पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Modi) ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान जिस 'वंदे मातरम्' का जय घोष कर क्रांतिकारियों ने संघर्ष और उत्सर्ग की ऊर्जा पायी, उसके गायन को नीतीश कुमार ने वोट बैंक की राजनीति के दबाव में बंद करा दिया. उन्हें 'भारत माता की जय' बोलना भी 'साम्प्रदायिक' लगता है.
ये भी पढ़ें - Bihar Budget Session: बजट सत्र के समापन पर राष्ट्रगीत की जगह बिहार गीत गाने पर सियासत, विपक्ष ने लगाए आरोप
'नीतीश कुमार ने परंपरा को समाप्त किया' : सुशील मोदी ने कहा कि संसद सत्र का शुभारम्भ राष्ट्रगान 'जन गण मन' से और समापन राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' से करने की परम्परा 1992 में कांग्रेस सरकार के समय से अब तक जारी है. उन्होंने कहा कि बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों में यह संसदीय परम्परा एनडीए सरकार के समय शुरू की गयी. लेकिन भाजपा को धोखा देकर राजद के साथ जाते ही नीतीश कुमार ने समापन सत्र में 'वंदे मातरम्' को बंद करा दिया.
''बिहार के राज्य गीत पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह राष्ट्रगीत का स्थान नहीं ले सकता! नीतीश कुमार ने एक वर्ग विशेष को खुश कर सत्ता में आजीवन बने रहने की मंशा से राष्ट्र गीत का तिरस्कार किया.''- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद
'बिहार में अगली सरकार भाजपा की बनेगी' : सुशीश मोदी ने भाजपा के स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को बधाई दी और कहा कि देश भक्ति को दलगत चुनावी राजनीति से ऊपर रखने की वजह से ही हमारे लिए वोट बैंक नहीं, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत ,राष्ट्र ध्वज और देशहित सर्वोपरि है. यही प्रेरक शक्ति भाजपा को दूसरे दलों से भिन्न और विश्वसनीय बनाती है. उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार एक वर्ग के दुराग्रही दबाव में चाहे राष्ट्रगीत बंद करायें, चाहे राम भक्तों पर पत्थरबाजी करने वालों को बचाते रहें, लेकिन बिहार में अगली सरकार भाजपा की ही बनेगी.