कि प्लस-टू स्कूलों में गणित, भौतिकी और रसायन शास्त्र जैसे कई महत्वपूर्ण विषय पढाने वाले योग्य शिक्षक नहीं मिल रहे है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था, जबकि 14 महीने में वे 1.25 लाख लोगों को भी शिक्षक की नौकरी नहीं दे पाई है. ऐसे तो 25 साल में भी 10 लाख नौकरी नहीं दे पाएंगें. उन्होंने कहा कि जदयू और नीतीश कुमार ने 17 साल में बिहार की शिक्षा को बर्बाद कर दिया है. यह विभाग उन्हीं की पार्टी के पास रहा है.
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