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तेजस्वी के ट्वीट पर सुमो का पलटवार, कहा- कश्मीर में पहली बार नहीं लगा है कर्फ्यू

हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा था कि देश की आवाम को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बारे में जानने का हक है. सरकार बताए कि उन्हें कहां नजरबंद किया गया है. इसी बयान पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पलटवार किया है.

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Published : Aug 16, 2019, 11:25 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 11:53 PM IST

पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सवाल पर कहा है कि कश्मीर में कर्फ्यू कोई पहली बार नहीं लगा है. पहले भी कांग्रेस के शासनकाल में वहां धारा-144 लगती थी. अब जब बीजेपी सरकार वहां शांति, अमन, चैन स्थापित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद कर रही है तो विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है.

'कांग्रेस बताए क्यों 11 सालों तक शेख अब्दुल्ला को जेल में रखा'
सुशील मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर के बड़े नेता हुआ करते थे शेख अब्दुल्ला, जो वहां के प्रधानमंत्री और बाद में मुख्यमंत्री रहे. वह भारत और पाकिस्तान में मिलने के बजाय अलग कश्मीर की मांग करते थे. शेख अब्दुल्ला नेहरू के करीबी दोस्त भी थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बताए कि 1950 के दशक में शेख अब्दुल्ला को 11 साल तक क्यों जेल में बंद रखा और नजरबंद रखा था.

सुशील मोदी का बयान

विपक्ष इसे एक मुद्दा बना रहा है
सुमो ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय सवाल क्यों नहीं उठाए. अब जब कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर कायम रखने के लिए कुछ नेताओं को थोड़े समय के लिए नजरबंद रखा गया है, तब कुछ लोग खुद को ह्यूमन राइट्स के सबसे बड़े हिमायती बता रहे हैं. विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में जाकर और जगह-जगह विदेशों में जाकर इसे एक मुद्दा बनाना चाहता है.

तेजस्वी ने ट्वीट कर उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि हाल ही में तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा था कि देश की आवाम को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बारे में जानने का हक है. जनता जानना चाहती है कि उन्हें कहां नजरबंद किया गया है. तेजस्वी के इस बयान का कुछ कांग्रेसी नेताओं ने भी समर्थन किया था. इसी बयान पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पलटवार किया है.

पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सवाल पर कहा है कि कश्मीर में कर्फ्यू कोई पहली बार नहीं लगा है. पहले भी कांग्रेस के शासनकाल में वहां धारा-144 लगती थी. अब जब बीजेपी सरकार वहां शांति, अमन, चैन स्थापित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद कर रही है तो विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है.

'कांग्रेस बताए क्यों 11 सालों तक शेख अब्दुल्ला को जेल में रखा'
सुशील मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर के बड़े नेता हुआ करते थे शेख अब्दुल्ला, जो वहां के प्रधानमंत्री और बाद में मुख्यमंत्री रहे. वह भारत और पाकिस्तान में मिलने के बजाय अलग कश्मीर की मांग करते थे. शेख अब्दुल्ला नेहरू के करीबी दोस्त भी थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बताए कि 1950 के दशक में शेख अब्दुल्ला को 11 साल तक क्यों जेल में बंद रखा और नजरबंद रखा था.

सुशील मोदी का बयान

विपक्ष इसे एक मुद्दा बना रहा है
सुमो ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय सवाल क्यों नहीं उठाए. अब जब कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर कायम रखने के लिए कुछ नेताओं को थोड़े समय के लिए नजरबंद रखा गया है, तब कुछ लोग खुद को ह्यूमन राइट्स के सबसे बड़े हिमायती बता रहे हैं. विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में जाकर और जगह-जगह विदेशों में जाकर इसे एक मुद्दा बनाना चाहता है.

तेजस्वी ने ट्वीट कर उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि हाल ही में तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा था कि देश की आवाम को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बारे में जानने का हक है. जनता जानना चाहती है कि उन्हें कहां नजरबंद किया गया है. तेजस्वी के इस बयान का कुछ कांग्रेसी नेताओं ने भी समर्थन किया था. इसी बयान पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पलटवार किया है.

Intro:इन दिनों हाल ही में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा था कि देश को मुख्यमंत्रियों के बारे में जानने का हक है जिन्हें नजरबंद किया गया है. कांग्रेस पार्टी समेत अन्य कुछ विपक्षी दलों द्वारा भी लगातार कश्मीर में नेताओं को नजरबंद किए जाने पर सवाल खड़ा किया जा रहा है. इस पूरे प्रकरण पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कांग्रेस को जमकर सुनाई. उन्होंने कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू कोई पहली बार नहीं लगा है.


Body:सुशील मोदी ने कहा कि कश्मीर के बड़े नेता हुआ करते थे शेख अब्दुल्ला और वह वहां के प्रधानमंत्री और बाद के मुख्यमंत्री भी रहे थे. शेख अब्दुल्ला भारत और पाकिस्तान में मिलने के बजाय अलग कश्मीर की मांग करते थे और वह नेहरू के दोस्त भी थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बताएं कि 1950 के दशक में शेख अब्दुल्ला को 11 साल तक क्यों जेल में बंद रखा और नजरबंद रखा. उस वक्त उन्होंने सवाल नहीं उठाए और आज जब कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर कायम रखने के लिए कुछ नेताओं को थोड़े समय के लिए नजरबंद रखा गया है तब यह लोग जो खुद को ह्यूमन राइट्स मानवाधिकार के सबसे बड़े हिमायती बताते हैं वह सुप्रीम कोर्ट में जाकर और जगह-जगह विदेशों में जाकर इसे एक मुद्दा बनाना चाहते हैं.


Conclusion:सुशील मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू कोई पहली बार लगा है क्या? पहली बार इंटरनेट सेवा बंद हुई है क्या?.. कश्मीर में पहले भी महीनों तक कर्फ्यू रहा है. कांग्रेस की सरकार को तो कर्फ्यू का सरकार कहा जाता था.. सुशील मोदी ने कहा कि दशकों तक कांग्रेस ने इंटरनेट की सेवा को कश्मीर तक नहीं पहुंचने दिया लेकिन अटल बिहारी वाजपेई की सरकार जब आए तब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सुविधा बहाल किया. 70 साल में 44000 लोग कश्मीर में बलिदान हुए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल में 370 को अस्थाई से स्थाई नहीं बना पाई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में भी कहा कि क्यों नहीं ही कांग्रेस को हिम्मत थी तो 370 को स्थाई बना दिया.
Last Updated : Aug 16, 2019, 11:53 PM IST
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