ETV Bharat / state

'CM ने कह दिया तो कह दिया, 2010 के अनुसार ही होगा NPR'

आरजेडी ने एनपीआर को 2010 के मुताबिक करने की मांग की है. आरजेडी की तरफ से लाया गया एनपीआर पर कार्य स्थगन को विधानसभा में मंजूर कर लिया गया. इस चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर जमकर नोकझोंक हुई. साथ में जमकर ठहाके भी लगे.

patna
वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी
author img

By

Published : Feb 25, 2020, 1:08 PM IST

पटनाः बिहार विधानमंडल में कार्य स्थगन प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है और सदन में सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर विशेष चर्चा हो रही है. वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि जब सीएम नीतीश कुमार ने कह दिया कि 2010 के अनुसार ही एनपीआर होगा तो उसी आधार पर ही होगा.

एनपीआर को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच गरमागरम बहस हुई. इस दौरान डिप्टी सीएम ने सदन में स्पष्ट करते हुए कहा कि एनपीआर कांग्रेस की सरकार में शुरू हुई है. 2011 में जनगणना से पहले 2010 में एनपीआर कांग्रेस इसे लेकर आयी थी. यह एनडीए सरकार का फैसला नहीं है. सुशील मोदी ने सदन में सदस्यों को आश्वस्त कराते हुए कहा कि एनपीआर में किसी तरह का दस्तावेज नहीं दिखाना है. उन्होंने विपक्षी नेताओं पर इस दौरान जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.

'2010 की तरह हो एनपीआर'
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि एनपीआर 2010 के प्रस्ताव के मुताबिक होना चाहिए आज सरकार यह प्रस्ताव पारित करें. तेजस्वी ने कहा कि गरीब आदिवासी, पिछड़ा, अति पिछड़ा के कागजात बाढ़ में बह गए हों या फिर जल गए, वह नागरिक होने का प्रमाण कैसे दे सकता है. सरकार आधार वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट को नहीं मान रही है, यह कैसे होगा.

patna
सदन में अपनी बात रखते नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

'सीएम और डिप्टी सीए के बयान में विरोधाभास'
दूसरी तरफ आरजेडी के वरिष्ठ विधायक अब्दुल बारी सिद्धकी ने मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के बयान को विरोधाभास बताया है. सिद्धकी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री भी कुछ और बोल रहे हैं. इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री में यहीं अंतर है कि उपमुख्यमंत्री बोल चुके हैं और मुख्यमंत्री बोलने वाले हैं. इस पर सदन में खूब ठहाका लगा.

पटनाः बिहार विधानमंडल में कार्य स्थगन प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है और सदन में सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर विशेष चर्चा हो रही है. वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि जब सीएम नीतीश कुमार ने कह दिया कि 2010 के अनुसार ही एनपीआर होगा तो उसी आधार पर ही होगा.

एनपीआर को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच गरमागरम बहस हुई. इस दौरान डिप्टी सीएम ने सदन में स्पष्ट करते हुए कहा कि एनपीआर कांग्रेस की सरकार में शुरू हुई है. 2011 में जनगणना से पहले 2010 में एनपीआर कांग्रेस इसे लेकर आयी थी. यह एनडीए सरकार का फैसला नहीं है. सुशील मोदी ने सदन में सदस्यों को आश्वस्त कराते हुए कहा कि एनपीआर में किसी तरह का दस्तावेज नहीं दिखाना है. उन्होंने विपक्षी नेताओं पर इस दौरान जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.

'2010 की तरह हो एनपीआर'
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि एनपीआर 2010 के प्रस्ताव के मुताबिक होना चाहिए आज सरकार यह प्रस्ताव पारित करें. तेजस्वी ने कहा कि गरीब आदिवासी, पिछड़ा, अति पिछड़ा के कागजात बाढ़ में बह गए हों या फिर जल गए, वह नागरिक होने का प्रमाण कैसे दे सकता है. सरकार आधार वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट को नहीं मान रही है, यह कैसे होगा.

patna
सदन में अपनी बात रखते नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

'सीएम और डिप्टी सीए के बयान में विरोधाभास'
दूसरी तरफ आरजेडी के वरिष्ठ विधायक अब्दुल बारी सिद्धकी ने मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के बयान को विरोधाभास बताया है. सिद्धकी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री भी कुछ और बोल रहे हैं. इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री में यहीं अंतर है कि उपमुख्यमंत्री बोल चुके हैं और मुख्यमंत्री बोलने वाले हैं. इस पर सदन में खूब ठहाका लगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.