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असली अन्नदाता खेत में, केवल हताश राजनीतिक दल आंदोलन के पीछे: सुशील कुमार मोदी - किसान आंदोलन

सुशील मोदी ने कहा कि पंजाब-हरियाणा के किसानों को छोड कर लगभग पूरे देश के किसान तीन नये कृषि कानून से होने वाले फायदे समझ रहे हैं, इसीलिए दिल्ली से बाहर बिहार सहित किसी भी राज्य में असली अन्नदाता आंदोलन में नहीं, बल्कि खेत-खलिहान में दिखा.

Sushil Kumar Modi
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Published : Dec 8, 2020, 11:20 AM IST

पटना: कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के भारत बंद के समर्थन में विपक्षी दल भी उतर आए हैं. देश भर से अलग-अलग हिस्सों में कृषि कानून के खिलाफ किसान आज सड़कों पर है. भारत बंद को लेकर बिहार के कई जिलों में प्रदर्शन जारी है. इसी बीच बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट किया है.

सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि 'असली अन्नदाता खेत में, हताश लोग आंदोलन के पीछे...'

'फायदे को समझ रहे हैं किसान'
सुशील मोदी ने कहा कि पंजाब-हरियाणा के किसानों को छोड कर लगभग पूरे देश के किसान तीन नये कृषि कानून से होने वाले फायदे समझ रहे हैं, इसीलिए दिल्ली से बाहर बिहार सहित किसी भी राज्य में असली अन्नदाता आंदोलन में नहीं, बल्कि खेत-खलिहानों में दिखे.

  • असली अन्नदाता खेत में, हताश लोग आंदोलन के पीछे... pic.twitter.com/QS4OMPNIPn

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है.

पटना: कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के भारत बंद के समर्थन में विपक्षी दल भी उतर आए हैं. देश भर से अलग-अलग हिस्सों में कृषि कानून के खिलाफ किसान आज सड़कों पर है. भारत बंद को लेकर बिहार के कई जिलों में प्रदर्शन जारी है. इसी बीच बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट किया है.

सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि 'असली अन्नदाता खेत में, हताश लोग आंदोलन के पीछे...'

'फायदे को समझ रहे हैं किसान'
सुशील मोदी ने कहा कि पंजाब-हरियाणा के किसानों को छोड कर लगभग पूरे देश के किसान तीन नये कृषि कानून से होने वाले फायदे समझ रहे हैं, इसीलिए दिल्ली से बाहर बिहार सहित किसी भी राज्य में असली अन्नदाता आंदोलन में नहीं, बल्कि खेत-खलिहानों में दिखे.

  • असली अन्नदाता खेत में, हताश लोग आंदोलन के पीछे... pic.twitter.com/QS4OMPNIPn

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है.

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