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जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बने 'पर्यावरण बजट': सुशील मोदी

सुशील मोदी ने केंद्र सरकार से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के समान बिहार को भी पुआल जलाने से किसानों को रोकने के लिए सहायता की मांग की.

सुशील मोदी
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Published : Dec 18, 2019, 4:40 PM IST

नई दिल्ली/पटना : नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ राज्यों के वित्त मंत्रियों की 'बजट पूर्व सुझाव' के लिए आयोजित बैठक में उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हिस्सा लिया. उन्होंने जलवायु परिवर्तन की वजह से बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्यों के कृषि और स्वास्थ्य पर हो रहे प्रभाव के अध्ययन के लिए राष्ट्रीय स्तर का शोध संस्थान बनाने और उससे मुकाबले के लिए 'पर्यावरण बजट' पेश करने का सुझाव दिया. जिसमें प्रत्येक विभागों की ओर से जलवायु परिवर्तन के असर से निबटने के लिए खर्च के प्रावधान और ‘कार्बन फुट प्रिंट’ को कम करने के लिए किए गए प्रयासों का समावेश हो.

सुशील मोदी ने बिहार सरकार की ओर से जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले 3 साल में तालाब, पोखर, आहर, पाईन जैसे जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने पर किए जा रहे 13 हजार करोड़ रुपये के खर्च के लिए केन्द्र से योजना बना कर मदद करने और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के समान बिहार को भी पुआल जलाने से किसानों को रोकने के लिए सहायता की मांग की.

PATNA
दिल्ली में वित्त मंत्रियों की बैठक

बिहार के लिए सुमो ने की कई मांग
बैठक में सुशील मोदी ने विधवा, वृद्ध और दिव्यांग पेंशन योजना में केन्द्रीय अंशदान की राशि बढ़ाने, राज्य के सभी 45 लाख वृद्धों को दी जा रही पेंशन की राशि वहन करने 40 वर्ष से अधिक उम्र की जगह सभी उम्र की विधवाओं को पेंशन देने और पेंशन के लिए 80 प्रतिशत दिव्यांगता की सीमा को घटा कर 40 प्रतिशत करने और जीवन ज्योति बीमा, अटल पेंशन योजना को फिर से पुनर्गठित करने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने जीविका समूह की 22 लाख महिलाओं के दुर्घटना बीमा के प्रीमियम की आधी राशि राज्य सरकार की ओर से जमा कराये जाने के बावजूद केन्द्र की ओर से एलआईसी के माध्यम से शेष आधी राशि नहीं जमा कराने की वजह से उन्हें दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया.

ये भी पढ़ें: भिखारी ठाकुर को देवता मानने वाले शिष्य ने कहा- वो कहते थे, मैं नहीं रहूंगा तो खूब याद करोगे

शहरों के लिए योजनाओं पर मांगी स्वीकृति
इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाओं को बैंकों द्वारा 10 हजार रुपये का ओवरड्राफ्ट देने, सभी समूहों को 7 फीसदी ब्याज पर ऋण और समय पर ऋण चुकाने वालों को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान देने, ग्रामीण क्षेत्र में बैंक शखाओं के साथ एटीएम खोलना अनिवार्य करने, मध्याह्न भोजन योजना के रसोइए का मानदेय बढ़ा कर 3 हजार करने और नामामि गंगे परियोजना में शामिल राज्य के 17 शहरों के अलावा किसी भी नदी के किनारे बसे अन्य सभी शहरों के लिए भी सिवरेज और एसटीपी परियोजना स्वीकृत करने की मांग की.

नई दिल्ली/पटना : नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ राज्यों के वित्त मंत्रियों की 'बजट पूर्व सुझाव' के लिए आयोजित बैठक में उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हिस्सा लिया. उन्होंने जलवायु परिवर्तन की वजह से बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्यों के कृषि और स्वास्थ्य पर हो रहे प्रभाव के अध्ययन के लिए राष्ट्रीय स्तर का शोध संस्थान बनाने और उससे मुकाबले के लिए 'पर्यावरण बजट' पेश करने का सुझाव दिया. जिसमें प्रत्येक विभागों की ओर से जलवायु परिवर्तन के असर से निबटने के लिए खर्च के प्रावधान और ‘कार्बन फुट प्रिंट’ को कम करने के लिए किए गए प्रयासों का समावेश हो.

सुशील मोदी ने बिहार सरकार की ओर से जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले 3 साल में तालाब, पोखर, आहर, पाईन जैसे जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने पर किए जा रहे 13 हजार करोड़ रुपये के खर्च के लिए केन्द्र से योजना बना कर मदद करने और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के समान बिहार को भी पुआल जलाने से किसानों को रोकने के लिए सहायता की मांग की.

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दिल्ली में वित्त मंत्रियों की बैठक

बिहार के लिए सुमो ने की कई मांग
बैठक में सुशील मोदी ने विधवा, वृद्ध और दिव्यांग पेंशन योजना में केन्द्रीय अंशदान की राशि बढ़ाने, राज्य के सभी 45 लाख वृद्धों को दी जा रही पेंशन की राशि वहन करने 40 वर्ष से अधिक उम्र की जगह सभी उम्र की विधवाओं को पेंशन देने और पेंशन के लिए 80 प्रतिशत दिव्यांगता की सीमा को घटा कर 40 प्रतिशत करने और जीवन ज्योति बीमा, अटल पेंशन योजना को फिर से पुनर्गठित करने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने जीविका समूह की 22 लाख महिलाओं के दुर्घटना बीमा के प्रीमियम की आधी राशि राज्य सरकार की ओर से जमा कराये जाने के बावजूद केन्द्र की ओर से एलआईसी के माध्यम से शेष आधी राशि नहीं जमा कराने की वजह से उन्हें दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया.

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शहरों के लिए योजनाओं पर मांगी स्वीकृति
इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाओं को बैंकों द्वारा 10 हजार रुपये का ओवरड्राफ्ट देने, सभी समूहों को 7 फीसदी ब्याज पर ऋण और समय पर ऋण चुकाने वालों को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान देने, ग्रामीण क्षेत्र में बैंक शखाओं के साथ एटीएम खोलना अनिवार्य करने, मध्याह्न भोजन योजना के रसोइए का मानदेय बढ़ा कर 3 हजार करने और नामामि गंगे परियोजना में शामिल राज्य के 17 शहरों के अलावा किसी भी नदी के किनारे बसे अन्य सभी शहरों के लिए भी सिवरेज और एसटीपी परियोजना स्वीकृत करने की मांग की.

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